Patricia Narayan Success Story: जीरो से हीरो बनने वाले हर शख्स की कहानी प्रेरणादायक होती है. इस सीरीज के तहत हमने आपको कई ऐसी शख्सियतों की कहानी बताई है, जिन्होंने फर्श से अर्श तक का सफर अपने दम पर तय किया है. आज इसके तहत हम आपको पैट्रिशिया नारायण (Patricia Narayan) के बारे में बता रहे हैं. पैट्रिशिया की कहानी मेहनत और हिम्मत की मिसाल है.
अपनी संघर्ष भरी जिंदगी के बीच उन्होंने छोटी सी शुरुआत करके फूड बिजनेस में एक अलग मुकाम हासिल किया है. 1980 में महज 50 पैसे में कॉफी बेचने से शुरुआत करने वाली पैट्रिशिया आज रेस्टोरेंट चेन की मालकिन हैं. उनकी इस कामयाबी से एक बार फिर यह साबित होता है कि लगन सच्ची हो तो कुछ भी हासिल किया जा सकता है.
पैट्रिशिया का जन्म तमिलनाडु के नागरकोइल (Nagercoil) में हुआ था. 17 साल की उम्र में उन्होंने परिवार के खिलाफ जाकर शादी की. लेकिन बाद में उनके भाग्य में कुछ और ही लिखा था. जिसको उन्होंने हमसफर माना, उनका पति नशेड़ी और हिंसक निकला. इस कारण उन्हें आर्थिक परेशानियां और घरेलू हिंसा झेलनी पड़ी. बाद में बच्चों का भविष्य संभालने के लिए उन्होंने हिम्मत जुटाई.
1980 में पैट्रिशिया ने चेन्नई के मरीना बीच पर छोटा मोबाइल ठेला शुरू किया. इस ठेले पर उन्होंने घर-परिवार का खर्च चलाने के लिए स्नैक्स, कॉफी, चाय और जूस बेचा. समोसे से लेकर चाय तक बेचने में वह दिनभर में केवल 50 पैसा ही कमा पाती थीं. धीरे-धीरे उनकी मेहनत रंग लाई और उन्होंने अपना कारोबार आगे बढ़ाना शुरू कर दिया.
परिवार की मुश्किलों से जूझते हुए वह धीरे-धीरे कामयाबी की सीढ़ियां चढ़ने लगीं. अपनी मेहनत के दम पर उनका काम चल पड़ा. आज आलम यह है कि उनकी मेहनत रंग लाई और कमाई बढ़कर रोजाना 2 लाख रुपये तक पहुंच गई. इस सफलता ने उन्हें चेन्नई के सरकारी ऑफिस में कैंटीन चलाने का मौका दिया.
1998 में पैट्रिशिया सांगीता ग्रुप के नेल्सन मणिकम रोड रेस्टोरेंट की डायरेक्टर बनीं. ठेले से शुरू किये गए काम का अनुभव उनके बिजनेस की नींव बना. यह अनुभव उन्हें जिंदगी में हर मोड़ पर काम आाया. 2002 में पति की मौत के बाद 2004 में उनकी बेटी और दामाद की सड़क हादसे में मौत हो गई. बेटी की याद में उन्होंने ‘संदीप्हा’ (Sandeepha Restaurant) रेस्टोरेंट शुरू किया.
साल 2010 में पैट्रिशिया को FICCI वुमन एंटरप्रेन्योर ऑफ द ईयर अवॉर्ड मिला. आज वे हिम्मत और मेहनत की मिसाल हैं, खासकर महिलाओं के लिए. उनकी कहानी से यह साफ होता है कि मुश्किलों से लड़कर सपनों को हकीकत में बदला जा सकता है.
ट्रेन्डिंग फोटोज़