Office Space Demand: रिपोर्ट से साफ हुआ है कि कमर्शियल ऑफिस स्पेस में सबसे ज्यादा निवेश हुआ. यह कुल निवेश का 48% (624 मिलियन डॉलर) रहा. इंडस्ट्री और वेयरहाउसिंग सेक्टर में यह निवेश 27% (351 मिलियन डॉलर) और हाउसिंग सेक्टर में 15% (195 मिलियन डॉलर) का इनवेस्टमेंट हुआ.
Trending Photos
Real Estate News: रियल एस्टेट मार्केट में पिछले कुछ साल से तेजी देखी जा रही है. लोगों अब लग्जरी और अल्ट्रा लग्जरी घरों की तरफ फोकस कर रहे हैं. हाल ही में आई कोलियर्स की रिपोर्ट के अनुसार साल 2025 की पहली तिमाही में देश के रियल एस्टेट सेक्टर में संस्थागत निवेश 31% बढ़कर 1.3 बिलियन यूएस डॉलर तक पहुंच गया. रिपोर्ट के अनुसार कमर्शियल ऑफिस स्पेस में सबसे ज्यादा निवेश हुआ. यह कुल निवेश का 48% (624 मिलियन डॉलर) रहा. इंडस्ट्री और वेयरहाउसिंग सेक्टर में यह निवेश 27% (351 मिलियन डॉलर) और हाउसिंग सेक्टर में 15% (195 मिलियन डॉलर) का निवेश हुआ.
सबसे ज्यादा फायदा दिल्ली-एनसीआर को हुआ
विदेशी संस्थागत निवेशक इस बढ़ोतरी में अहम भूमिका निभा रहे हैं, जिन्होंने कुल 72% निवेश किया. इसमें सिंगापुर, कनाडा और अमेरिका के निवेशकों की अहम भागीदारी रही. घरेलू निवेशकों की भागीदारी भी बढ़ी, खासकर वैकल्पिक निवेश फंड और फैमिली ऑफिसेज की, जिन्होंने 2024 की पहली तिमाही में 22% की तुलना में 2025 में 28% तक का निवेश किया. इस निवेश में सबसे ज्यादा फायदा दिल्ली-एनसीआर को हुआ. दिल्ली-एनसीआर में कुल 247 मिलियन अमेरिकी डॉलर (19%) का निवेश आया, जो पिछले साल की तुलना में 45% ज्यादा है.
ग्रेड ए ऑफिस स्पेस की मांग 18-20% तक बढ़ने की उम्मीद
दिल्ली-एनसीआर के रियल एस्टेट बाजार में बड़े बदलाव हो रहे हैं. ये बदलाव कमर्शियल और रेजिडेंशियल दोनों सेक्टर में देखे जा रहे हैं. रिपोर्ट के अनुसार 2025 तक ग्रेड ए ऑफिस स्पेस की मांग 18-20% तक बढ़ सकती है, जिसमें गुरुग्राम और नोएडा का अहम योगदान रहेगा. वहीं, प्रीमियम कमर्शियल इमारतों में किराये से मिलने वाला रिटर्न 7-8% के बीच रहने का अनुमान है, जिससे यह दूसरे बड़े शहरों की तुलना में बेहतर निवेश विकल्प बन सकता है. इसके अलावा रेजिडेंशियल मार्केट भी तेजी पकड़ रहा है. मध्यम और लग्जरी घरों की मांग में वृद्धि देखी जा रही है, अफोर्डेबल हाउसिंग प्रोजेक्ट दूरदराज के इलाकों में पसंद किये जा रहे हैं.
नए प्रोजेक्ट लॉन्च होने में 24% का इजाफा
साल 2025 की पहली तिमाही में नए प्रोजेक्ट लॉन्च की संख्या में 24% की बढ़ोतरी देखी गई है. साल '2025 की पहली तिमाही में संस्थागत निवेश 31% बढ़कर 1.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया, जो भारत के रियल एस्टेट सेक्टर की तेज ग्रोथ को दिखा रहा है. दिल्ली-एनसीआर में यह ग्रोथ सबसे आगे है. द्वारका एक्सप्रेसवे के आसपास नए रिहायशी इलाकों की बढ़ती लोकप्रियता और गुरुग्राम व नोएडा में बेहतरीन ऑफिस स्पेस की मांग ने इसे निवेश का प्रमुख केंद्र बना दिया है. एनसीआर ने इन निवेशों का करीब 30% हिस्सा अपनी तरफ आकर्षित किया है.
2025 में भी निवेश का हॉटस्पॉट बना रहेगा एनसीआर
रॉयल ग्रीन रियल्टी के एमडी यशांक वासन भविष्य के बारे में बताते हैं कि जेवर एयरपोर्ट जैसे बड़े इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स और कमर्शियल प्रॉपर्टीज में बढ़ते विदेशी निवेश की वजह से एनसीआर 2025 में भी निवेश का हॉटस्पॉट बना रहेगा. इससे शहरों के बाहरी इलाकों का विकास और तेजी से होगा. संस्थागत निवेशक देश के सबसे एक्टिव बाजार में स्थिर और अधिक लाभदायक मौकों की तलाश कर रहे हैं. ऐसे में लग्जरी हाउसिंग, लॉजिस्टिक्स, प्लॉटेड डेवेलपमेंट, हाई-स्ट्रीट रिटेल, फार्महाउस जैसी प्रॉपर्टी में निवेश बढ़ने की उम्मीद बनी हुई है.
कोलियर्स का अनुमान है कि दिल्ली-एनसीआर का रियल एस्टेट बाजार आगे भी तेजी से बढ़ेगा. 2025 में इसमें तेजी से निवेश बढ़ सकता है. सरकार की पॉलिसी, नियमों में बदलाव से इस सेक्टर को फायदा मिलने की उम्मीद है. जैसे-जैसे सस्टेनेबिलिटी का महत्व बढ़ रहा है, दिल्ली-एनसीआर में ग्रीन बिल्डिंग और ईएसजी के हिसाब से प्रॉपर्टी में निवेश बढ़ रहा है.