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भारत की 5 गुमनाम महिला वैज्ञानिक, जिन्होंने बदल दी देश की तकदीर!

Women Scientists: विज्ञान ने दुनिया को बहुत सारी अनोखी चीजें तोहफे में दी हैं. इसमें महिलाओं का योगदान भी बहुत रहा है. आज हम आपको भारत की 5 सबसे महान महिला वैज्ञानिकों के बारे में बताएंगे जिनकी उपलब्धियां तो बहुत हैं लेकिन इनके बारे में कम ही लोग जानते हैं.

 

आनंदीबाई गोपालराव जोशी

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आनंदीबाई गोपालराव जोशी

भारत की पहली महिला फिजियशन का नाम था आनंदीबाई गोपालराव था. इनका जन्म 1865 को पुणे में हुआ था. नवजात बेटे की मौत के बाद इन्होंने दवाइयों पर रिसर्च शुरु की. आनंदीबाई ने पेंसिलवेनिया के महिला मेडिकल कॉलेज से पढ़ाई की थी. 

 

डॉ. जानकी अम्माल

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डॉ. जानकी अम्माल

1879 के जन्मीं जानकी अम्माल के पिता मद्रास के उप न्यायाधीश थे. डॉ. जानकी देश की पहली महिला वैज्ञानिक थीं जिन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया था. न्होंने बॉटेनिकल सर्वे ऑफ इंडिया के डायरेक्टर के पद पर अपनी सेवा दी थी. 

 

असीमा चटर्जी

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असीमा चटर्जी

इन्होंने कोलकाता के स्कॉटिश चर्च कॉलेज से रसायन विज्ञान में स्नातक किया था. असीमा चटर्जी ने मिर्गी के दौरे के लिए दवा और एंटी मलेरिया ड्रग्स को विकसित किया था. 

 

बिभा चौधरी

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बिभा चौधरी

कलकत्ता विश्वविद्यालय से बिभा भौतिक विज्ञान में एमएससी की डिग्री हासिल करने वाली वह पहली महिला थीं. इसके बाद इन्होंने होमी जहांगीर भाभा और विक्रम साराभाई के साथ भी काम किया था.

 

कमला सोहोनी

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कमला सोहोनी

1912 में जन्मीं कमला प्रोसेफर C.V Raman की पहली महिली स्टूडेंट थी. इसके अलावा PHD की डिग्री हासिल करने वाली देश की पहली महिला वैज्ञानिक थीं.

 

विज्ञान का योगदान

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विज्ञान का योगदान

इन पांचों महिला वैज्ञानिकों या डॉक्टरों ने विज्ञान के क्षेत्र में खूब तरक्की की और मान-सम्मान हालिस करने के साथ दुनिया भर में भारत का सिर भी गर्व से ऊंचा किया. 

 

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