ट्रंप ने कोर्ट का हड़काते हुए याद दिलाई '1929 की महामंदी', अदालतों को टैरिफ पर दी वॉर्निंग
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ट्रंप ने कोर्ट का हड़काते हुए याद दिलाई '1929 की महामंदी', अदालतों को टैरिफ पर दी वॉर्निंग

Trump Tariff: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दुनिया भर के कई देशों पर टैरिफ लगाया है. टैरिफ लगाने के बाद उन्होंने अमेरिकी अदालतों से अंतरराष्ट्रीय आपातकालीन आर्थिक अधिकार अधिनियम (आईईईपीए) को कमजोर न करने की अपील की है. 

ट्रंप ने कोर्ट का हड़काते हुए याद दिलाई '1929 की महामंदी', अदालतों को टैरिफ पर दी वॉर्निंग

Donald Trump: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपने फैसलों से दुनिया भर को हैरान करते रहते हैं. भारत और रूस की दोस्ती से चिढ़े ट्रंप ने भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगा दिया. वहीं अब इस टैरिफ को लेकर उन्होंने अमेरिकी अदालतों को भी चेतावनी दे दी है. कोर्ट से उन्होंने अंतरराष्ट्रीय आपातकालीन आर्थिक अधिकार अधिनियम (आईईईपीए) को कमजोर न करने की अपील की है. उन्होंने कहा है कि टैरिफ देश को काफी ज्यादा लाभ दिला रहे हैं और इससे अमेरिका को काफी ज्यादा आर्थिक लाभ मिल रहा है.

ट्रुथ सोशल पर एक पोस्ट के जरिए ट्रंप ने दावा किया कि टैरिफ बहुत ज्यादा फायदा पहुंचा रहा है और शेयर बाजार हर दिन नए रिकॉर्ड बना रहा है और देश के खजाने में सैकड़ों अरब डॉलर आ रहे हैं. ऐसे में अगर टैरिफ नीति के खिलाफ अदालतें फैसला देती हैं तो 1929 जैसी महामंदी आ सकती है जो अमेरिकी अर्थव्यवस्था को पूरी तरह से बर्बाद कर देगी और अमेरिका इस त्रासदी से उबर नहीं पाएगा. साथ ही साथ  कहा कि ऐसा फैसला पहले ही लिया जाना चाहिए था, नहीं तो देश को बड़ी मुसीबत का सामना करना पड़ सकता है.

शीत युद्ध के दौरान लागू किया गया IEEPA राष्ट्रपति को राष्ट्रीय आपातकाल के दौरान व्यापार को नियंत्रित करने की शक्ति देता है. ट्रंप ने राष्ट्रीय सुरक्षा चिंताओं का हवाला देते हुए व्यापार प्रतिबंधों को लागू करने के लिए बार-बार IEEPA का सहारा लिया है. हालांकि इस पर कई विशेषज्ञ और आलोचक कहते हैं कि इसका इस्तेमाल व्यापार नीति के लिए नहीं किया जाना चाहिए था, क्योंकि यह कानून दुश्मन देशों पर पाबंदी के लिए बनाया गया था. उनका मानना है कि कांग्रेस की निगरानी के बिना टैरिफ लगाना संविधान के नियमों के खिलाफ हो सकता है. 

आई थी मंदी
बता दें कि साल 1929 में अमेरिकी में महामंदी आई थी जिसका नतीजा हुआ था कि अमेरिकी शेयर बाजार में भारी गिरावट आई थी. ये आधुनिक इतिहास की सबसे गंभीर आर्थिक मंदी में से एक थी. इसकी वजह से भारी बेरोजगारी देखी गई थी. 1933 तक काफी संख्या में लोगों को बेरोजगारी से जुझना पड़ा था.

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अभिनव त्रिपाठी

जी न्यूज में न्यूज डेस्क पर बतौर सब एडिटर कार्यरत. देश- विदेश की खबरों को सरल भाषा में लिखते हैं. साहित्य और राजनीति में विशेष दिलचस्पी. यूपी के सुल्तानपुर जिले से ग्रेजुएशन, महात्मा गांधी काशी विद...और पढ़ें

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