Deadly Virus: पिछली कई सदियों में खतरनाक वायरस ने बहुतों को अपना शिकार बनाया है. कुछ साल पहले ही आए कोरोना वायरस ने भी लाखों लोगों की जान ली थी.
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Virus Will Kill Virus: वायरस का इलाज क्या है? इस सवाल का जवाब अब मिलता दिखाई दे रहा है. अब वारयस सिर्फ बीमारी नहीं बल्कि इलाज का जरिया भी बन सकते हैं. ताजे पानी के झीलों में वैज्ञानिकों द्वारा लाखों वायरस के जीनोम का अध्ययन किया गया, इसमें जो तथ्य सामने आए हैं उसने वैज्ञानिकों को भी हैरत में डाल दिया है. यह खोज वायरस इकोलॉजी को नई दिशा देने के साथ गंभीर संक्रमणों से होने वाली बीमारियों के लिए भविष्य की एंटी-बायोटिक भी साबित हो सकती है.
रिसर्च में किया गया दावा
IIT Madras और American University of Wisconsin–Madison ने बहुत ही महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय रिसर्च में यह दावा किया है. यह अध्ययन दुनिया की सबसे लंबी DNA आधारित परियोजनाओं में से एक है. इस रिसर्च के लिए अमेरिकी के मैडिसन की एक झील से 20 सालों में लिए गए 465 नमूमों का अध्ययन किया गया. मशीन लर्निंग तकनीक का इस्तेमाल करके वैज्ञानिकों ने झीलों में मौजूद 13 लाख से भी अधिक वायरस जीनोम को दोबारा जोड़ा और उनके पर्यावरण से संबंध को जानने का प्रयास किया. इसके लिए एक आधुनिक तकनीक मेटाजीनोमिक्स की भी मदद ली गई. इसकी मदद से ये बात साफ हो गई की वायरस मौसम और साल के हिसाब से तय चक्र में ही सक्रिय होते हैं.
वायरस अब खतरा नहीं
IIT Madras के प्रोफेसर कहते हैं कि, 'वायरस मानवों के स्वास्थ और पर्यावरण को आकार देने में बहुत ही अहम भूमिका निभाते हैं'. इस शोध में यह भी सामने आया कि वायरस का ही उपयोग करके झील में फैलने वाले हानिकारक शैवाल(Algae) और ऐसे बैक्टीरिया जो विषैले होते हैं, उनकी बढ़त को काफी हद तक रोका जा सकता है. इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि पीने के पानी के सोर्स को संरक्षित किया जा सकता है.
वायरस से इलाज की उम्मीद
फेज थेरेपी की संभावनाओं की खोज इसके सबसे रोमांचक पहलुओं में से एक रही. आपको बता दें कि फेज वायरस विशेष रूप से बैक्टीरिया पर हमला करने वाले वायरस होते हैं. वैज्ञानिकों का कहना है कि फेज वायरस से उन बैक्टीरिया को मारने में मदद मिलेगी जो अब एंटी-बायोटिक से नहीं मरते. यह तकनीक एंटी-बायोटिक प्रतिरोधी संक्रमणों के इलाज में क्रांति ला सकती है जो भारत समेत दुनिया के लिए बड़ा खतरा बन चुके हैं.