Mahashivratri 2025 Worship Method: महाशिवरात्रि पर इस बार 150 साल ऐसा अदभुत संयोग बन रहा है, जो सभी जातकों का भाग्य खोलने वाला है. इस दुर्लभ संयोग पर खास मुहूर्तों में शिव पूजन करने से सुख-समृद्धि की बरसात होने लगती है.
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Mahashivratri 2025 Puja Shubh Muhurta: वैसे तो महाशिवरात्रि हर साल आती है लेकिन इस बार की महाशिवरात्रि बेहद की खास है. इसकी वजह ये है कि इस बार एक महासंयोग बन रहा हो और ऐसा माना जा रहा है करीब 150 साल पहले ऐसा अद्भुत शुभ मुहूर्त आया था. इस महाशिवरात्रि पर सूर्य, बुध और शनि एक साथ कुंभ राशि में स्थित रहेंगे. इन तीनों ग्रहों की युति और महाशिवरात्रि का योग 2025 से पहले 1865 में बना था. ये एक विशेष संयोग है, जो लगभग एक शताब्दी में एक बार बनता है. जब ग्रह और नक्षत्र इस तरह से के योग में एक साख विद्यमान होते हैं.
महाशिवरात्रि 2025 के शुभ मुहूर्त
महाशिवरात्रि के शुभ अवसर की शुरुआत आज सुबह 11 बजकर 08 मिनट से होगी और इसका समापन 27 फरवरी को सुबह 8 बजकर 54 मिनट पर होगा. लेकिन इस मुहूर्त में कब कब जलाभिषेक किया जाना चाहिए, ये भी आपके लिए जानना ज़रूरी है.
प्रातःकालीन मुहूर्त
सुबह 6:47 बजे से शुरू होकर 9:42 बजे तक है ये समय सुबह की पूजा, ध्यान और अन्य धार्मिक कार्यों के लिए उपयुक्त माना जाता है.
मध्यान्ह मुहूर्त
दिन के मध्य में 11:06 बजे से 12:35 बजे तक है.. ये समय दोपहर की पूजा के लिए शुभ माना जाता है.
संध्याकालीन मुहूर्त
दोपहर के बाद 3:25 बजे से 6:08 बजे तक है. ये समय संध्या की पूजा और अन्य धार्मिक कार्यों के लिए सर्वश्रेष्ठ है.
रात्रिकालीन मुहूर्त
यह मुहूर्त रात में 8:54 बजे से 12:01 बजे तक रहता है. रात्रि की पूजा के लिए यह समय उत्तम माना जाता है.
ऐसी मान्यता है कि इस प्रबल योग में की गई साधना आध्यात्मिक और धार्मिक उन्नति को ओर ले जाती है...पराक्रम और प्रतिष्ठा को बढ़ाने के लिए सूर्य-बुध के केंद्र त्रिकोण योग का बड़ा लाभ मिलता है. यही कारण है कि इस बार की महाशिवरात्रि महासंयोग के साथ महा लाभ लेकर आई है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)