Astronomers witness birth of new solar system: अंतरिक्ष की अनंत संभावाओं को तलाशने वाले खगोलशास्त्रियों ने एक पूर्ण विकसित विशाल नवजात ग्रहों का पता लगाया है. आसान शब्दों में कहें तो साइंटिस्ट ने पहली बार नई आकाशगंगा को जन्म लेते देखा है. इससे पहले प्रोटोप्लेनेटरी डिस्क की पड़ताल तो हुई थी, लेकिन कभी भी उस सटीक क्षण को नहीं देखा था, जब छोटे ठोस ग्रह अस्तित्व में आ रहे थे.
एक अनोखी और उल्लेखनीय उपलब्धि के रूप में, दुनियाभर के सीनियर एस्ट्रोनॉमर्स/खगोलविदों ने पहली बार उस अद्भुद, अकल्पनीय मौके को देखा जब किसी दूरस्थ तारे के चारों ओर ग्रहों का निर्माण शुरू हो रहा था. वैज्ञानिकों के इस अवलोकन से सौरमंडल के जन्म के प्रारंभिक चरणों की सीधी झलक मिलती है. चिली स्थित अटाकामा लार्ज मिलीमीटर/सबमिलीमीटर ऐरे (ALMA) और जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप (JWST) की ताकत को दिखाने वाली ये एतिहासिक खोज, इस बात का इशारा करती है कि हमारे जैसे ग्रह कैसे बनते हैं. यह एक 'प्राथमिक' तारा है, जो नवनिर्मित है और गैस और धूल की एक घनी डिस्क में लिपटा हुआ है, वही निर्माण खंड जिनसे ग्रहों का निर्माण होता है.
जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप की पावर का यूज करते हुए, शोधकर्ताओं ने सबसे पहले गर्म, क्रिस्टलीय खनिजों, विशेष रूप से सिलिकॉन मोनोऑक्साइड (SiO) के रासायनिक निशानों की पहचान की है जो इस डिस्क के भीतर जमने लगे थे. वहीं ALMA के साथ शोधकर्ताओं ने इन खनिजों के स्थान का सटीक पता लगाया, जिससे पता चला कि वे सौरमंडल में आज हमारे क्षुद्रग्रह बेल्ट की परिक्रमा क्षेत्र के नजदीक बन रहे थे.
इस अध्ययन की प्रमुख लेखिका लीडेन यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर मेलिसा मैकक्लर ने कहा, 'यह हमारे सौर मंडल के बाहर ग्रह निर्माण का अब तक का सबसे प्रारंभिक क्षण है. इस अध्ययन के परिणाम नेचर पत्रिका में प्रकाशित हुए है.' स्टडी की सह-लेखिका पर्ड्यू यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर मेरेल वैन हॉफ ने अपनी रिसर्च में फाइंडिग्स यानी निष्कर्षों की तुलना किसी नवजात सौर मंडल की तस्वीर से की है. उन्होंने ये भी कहा, 'HOPS-315 हमारे सूर्य और ग्रहों से काफ़ी मिलता-जुलता है, जो 4.6 अरब साल पहले दिखता होगा.'
ये पहला मौका है जब खगोलविदों ने पूरी तरह से विकसित, विशाल, नवजात ग्रहों का पता लगाया है. गैस और क्रिस्टल दोनों रूपों में फंसे हुए ठोस SiO खनिजों की खोज इस बात की पुष्टि करती है कि HOPS-315 के आसपास ग्रहों का निर्माण चल रहा है.
मिशिगन विश्वविद्यालय के सह-लेखक प्रोफेसर एडविन बर्गिन ने कहा, यह प्रक्रिया हमारे सौर मंडल के बाहर कहीं भी पहले कभी नहीं देखी गई थी. खनिज संकेतों का स्थान, जो हमारे क्षुद्रग्रह बेल्ट के समतुल्य है, हमारी अपनी उत्पत्ति के साथ संबंध को और मजबूत करता है, जो पृथ्वी से पहले के प्राचीन उल्कापिंडों और क्षुद्रग्रहों में पाए गए पदार्थों की प्रतिध्वनि करता है. ईएसओ की एलिजाबेथ हम्फ्रीज़, जो अध्ययन में शामिल नहीं थीं उन्होंने इस स्टडी के नतीजों को ग्रहों के निर्माण का एक बहुत ही प्रारंभिक चरण बताते हुए, इस तरह के ब्रह्मांडीय उत्पत्ति को उजागर करने में जेडब्ल्यूएसटी और एएलएमए के बीच अद्वितीय तालमेल पर जोर दिया है. खगोलविद उत्साहित हैं कि एचओपीएस-315 के साथ, अब उनके पास उन प्रक्रियाओं का अध्ययन करने के लिए एक अभूतपूर्व प्रयोगशाला है, जिन्होंने न केवल हमारे सौर मंडल को, बल्कि आकाशगंगा में संभावित रूप से अनगिनत दुनियाओं को आकार दिया है.
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