Kangana Ranaut Emergency show disrupted in London: ब्रिटेन सांसद ने संसद को बताया, “रविवार को मेरे कई मतदाताओं ने हैरो व्यू सिनेमा में ‘इमरजेंसी’ फिल्म देखने के लिए टिकट लिये थे. फिल्म के प्रदर्शन के लगभग 30 या 40 मिनट बाद, नकाबपोश खालिस्तानी आतंकवादी घुस आए, दर्शकों को धमकाया और फिल्म को जबरन बंद करवा दिया.” देखें वीडियो.
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Emergency show disrupted in London: ब्रिटेन में कंगना रनाउत की फिल्म "इमरजेंसी" के विरोध में खालिस्तानियों ने सिनेमा घरों में तांडव मचाया है. जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है. जिसके बाद विपक्षी कंजर्वेटिव पार्टी के एक सांसद ने इस मामले को लेकर संसद में पूरी घटना का जिक्र किया है. सबसे पहले देखें वीडियो:-
More footage of the Khalistanis disrupting the movie 'Emergency' which was playing to a packed house at Vue cinema in Harrow on Sunday night https://t.co/cjkyNj6q6T pic.twitter.com/ONHzQwyiiq
— Naomi Canton (@naomi2009) January 21, 2025
ब्रिटेन में विपक्षी कंजर्वेटिव पार्टी के सांसद बॉब ब्लैकमैन ने ‘हाउस ऑफ कॉमन्स’ (ब्रिटिश संसद के निचले सदन) को बताया कि “अत्यंत विवादास्पद” फिल्म के प्रदर्शन को वोल्वरहैम्पटन, बर्मिंघम, स्लो, स्टेन्स और मैनचेस्टर में भी इसी प्रकार बाधित किया गया. इसके परिणामस्वरूप ‘व्यू और सिनेवर्ल्ड’ ने ब्रिटेन में अपने कई सिनेमाघरों से फिल्म को हटाने का निर्णय लिया है.
ब्रिटेन के सांसद ने क्या बताया?
व्यू और सिनेवर्ल्ड ब्रिटेन में कई सिनेमाघरों का संचालन करते हैं. ब्लैकमैन ने संसद को बताया, “रविवार को मेरे कई मतदाताओं ने हैरो व्यू सिनेमा में ‘इमरजेंसी’ फिल्म देखने के लिए टिकट लिये थे. फिल्म के प्रदर्शन के लगभग 30 या 40 मिनट बाद, नकाबपोश खालिस्तानी आतंकवादी घुस आए, दर्शकों को धमकाया और फिल्म को जबरन बंद करवा दिया.” उन्होंने कहा, “यह फिल्म बहुत विवादास्पद है, और मैं इसकी गुणवत्ता या विषय-वस्तु पर कोई टिप्पणी नहीं कर रहा हूं, लेकिन मैं अपने और अन्य सदस्यों के मतदाताओं के इस फिल्म को देखने और इस पर निर्णय लेने के अधिकार का बचाव करता हूं.
इसमें उस समय की कहानी है जब इंदिरा गांधी भारत की प्रधानमंत्री थीं.” उन्होंने कहा, “क्या हम अगले हफ्ते गृह मंत्री (यवेट कूपर) से एक बयान की उम्मीद कर सकते हैं कि यह सुनिश्चित करने के लिए क्या किया जाएगा कि जो लोग ऐसी फिल्में देखना चाहते हैं, जिन्हें सेंसर द्वारा पारित किया गया है, वे शांति और सद्भाव में ऐसा कर सकें? मैं सिनेमाघरों के बाहर प्रदर्शन करने के लोगों के अधिकार का पूरी तरह से बचाव करता हूं, लेकिन फिल्म को दिखाये जाने को बाधित करने का नहीं.”