इंटरव्‍यू रूम में पहुंचा AI, कहीं कांफिडेंस को न कर दे 'किल'; Job की घुट्टी मारकर करो तैयारी!
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इंटरव्‍यू रूम में पहुंचा AI, कहीं कांफिडेंस को न कर दे 'किल'; Job की घुट्टी मारकर करो तैयारी!

इंटरव्यू में AI टूल्स का इस्तेमाल कोई चीटिंग नहीं बल्कि स्मार्टनेस मानी जा रही है. डिजाइन प्लेटफॉर्म Canva अब अपने तकनीकी इंटरव्यू में उम्मीदवारों को इन टूल्स के प्रयोग की अनुमति देता है. 

इंटरव्‍यू रूम में पहुंचा AI, कहीं कांफिडेंस को न कर दे 'किल';  Job की घुट्टी मारकर करो तैयारी!

अब कोडिंग इंटरव्यू में AI टूल्स का इस्तेमाल कोई चीटिंग नहीं बल्कि स्मार्टनेस मानी जा रही है. कई कंपनियां अब उम्मीदवारों से उम्मीद कर रही हैं कि वे इंटरव्यू के दौरान AI टूल्स जैसे कि GitHub Copilot, ChatGPT, Cursor, या Claude का इस्तेमाल करें. उदाहरण के तौर पर, डिजाइन प्लेटफॉर्म Canva अब अपने तकनीकी इंटरव्यू में उम्मीदवारों को इन टूल्स के प्रयोग की अनुमति देता है. Canva का कहना है, “AI को रोकना अब मुश्किल हो गया है, इसलिए हमने फैसला किया कि हम इसे अपनाएंगे और देखेंगे कि उम्मीदवार AI की मदद से प्रॉब्लम सॉल्व कैसे करते हैं.”

Canva ने क्या कहा?
Canva का मानना है कि यह कोई शॉर्टकट नहीं है, बल्कि एक बेहतर तरीका है यह देखने का कि उम्मीदवार असली वर्क एनवायरनमेंट में कैसे परफॉर्म करते हैं. क्योंकि अब डेवलपमेंट का बड़ा हिस्सा कोड समझने और सुधारने में जाता है, न कि सब कुछ खुद से लिखने में. इसलिए, यह देखना ज्यादा जरूरी हो गया है कि कोई व्यक्ति AI द्वारा बनाए गए कोड को कितना अच्छे से पढ़, समझ और सुधार सकता है.

Mastercard भी रखेगा एआई को
Mastercard ने भी अपनी करियर वेबसाइट पर लिखा है कि कुछ तकनीकी पदों के लिए उम्मीदवारों को AI टूल्स के साथ टेक्निकल असेसमेंट करने को कहा जा सकता है. उन्हें स्पष्ट निर्देश दिए जाएंगे कि किन टूल्स का कैसे और कब इस्तेमाल करना है.

चैटजीपीटी यूज करने की दे रहे अनुमति
Upskilling प्लेटफॉर्म Scaler के फाउंडर Abhimanyu Saxena का कहना है कि सीनियर रोल्स जैसे आर्किटेक्ट या सीनियर डेवेलपर के इंटरव्यू में वे उम्मीदवारों को ChatGPT जैसे टूल्स यूज करने की अनुमति दे रहे हैं. उनके अनुसार, अब “प्रॉम्प्टिंग” यानी AI से सही सवाल पूछना एक स्किल माना जा रहा है. लेकिन केवल कोड जनरेट करना ही काफी नहीं है — अच्छा उम्मीदवार उस कोड की क्वालिटी, सिक्योरिटी और कम्प्लीटनेस की भी जांच करता है, और जरूरत पड़ने पर AI की मदद से उसमें सुधार भी करता है.

Stack Overflow के CEO Prashanth Chandrasekar ने इस ट्रेंड की तुलना कैलकुलेटर से की. जैसे क्लासरूम में कैलकुलेटर ने कैल्कुलेशन को आसान बनाया, वैसे ही AI टूल्स बेसिक टास्क में मदद करते हैं, लेकिन मूल ज्ञान जरूरी रहता है. उन्होंने कहा कि इंटरव्यू में AI का इस्तेमाल चीटिंग नहीं है, जब तक उम्मीदवार उस कोड को समझता है और जिम्मेदारी लेता है.

उन्होंने यह भी कहा कि अब कंपनियां ऐसे डेवेलपर्स चाहेंगी जो पारंपरिक कोडिंग भी जानते हों और साथ ही जनरेटिव AI का स्मार्ट इस्तेमाल भी कर सकें. इंटरव्यू प्रोसेस भी इसी दिशा में बदल रहा है.

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