बलूचिस्तान में हालात बदतर, हर तरफ फैला तनाव, इंटरनेट ठप होने से मचा कोहराम
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बलूचिस्तान में हालात बदतर, हर तरफ फैला तनाव, इंटरनेट ठप होने से मचा कोहराम

Balochistan News: पाकिस्तान के बलूचिस्तान की स्थिति लगातार खराब होती जा रही है. बलूचिस्तान ने 11 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस मनाने का ऐलान कर दिया है. यहां पर कई दिनों से इंटरनेट सेवाएं ठप हैं जिसकी वजह से लोगों को तमाम परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. 

बलूचिस्तान में हालात बदतर, हर तरफ फैला तनाव, इंटरनेट ठप होने से मचा कोहराम

Balochistan News: दूसरे देशों पर अक्सर गीदड़भभकी करने वाला पाकिस्तान अपने देश की हालात नहीं सुधार पा रहा है. पाकिस्तान के बलूचिस्तान में पिछले कई महीनों से अशांति फैली हुई है. यहां की स्थिति दिन-ब-दिन खराब होती जा रही है. इसका एक और आलम देखने को मिला है, बलूचिस्तान ने 11 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस मनाने का ऐलान कर दिया है. इस ऐलान ने पाकिस्तान की चिंताए और ज्यादा बढ़ा दी है. ऐसे में पाकिस्तान टेलीकॉम अथॉरिटी (पीटीए) ने बताया कि बलूचिस्तान में 31 अगस्त तक इंटरनेट सेवाएं निलंबित रहेंगी. इंटरनेट सेवाएं ठप होने की वजह से ऑनलाइन बिजनेस और स्टडी को काफी ज्यादा नुकसान हुआ है.

सरकार के इस फैसले को लेकर स्कूली छात्रों, व्यवसाय मालिकों, पत्रकारों और मानवाधिकार संगठनों में काफी ज्यादा नाराजगी है. इस फैसले की वजह से छात्र लेक्चर में नहीं शामिल हो पा रहे हैं. साथ ही साथ छात्र अपना असाइनमेंट भी जमा नहीं कर पा रहे हैं. वहीं अगर हम  ग्रामीण इलाकों की स्थिति की बात करें तो ये और ज्यादा घातक है यहां पर छात्रों के पास पहले से ही सीमित संसाधन हैं. ऐसे में क्वेटा, तुर्बत, खुजदार और पंजगुर के फ्रीलांसरों और उद्यमियों ने बताया है कि इंटरनेट सेवाओं के बंद होने से उनकी आजीविका ठप हो गई है. एक व्यवसायी ने कहा, "हमारा पूरा काम इंटरनेट पर निर्भर करता है. इंटरनेट सेवाओं के निलंबन ने हमें आर्थिक रूप से बर्बादी के कगार पर लाकर खड़ा कर दिया है.

इंटरनेट सेवाएं ठप होने की वजह से मीडिया संस्थान बुरी तरह प्रभावित हुए हैं. पत्रकारों का कहना है कि वे इस क्षेत्र से रिपोर्ट शेयर नहीं कर पा रहे हैं. जबकि कुछ लोगों ने इसे 'इन्फॉर्मेशन ब्लैकआउट' करार दिया है. मानवाधिकार समूहों ने सरकार के इस फैसले पर गंभीर चिंता व्यक्त की. इंटरनेट के बंद होने को नागरिक स्वतंत्रता का उल्लंघन और नागरिकों के शिक्षा, आर्थिक गतिविधियों और सूचना तक पहुंच के मौलिक अधिकारों पर प्रहार बताया है. स्थानीय राजनीतिक और सामाजिक संगठनों ने सरकार पर क्षेत्र में सुरक्षा बढ़ाने के बजाय जनता पर सामूहिक दंड थोपने का आरोप लगाया है.इस क्षेत्र के लोगों को अन्य प्रतिबंधात्मक उपायों का भी सामना करना पड़ रहा है, जिनमें 15 अगस्त तक मोटरसाइकिल पर पीछे बैठने के अलावा ईरान और इराक की धार्मिक यात्रा करने वालों पर भी प्रतिबंध शामिल हैं. 

बता दें कि इससे पहले पाकिस्तान मानवाधिकार परिषद ने बलूचिस्तान में इंटरनेट और मोबाइल फोन सेवाएं बंद करने के लिए पाकिस्तानी अधिकारियों की निंदा की थी उन्होंने इसे मौलिक मानवाधिकारों का 'घोर उल्लंघन' बताया था. एचआरसी पाकिस्तान की ओर से जारी एक बयान में कहा था कि "बलूचिस्तान सरकार का 6 अगस्त से पूरे प्रांत में 3जी और 4जी मोबाइल और इंटरनेट सेवाएं बंद करने का फैसला एक क्रूर और असंगत कदम है, जिससे लाखों निर्दोष नागरिकों को निशाना बनाया गया. यह फैसला संचार के अधिकार, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार जैसे मौलिक अधिकारों का हनन करता है. ( आईएएनएस)

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अभिनव त्रिपाठी

जी न्यूज में न्यूज डेस्क पर बतौर सब एडिटर कार्यरत. देश- विदेश की खबरों को सरल भाषा में लिखते हैं. साहित्य और राजनीति में विशेष दिलचस्पी. यूपी के सुल्तानपुर जिले से ग्रेजुएशन, महात्मा गांधी काशी विद...और पढ़ें

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