अमेरिका जाने से पहले PAK आर्मी चीफ मुनीर ने चला ऐसा पैंतरा, शहबाज शरीफ को आ गया पसीना
Advertisement
trendingNow12871724

अमेरिका जाने से पहले PAK आर्मी चीफ मुनीर ने चला ऐसा पैंतरा, शहबाज शरीफ को आ गया पसीना

Asim Munir US Visit: पाकिस्तान के सेना प्रमुख फील्ड मार्शल आसिम मुनीर और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की दोस्ती बढ़ती जा रही है. मुनीर इस सप्ताह एक बार फिर अमेरिका का दौरा करने वाले हैं, जो दो महीने में उनकी दूसरी अमेरिका यात्रा है.

अमेरिका जाने से पहले PAK आर्मी चीफ मुनीर ने चला ऐसा पैंतरा, शहबाज शरीफ को आ गया पसीना

Pakistan Army chief General Asim Munir US Visit: पाकिस्तान के सेना प्रमुख फील्ड मार्शल आसिम मुनीर इस सप्ताह एक बार फिर अमेरिका का दौरा करने वाले हैं. मुनीर की दो महीने में दूसरी अमेरिका यात्रा है. मुनीर का यह दौरा इस्लामाबाद और वॉशिंगटन के बीच बढ़ते सैन्य गठबंधन को दिखाता है. इसके साथ साथ ही देश और विदेश में मुनीर के सामने बढ़ते राजनीतिक मतभेदों (Political differences in Pakistan) को भी उजागर करता है. इससे पहले मुनीर जून में वॉशिंगटन गए थे, जहां अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने उन्हें व्हाइट हाउस में लंच पर आमंत्रित किया था. मुनीर के अमेरिकी दौरे ने पाकिस्दान का सियासी पारा बढ़ा दिया है और कई अफवाहों को हवा दे दी है, जिसने पीएम शहबाज शरीफ (Shehbaz Sharif) के पसीने छुड़ा दिए हैं.

ट्रंप के पाकिस्तान प्रेम के पीछे क्या है वजह?

पाकिस्तान आर्मी चीफ असीम मुनीर (Asim Munir) के इस सप्ताह फ्लोरिडा के टाम्पा में अमेरिकी सेंट्रल कमांड (सेंटकॉम) के कमांडर जनरल माइकल ई. कुरिल्ला के विदाई समारोह में शामिल होने की उम्मीद है. मुनीर की यह यात्रा कुरिल्ला की जुलाई में पाकिस्तान यात्रा के बाद हो रही है, जहां उन्हें रक्षा संबंधों को मजबूत करने के लिए देश के सर्वोच्च सम्मानों में से एक निशान-ए-इम्तियाज (सैन्य) से सम्मानित किया गया था.

जून के दौरे के दौरान असीम मुनीर (Asim Munir) ने व्हाइट हाउस में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) के साथ व्यापक बातचीत की थी, जिसमें द्विपक्षीय व्यापार बढ़ाने जैसे मुद्दे शामिल थे. इस बैठक में अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो और मध्य पूर्व मामलों के विशेष प्रतिनिधि स्टीव विटकॉफ भी शामिल थे. मुनीर के साथ पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल मुहम्मद आसिम मलिक भी मौजूद थे. आईएसपीआर के अनुसार, यह बैठक एक घंटे के लिए निर्धारित थी, लेकिन यह दो घंटे से अधिक चली, जो दोनों पक्षों के बीच बातचीत की गहराई को दर्शाती है.

अमेरिका बढ़ते विरोध और अंतरराष्ट्रीय जांच के बावजूद पाकिस्तानी सेना के साथ फिर से जुड़ने के लिए उत्सुक दिखाई दे रहा है. जून में जनरल कुरिल्ला ने आतंकवाद-निरोध में पाकिस्तान की तारीफ करते हुए उसे एक 'अभूतपूर्व साझेदार' बताया था और अमेरिकी खुफिया जानकारी का इस्तेमाल करके आईएसआईएस-खोरासन के पांच गुर्गों को पकड़ने में सहयोग का हवाला दिया था. पाकिस्तान एक व्यापक रणनीतिक पैकेज भी पेश कर रहा है. कथित तौर पर प्रस्तावों में दुर्लभ खनिजों के लिए शुल्क-मुक्त पहुंच, उभरती तकनीक और क्रिप्टोकरेंसी विनियमन में सहयोग, और विस्तारित व्यापार संबंध शामिल हैं. ये सभी विदेश नीति और आर्थिक पहुंच को आकार देने में सेना की क्षमता को बढ़ाते हैं.

ये भी पढ़ें- 'टैरिफ बम' का पहला साइड इफेक्ट? ट्रंप का आया बुलावा.. फिर से अमेरिका क्यों जा रहे मुनीर

आखिर क्यों हो रहा असीम मुनीर का विरोध?

हालांकि, असीम मुनीर (Asim Munir) की पिछली अमेरिकी यात्रा उस समय विवादों में आ गई थी, जब वॉशिंगटन में प्रवासी पाकिस्तानी और पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी पीटीआई के समर्थकों ने उनके खिलाफ जबरदस्त प्रदर्शन किया. विरोध प्रदर्शन के दौरान मुनीर पर मानवाधिकार उल्लंघन के आरोप लगाए गए और उन्हें 'पाकिस्तानियों का कातिल' और 'इस्लामाबाद का कातिल' जैसे नारों से निशाना बनाया गया. सोशल मीडिया पर एक वीडियो भी वायरल हुआ था, जिसमें एक प्रदर्शनकारी उन्हें 'गीदड़, गीदड़, गीदड़. कहकर पुकारता नजर आया. अब एक बार फिर उसी तरह का प्रदर्शन शुरू हो गया है.  5 अगस्त को जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के आह्वान पर अमेरिका और यूरोप के कई शहरों में समन्वित विरोध प्रदर्शन हुए, जिनमें उनकी रिहाई की मांग की गई और 9 मई 2023 के बाद की कार्रवाई में सेना की भूमिका की निंदा की गई.

मुनीर ने चला ऐसा पैंतरा, शहबाज शरीफ को आ गया पसीना

लेकिन, असीम मुनीर (Asim Munir) की बढ़ती अंतरराष्ट्रीय छवि ने पाकिस्तान की आंतरिक सत्ता संरचना पर बहस को फिर से छेड़ दिया है और शहबाज शरीफ (Shehbaz Sharif) के पसीने छुड़ा रहा है. आलोचकों का कहना है कि अमेरिका के साथ उनके उच्च-स्तरीय जुड़ाव, नागरिक प्रतिनिधियों को नजरअंदाज करते हुए, राष्ट्रीय निर्णय लेने की प्रक्रिया पर सेना के प्रभुत्व को मजबूत करते हैं. कुछ लोग मुनीर के कूटनीतिक प्रयासों को व्यावहारिक और रणनीतिक बता रहे हैं, जबकि अन्य अमेरिका की निंदा कर रहे हैं कि वे सैन्य अतिक्रमण को वैध ठहरा रहे हैं.
(इनपुट- न्यूज़ एजेंसी आईएएनएस)

About the Author
author img
सुमित राय

राजनीतिक खबरें लिखने और पढ़ने के अलावा समय निकालकर घूमने का शौक है. खाना बनाने और खाने में मजा आता है. माखनलाल चतुर्वेदी राष्‍ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय से जर्नलिज्‍म की मास्‍टर डिग्र...और पढ़ें

TAGS

Trending news

;