Movies Based On India-Pakistan War: भारतीय सेना ने पहलगाम हमले के बाद 'ऑपरेशन सिंदूर' की शुरुआत की और पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में 9 ठिकानों पर एयर स्ट्राइक की. इस ऑपरेशन में आतंकियों के कई बंकर और ठिकाने ध्वस्त किए गए. इस स्ट्राइक ने एक बार फिर भारतीयों को दिल खुश कर दिया है. अपनी इसी खुशी को दोगुना करने के लिए आप बॉलीवुड की वो 10 फिल्में देख सकते हैं, जिनमें भारत ने पाकिस्तान को धूल चटाई, जिनको देखने के बाद आपका भी सीना गर्व से चौड़ा हो जाएगा.
'बॉर्डर' 1971 के भारत-पाक युद्ध की एक सच्ची घटना पर आधारित है. ये 120 भारतीय सैनिकों की कहानी है जो राजस्थान के लोंगेवाला पोस्ट पर रात भर डटे रहते हैं. दुश्मन की भारी फौज से लड़ते हुए वे सुबह तक का इंतजार करते हैं जब वायुसेना उनकी मदद के लिए आती है. ये फिल्म दिखाती है कि कम संख्या में होने के बावजूद हमारे जवानों का हौसला और जज्बा कितना मजबूत होता है.
'भुज: द प्राइड ऑफ इंडिया' की कहानी 1971 के भारत-पाक युद्ध की शुरुआत से जुड़ी है. जब दुश्मन के जहाजों ने भुज एयरबेस को तबाह कर दिया था, लेकिन फिर भी स्क्वाड्रन लीडर विजय कर्णिक ने हार नहीं मानी. उन्होंने आसपास के गांवों की 300 महिलाओं को प्रेरित किया और मिलकर एयरबेस को दोबारा खड़ा किया. ये कहानी सिर्फ युद्ध की नहीं, बल्कि हिम्मत, जज्बे और महिलाओं की ताकत की है, जिन्होंने देशभक्ति का शानदार उदाहरण पेश किया.
'लक्ष्य' एक यंग लड़के की कहानी है जो बिना किसी लक्ष्य के जिंदगी जीता है. करण शेरगिल एक रईस परिवार से है और उसे नहीं पता कि वो जिंदगी में क्या करना चाहता है. लेकिन जब वो सेना में शामिल होता है और युद्ध का सामना करता है, तो उसमें जबरदस्त बदलाव आता है. युद्ध के दौरान उसे अपने अंदर की ताकत और जिम्मेदारी का एहसास होता है. ये फिल्म प्रेरणा देती है कि लक्ष्य मिलने पर इंसान क्या कुछ कर सकता है.
'एलओसी: कारगिल' फिल्म 1999 के कारगिल युद्ध पर आधारित है. इसमें भारतीय सैनिकों की बहादुरी और संघर्ष को बखूबी दिखाया गया है. फिल्म में कई अलग-अलग यूनिट्स और जवानों की कहानियां दिखाई गई हैं जो कारगिल की ऊंची पहाड़ियों पर दुश्मन से लड़ रहे होते हैं. हर सैनिक की अपनी एक कहानी है – कोई अपने परिवार के लिए लड़ रहा है, कोई दोस्ती निभा रहा है. ये फिल्म दर्शाती है कि असली हीरो वही होते हैं जो देश के लिए जान देते हैं.
'पिप्पा' कैप्टन बलराम सिंह मेहता की सच्ची कहानी पर आधारित है. ये फिल्म 1971 के युद्ध में भारत के पूर्वी मोर्चे की कहानी बताती है, जहां बलराम अपने भाइयों के साथ युद्ध में शामिल होते हैं. वे 45 कैवेलरी रेजिमेंट का हिस्सा होते हैं और एक खास टैंक जिसका नाम 'पिप्पा' होता है, उसमें बैठकर दुश्मन का सामना करते हैं. ये फिल्म भाईचारे, साहस और राष्ट्रभक्ति का मेल है, जिसमें दिखाया गया है कि परिवार भी एक साथ देश के लिए लड़ सकता है.
'राजी' एक महिला जासूस की कहानी है जो अपने देश के लिए हर खतरा उठाती है. सहमत खान नाम की ये लड़की एक पाकिस्तानी सेना अधिकारी से शादी करती है ताकि पाकिस्तान की खुफिया जानकारी भारत तक पहुंचा सके. ये सब उसके पिता की प्लानिंग के तहत होता है, जिसके लिए उनको ट्रेनिंग भी दी जाती है. कहानी 1971 के युद्ध से पहले की है और ये दिखाती है कि एक आम सी दिखने वाली लड़की देश के लिए क्या-क्या कर सकती है, बिना हथियार उठाए.
'शेरशाह' परमवीर चक्र विजेता कैप्टन विक्रम बत्रा की जिंदगी पर आधारित है. फिल्म में दिखाया गया है कि कैसे एक साधारण सा नौजवान, जो बचपन से ही फौजी बनने का सपना देखता है, कैसे युद्ध के मैदान में जाकर असली हीरो बन जाता है. कारगिल युद्ध में उन्होंने अपनी जान की परवाह किए बिना देश के लिए बड़ी बहादुरी से लड़ाई लड़ी. 'शेरशाह' नाम उन्हें उनकी बहादुरी के लिए दिया गया था.
'स्काय फोर्स' फिल्म 1965 के भारत-पाकिस्तान एयर वॉर पर आधारित है. ये भारत के पहले एयरस्ट्राइक की कहानी दिखाती है जो पाकिस्तान के सर्गोधा एयरबेस पर की गई थी. जैसे-जैसे दोनों देशों के बीच हवाई लड़ाई तेज होती है, कुछ लोग युद्ध के पीछे की सच्चाई को जानने की कोशिश करते हैं. ये फिल्म केवल लड़ाई नहीं दिखाती, बल्कि इसमें उस मिशन से जुड़ी भावनाएं और सैनिकों का साहस भी सामने आता है.
'द गाजी अटैक' एक पानी के नीचे होने वाली जंग की कहानी है. इसमें दिखाया गया है कि भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध होने ही वाला होता है, तभी पाकिस्तान की पनडुब्बी 'गाजी' गुपचुप तरीके से भारत के विशाखापत्तनम बंदरगाह पर हमला करने की योजना बनाती है. लेकिन भारतीय नेवी इसकी प्लानिंग को नाकाम कर देती है. ये फिल्म दिखाती है कि समंदर के नीचे भी हमारे सैनिक कितनी बहादुरी से देश की रक्षा करते हैं.
'उरी: द सर्जिकल स्ट्राइक' 2016 में उरी हमले के जवाब में की गई भारतीय सेना की कार्रवाई पर आधारित है. मेजर विहान सिंह शेरगिल इस मिशन का नेतृत्व करते हैं, जिसमें आतंकियों के खिलाफ गुप्त ऑपरेशन को अंजाम दिया जाता है. फिल्म में दिखाया गया है कि किस तरह हमारे जवान चुपचाप अपने दुश्मनों को सबक सिखाते हैं. ये फिल्म देश के जवानों की बहादुरी, रणनीति और बलिदान को शानदार तरीके से पेश करती है. आज भी ये फिल्में हमारे दिल में बसी हुई हैं.
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