China First Drone Ship: चीन ने हाल ही में एक बड़ा कदम उठाया है. उसने अपने पहले ड्रोन जहाज को लॉन्च किया है, जो रीयूजेबल रॉकेट्स को समुद्र से वापस लाने में मदद करेगा. इस तकनीक में महारत हासिल करने वाला चीन, अमेरिका के बाद दुनिया का दूसरा देश भी बन गया है. यह तकनीक अंतरिक्ष यात्रा को सस्ता बनाने और चीन के कमर्शियल स्पेस इंडस्ट्री को बढ़ावा देने में अहम भूमिका निभाएगी.
बीजिंग का टारगेट राज्य और प्राइवेट सेक्टर के निवेश को कंबाइंड करने के अमेरिका के नजरिए की नकल करके इंटेस स्पेस दौड़ में अमेरिका के साथ पकड़ बनाना है, जिसने एलन मस्क के स्पेसएक्स के लिए तकनीकी कामयाबियों के सिलसिले को आगे बढ़ाने के लिए एक रास्ता दिया.
इस नए पोत का नाम जिंगजी गुइहांग या 'इंटरस्टेलर रिटर्न' है, जिस बीजिंग स्थित निजी एयरोस्पेस फर्म आईस्पेस के जरिए तैयार किया गया है, और इसका इस्तेमाल आखिराकर कई चीनी मैन्युफैक्चरर्स के द्वारा फिर से रीयूजेबल रॉकेटों को रिकवर्ड करने के लिए किया जाएगा. कंपनी ने मंगलवार को प्रकाशित एक लेख में कहा, 'यह पोत इस साल के आखिर में आईस्पेस के SQX-3 रॉकेट के प्रक्षेपण के लिए डिज़ाइन किया गया है. भविष्य में यह अलग-अलग मध्यम से बड़े आका के रीयूजेबल रॉकेटों के लिए मरीन रिकवर्ड अभियानों के लिए भी उपयुक्त होगा.'
स्पेसएक्स के ड्रोन जहाजों की तरह आईस्पेस जहाज भी एक डायनामिक पोजिशनिंग सिस्टम से लैस है और स्वायत्त रूप से संचालित हो सकता है. इसका रिकवरी डेक क्षेत्रफल 2,400 वर्ग मीटर है - जो पहले फेज के रॉकेट बूस्टर को वापस लाने के लिए पर्याप्त है. आईस्पेस के मुताबिक, नया जहाज भारी भार संभाल सकता है और समुद्र में भी लौटते रॉकेट के पुर्जों को पकड़ने के लिए खुद को बेहतर स्थिति में रख सकता है. इसे जिआंगसू प्रांत के यंग्ज़हौ में बनाया और लॉन्च किया गया था, जहां अब इसे यांग्त्ज़ी नदी के तट पर और फिर अक्टूबर में डिलीवरी के लिए हैनान प्रांत भेजे जाने से पहले परीक्षण से गुजरना होगा.
रॉकेट रिकवरी जहाजों को प्रक्षेपण के बाद पहले फेज के बूस्टर जैसे रॉकेट भागों को फिर से प्राप्त करने तथा फिर उन्हें पुनः इस्तेमाल के लिए परिवहन करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जिससे कंपनियों को प्रक्षेपण लागत कम करने में मदद मिलेगी. आमतौर पर, हल्के पेलोड वाले मिशन लॉन्च साइट से वापस लौट आते हैं, लेकिन भारी पेलोड वाले या तेज रप्तार की जरूरत वाले मिशनों में अक्सर वापसी के लिए पर्याप्त फ्यूल नहीं होता है और इसके बजाय वे समुद्र में बूस्टर के साथ डॉक करने के लिए रिकवरी पोत पर निर्भर रहते हैं.
ये तकनीक असल में स्पेसएक्स ने तैयार की थी, जिसने 2015 में पहली बार ड्रोन जहाज का इस्तेमाल करके अपने फाल्कन 9 रॉकेट बूस्टर को सफलतापूर्वक पुनः प्राप्त किया था. अमेरिकी कंपनी के पास अब तीन ड्रोन जहाजों के साथ-साथ कई छोटे सहायक जहाजों का बेड़ा है. पिछले साल, इसने पहली बार अपने स्टारशिप मेगा-रॉकेट का बूस्टर बरामद किया था.
आईस्पेस के हालिया प्रक्षेपण से पहले अमेरिका दुनिया भर में रॉकेट रिकवरी जहाजों वाला एकमात्र देश था. इस परियोजना को सरकारी स्वामित्व वाली चेंगदू औद्योगिक निवेश समूह से संबद्ध एक फर्म से भी इन्वेस्टमेंट मिला था.
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