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कपूर खानदान की सबसे बदनसीब बहू, प्यार और पति के लिए छोड़ा बना बनाया करियर, बच्चे होने के बाद सिर्फ 35 की उम्र में छोड़ दी दुनिया

Kapoor Family Most Unlucky Daughter-in-law: हिंदी सिनेमा की सबसे बड़ा परिवार कपूर खानदान हैं, जो कई पीढ़ियों से बॉलीवुड पर राज करते आ रहे हैं. हालांकि, कपूर खानदान को लेकर कई कहानियों भी बॉलीवुड की गलियों में मशहूर है, जिन्होंने समय-समय पर काफी सुर्खियां भी बटोरी. ऐसा माना जाता था कि कपूर खानदान की ये प्रथा थी कि उनके घर की बहू-बेटियां फिल्मों में काम नहीं कर सकती थी, जिसका असर सच में उनके घर की बहुओं पर देखने को भी मिला.

क्यों कहा जाता है कपूर खानदान की बदनसीब बहू?

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क्यों कहा जाता है कपूर खानदान की बदनसीब बहू?

हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में कपूर खानदान को सबसे बड़ा परिवार माना जाता है, जो कई सालों से बॉलीवुड में काम करता आ रहा है. हालांकि, इस परिवार से जुड़ी कई कहानियां भी लोगों के बीच चर्चाओं में रही हैं. जैसे कपूर परिवार में ये परंपरा थी कि उनकी बहुएं या बेटियां फिल्मों में काम नहीं करेंगी. यही वजह रही कि परिवार की कई महिलाओं ने फिल्मों से दूरी बनाई और परदे पर नजर नहीं आईं. आज कपूर खानदान की सबसे बदनसीब बहू के बारे में बताने जा रहे हैं.

हिंदी सिनेमा की जानी-मानी एक्ट्रेस थीं

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हिंदी सिनेमा की जानी-मानी एक्ट्रेस थीं

एक चमकता चेहरा, जो पर्दे पर मुस्कानें बिखेरता था, लेकिन असल जिंदगी में किस्मत ने उसे बहुत कम वक्त दिया. वो एक ऐसी एक्ट्रेस थी, जिन्होंने अपने अभिनय से दर्शकों का दिल जीता, लेकिन उनका जीवन एक अधूरी कहानी बनकर रह गया. फिल्मी दुनिया में उन्होंने अपनी पहचान बनाई, मगर निजी जीवन में उन्हें बहुत जल्दी अलविदा कहना पड़ा. फिर चाहे वो करियर हो या जिंदगी. हम यहां गीता बाली की बात कर रहे हैंस, जिनका जन्म 1930 में पंजाब के एक छोटे से कस्बे में हुआ था. 

छोटे से करियर में दीं दर्जनों हिट फिल्में

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छोटे से करियर में दीं दर्जनों हिट फिल्में

गीता ने बेहद कम उम्र में फिल्मों में कदम रखा और 1940 के दशक में ही अपनी मासूमियत और चुलबुले अंदाज से दर्शकों को दीवाना बना दिया. उनकी पहली बड़ी फिल्म 'बाजी' थी, जिसके बाद उन्होंने कई हिट फिल्मों में काम किया. अपने छोटे से फिल्मी करियर में उन्होंने लगभग 70 से ज्यादा फिल्मों में अभिनय किया और उस दौर की सबसे लोकप्रिय अभिनेत्रियों में शुमार हो गईं, जिनका हर कोई दीवाना था. करियर के पीक पर ही उनकी जिंदगी में शम्मी कपूर की एंट्री हुई. 

शम्मी कपूर के लिए छोड़ा शानदार करियर

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शम्मी कपूर के लिए छोड़ा शानदार करियर

गीता बाली और शम्मी कपूर की पहली मुलाकात एक फिल्म 'रंगीन रातें' की शूटिंग के दौरान हुई थी. दोनों के बीच जल्द ही गहरा रिश्ता बन गया और उन्होंने 1955 में गुपचुप शादी कर ली, जिसके पीछे की वजह था कपूर खानदान. जो इस रिश्ते के खिलाफ था, लेकिन शम्मी और गीता ने अपने प्यार को साबित किया. बाद में परिवार ने उन्हें स्वीकार कर लिया, लेकिन ये सफर दोनों के लिए आसान नहीं था. खासकर गीता के लिए. उन्होंने अपने करियर को पीछे छोड़कर परिवार को चुना.

सिर्फ 35 की उम्र में दुनिया को कहा अलविदा

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सिर्फ 35 की उम्र में दुनिया को कहा अलविदा

शादी के बाद गीता बाली ने अपने शानदार करियर को हमेशा के लिए पीछे छोड़ दिया. कई हिट फिल्में देने के बाद उन्होंने फिल्मों से दूरी बना ली और अपने पति और बच्चों के लिए खुद को समर्पित कर दिया. उन्होंने दो बच्चों को जन्म दिया आदित्य राज कपूर और कंचन. एक समय की सुपरस्टार एक्ट्रेस ने घर-परिवार को चुना और फिल्मी दुनिया से खुद को अलग कर लिया. लेकिन किस्मत ने उन्हें बहुत कम वक्त दिया और वे सिर्फ 35 साल की उम्र में चेचक की बीमारी से चल बसीं.

शम्मी कपूर ने कर ली थी दूसरी शादी

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शम्मी कपूर ने कर ली थी दूसरी शादी

बताया जाता है कि उनका निधन 1965 में चेचक (Smallpox) की वजह से हुआ. उनके निधन के समय उनके दोनों बच्चे बहुत छोटे थे. शम्मी कपूर इस सदमे से उबर नहीं पाए और बाद में उन्होंने नीला देवी गोहिल से दूसरी शादी की, लेकिन कभी अपने बच्चे नहीं किए. नीला देवी ने गीता बाली के बच्चों आदित्य और कंचन को ही अपना सब कुछ माना और उन्हें प्यार से पाला. गीता बाली की कहानी एक ऐसा इमोशनल सफर है, जो आज भी लोगों को भीतर तक छू जाता है.

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