Bann Onion:भारत एक विविधताओं वाला देश है जहां हर तरह के लोग रहते हैं. कुछ लोग शाकाहारी हैं, तो कुछ मांस भी खाते हैं. वहीं कई लोग लहसुन और प्याज तक नहीं खाते. हालांकि, प्याज ज्यादातर भारतीय रसोई में आम सब्जी मानी जाती है और कई लोग इसे खूब इस्तेमाल करते हैं.
भारत में प्याज एक ऐसी सब्जी है जो लगभग हर घर की रसोई में जरूरी मानी जाती है. चाहे सब्जी बनानी हो या दाल का तड़का लगाना, सलाद तैयार करना हो या चटनी में स्वाद लाना, प्याज के बिना सब अधूरा लगता है. लेकिन भारत में एक ऐसा भी शहर है, जहां प्याज पूरी तरह से बैन है. यहां ना तो प्याज की खेती होती है और ना ही इसकी बिक्री होती है. इतना ही नहीं होटल और रेस्टोरेंट में भी प्याज से बनी कोई डिश नहीं मिलती.
यह अनोखा शहर कटरा है जो जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में स्थित है. यह वही स्थान है जहां से माता वैष्णो देवी की यात्रा की शुरुआत होती है. कटरा देश-विदेश से आने वाले लाखों श्रद्धालुओं का धार्मिक केंद्र है. इस जगह की पवित्रता और धार्मिक वातावरण को बनाए रखने के लिए सरकार ने यहां प्याज और लहसुन के इस्तेमाल पर पूरी तरह से रोक लगा रखी है.
हिंदू धर्म में प्याज और लहसुन को तामसिक भोजन की श्रेणी में रखा गया है. तामसिक भोजन वह होता है जो शरीर में आलस्य, क्रोध और अन्य विकार बढ़ाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पूजा-पाठ और व्रत के दौरान तामसिक भोजन से परहेज करना चाहिए. माता वैष्णो देवी के मंदिर के मुख्य रास्ते पर स्थित होने के कारण, कटरा को पूरी तरह सात्विक और शुद्ध वातावरण वाला स्थान माना जाता है.
कटरा में कोई भी प्याज से जुड़ी दुकान नहीं है. न तो इसे किराना दुकानों पर प्याज बेचा जाता है और न ही सब्जी मंडियों में इसकी आमद होती है. होटल और ढाबों में भी आपको प्याज-लहसुन से बनी कोई चीज नहीं मिलेगी. लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि यहां का खाना बेस्वाद होता है. यहां के रेस्टोरेंट बिना प्याज-लहसुन के बेहद स्वादिष्ट सात्विक भोजन परोसते हैं, जो श्रद्धालुओं के स्वाद और आस्था दोनों का ध्यान रखते हैं.
इस परंपरा को बनाए रखने में स्थानीय लोगों और सरकार दोनों का बड़ा योगदान है. प्रशासन ने यह सुनिश्चित किया है कि प्याज की बिक्री या खपत न हो. वहीं, स्थानीय निवासी भी इस नियम का पालन श्रद्धा के साथ करते हैं. कई दुकानदार बताते हैं कि उन्हें बाहरी पर्यटक प्याज मांगते हैं, लेकिन वे विनम्रता से मना कर देते हैं और सात्विक विकल्प सुझाते हैं.
कटरा भारत का वह इकलौता शहर है जिसने प्याज जैसी आम चीज को पूरी श्रद्धा के साथ त्याग दिया है. यह न सिर्फ धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह दिखाता है कि जब किसी समुदाय का समर्पण और आस्था प्रबल होती है तो परंपराएं भी नियम बन जाती हैं. कटरा न सिर्फ माता वैष्णो देवी का प्रवेश द्वार है, बल्कि यह एक ऐसी मिसाल भी है जो आस्था और अनुशासन का अनोखा संगम प्रस्तुत करता है.
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