India First TV Show: जब भारत में टेलीविजन आया था, तब लोगों के पास एंटरटेनमेंट के बहुत ही कम के साधन हुआ करते थे. रेडियो, अखबार और किताबें ही लोगों की दुनिया हुआ करती थीं. फिर जब टीवी आया, तो लोगों को एक साथ बैठकर कुछ नया देखने का मौका मिला. हालांकि उस समय टीवी शोज बहुत कम थे, लेकिन जो भी आता था, वो पूरे परिवार साथ बैठकर देखता था. उस दौर में भारत का सबसे पहला टीवी शो आया था, जो हर घर की पहली पसंद बन गया था.
भारत में फिल्मी दुनिया की शुरुआत 129 साल पहले हुई थी. तब लोग बड़े पर्दे पर फिल्में देखने जाया करते थे वो भी कभी कभार, लेकिन जब टीवी आया तो वो भी किसी किसी के घर. जहां अडोसी-पड़ोसी एक दूसरे के घर देखने जाया करते थे. तब जिंदगी भी बहुत सीधी-सादी और संघर्षों से भरी थी. परिवारों में रिश्ते गहरे होते थे और हर दिन की छोटी-छोटी बातें खास लगती थीं. लोग भावनाओं से जुड़ी कहानियों को पसंद करते थे. उसी दौर में एक ऐसा धारावाहिक आया, जो आम जिंदगी से जुड़ा था.
उस शो में आम लोगों की बातें, सपने और समस्याएं दिखाई गई थीं, जो सबका दिल छू कर गया. उस शो में किसी फिल्मी चमक नहीं थी, बस सच्चाई और अपनापन था. लोग हर शो में अपनी कहानी ढूंढने की कोशिश करते थे और एक साथ देखना पसंद करते थे, जो उस शो में मिला. इस शो का नाम था 'हम लोग'. ये भारत का पहला टेलीविजन शो था, जिसे लोगों ने बेहद पसंद किया. ये शो 1984 को दूरदर्शन पर शुरू हुआ और 1985 तक चला. इसके कुल 156 एपिसोड थे.
ये कहानी एक मिडिल क्लास परिवार की थी, जिसमें हर सदस्य की अपनी सोच और संघर्ष थे. इसे मनोहर श्याम जोशी ने लिखा था और निर्देशन पी. कुमार वासुदेव ने किया था. इसके आखिर में अशोक कुमार दर्शकों से बातें करते थे. 'हम लोग' में कई ऐसे किरदार थे, जिनसे दर्शक खुद को जोड़ पाए. विनोद नागपाल ने पिता का किरदार निभाया और जयश्री अरोड़ा बनीं मां. बाकी कलाकारों में राजेश पुरी, सीमा पाहवा, दिव्या सेठ, लवलीन मिश्रा, और सुषमा सेठ जैसे नाम शामिल थे.
हर किरदार की अपनी अलग पहचान और सपना था कोई डॉक्टर बनना चाहता था, कोई एक्टर, कोई समाजसेविका तो कोई क्रिकेटर. इस शो की कहानी दिल्ली में रहने वाले एक सिंपल से परिवार की थी. पिता शराबी थे, मां घर संभालती थीं और बच्चे अपने-अपने सपनों के पीछे भागते थे. दादी-दादा की उपस्थिति से घर में परंपरा और अनुभव की अहमियत भी दिखाई गई. शो में बेरोजगारी, नशा, दहेज, नारी सशक्तिकरण और शिक्षा जैसे मुद्दों को बड़े सरल ढंग से दिखाया गया.
ये सिर्फ एंटरटेनमेंट नहीं था, बल्कि समाज को आईना दिखाने वाला शो था. 'हम लोग' को उस समय में जबरदस्त लोकप्रियता मिली थी. दर्शक इसके किरदारों को अपने परिवार का हिस्सा मानने लगे थे. हर हफ्ते लोग बेसब्री से नए एपिसोड का इंतजार करते थे. खासकर अशोक कुमार की बातें लोगों के दिलों को छू जाती थीं और सोचने पर मजबूर कर देती थीं. जब ये शो खत्म हुआ तो लोग इमोशनल हो गए थे. ये शो भारतीय टेलीविजन का एक ऐतिहासिक पड़ाव बन गया, जिसको 5 करोड़ से ज्यादा व्यूज मिले थे.
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