टोल टैक्स को लेकर आने वाली है बड़ी खुशखबरी; Zee भारत के मंच से नितिन गडकरी ने कर दिया ऐलान
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टोल टैक्स को लेकर आने वाली है बड़ी खुशखबरी; Zee भारत के मंच से नितिन गडकरी ने कर दिया ऐलान

भारत की उड़ान कार्यक्रम में शामिल केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने ऑटोमोबिल इंडस्ट्री को दुनिया की सबसे बड़ी इंडस्ट्री बनाने के रोडमैप की जानकारी दी है. साथ ही, लॉजिस्टिक कॉस्ट को कम करके डेढ़ गुना एक्सपोर्ट को बढ़ाने का ऐलान किया है.

टोल टैक्स को लेकर आने वाली है बड़ी खुशखबरी; Zee भारत के मंच से नितिन गडकरी ने कर दिया ऐलान

Nitin Gadkari Statement on Toll Tax: Zee भारत के कार्यक्रम 'भारत की उडान' में शामिल केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने टोल टैक्स को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने अगले तीन दिन में एक बड़ी घोषणा करने का ऐलान किया है. साथ ही उन्होंने इशारा किया है कि यह घोषणा ऐसी होने वाली है, जिससे हर कोई खुश हो जाएगा.

  1. पानीपत में बन रहा रोजाना 1 लाख लीटर ऐथनॉल
  2. अगले तीन दिन में टोल टैक्स को लेकर होगा बड़ा ऐलान

टोल टैक्स को लेकर आने वाली है खुशखबरी
Zee भारत के कार्यक्रम 'भारत की उडान' में शामिल केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से जब टोल टैक्स में कटौती को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने एक बड़े फैसले की ओर इशारा करते हुए कहा-  'मैं ज्यादा से ज्यादा तीन दिन के अंदर ऐसी घोषणा करूंगा, ऐसा कोई टोल का सवाल नहीं पूछेगा, और सब खुश हो जाएंगे.'

ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि नितिन गडकरी टोल टैक्स को लेकर बड़ा फैसला लेने वाले हैं, जिसमें टोल गेट को पूरी तरह समाप्त करने का ऐलान किया जा सकता है. इससे पहले अप्रैल 2025 में भी नितिन गडकरी ने टोल गेट को समाप्त करने की ओर इशारा किया था. वहीं, इससे हाईवे पर लगने वाले जाम और मनमानी वसूली से लोगों को राहत मिलने की संभावना है. 

'दुनिया में नंबर 1 पर होगी ऑटो इंडस्ट्री की साइज'
नितिन गडकरी ने ऑटोमोबिल इंडस्ट्री को दुनिया की नंबर एक इंडस्ट्री बनाने की भी बात कहीं. उन्होंने कहा- 'ऑटोमोबिल हमारे देश की सबसे महत्वपूर्ण इंडस्ट्री है. जब 2014 में हमारी सरकार आई थी, तब इस इंडस्ट्री का साइज 14 लाख करोड़ था. तब हम लोग सातवें नंबर थे. अभी चार महीनें आई एक रिपोर्ट के मुताबिक, हमारी इंडस्ट्री का साइज 22 लाख करोड़ हुआ है, और हमने जापान को पछाड़ते हुए हम तीसरे नंबर पर पहुंच गए. दुनिया में पहले नंबर पर अमेरिका है, जिसकी इंडस्ट्री का साइज 79 लाख करोड़ है. दूसरे नंबर पर चीन है, जिसकी इंडस्ट्री साइज 48 लाख करोड़ है. वहीं तीसरे नंबर पर भारत है, जिसके इंडस्ट्री की साइज 22 लाख करोड़ है.'

जिस तरह मर्सिडीज से लेकर महंगी से महंगी गाड़ियां, ट्रैक्टर, टू व्हीलर भारत में बन रहे हैं, और दुनिया भर में निर्यात किए जा रहे हैं. टू व्हीलर एक्सपोर्ट के मामले में हम दुनिया में दूसरे स्थान पर हैं. यह एक ऐसी इंडस्ट्री है, जो देश भर के युवाओं को 4.5 करोड़ रोजगार दिया है. यह एक ऐसी इंडस्ट्री है, जो भारत सरकार को सबसे ज्यादा जीएसटी देती है. इस इंडस्ट्री को लेकर हमारा पहला टारगेट है कि आने वाले 5 साल में हम दुनिया में पहले नंबर पर पहुंचें, यहीं हमारी कोशिश है.

लॉजिस्टिक लागत में होगी कटौती
भारत की उड़ान कार्यक्रम के दौरान, नितिन गडकरी ने लॉजिस्टिक लागत में कटौती की भी बात कही. उन्होंने कहा- 'अगर हमारे देश को आगे जाना है, तो लॉजिस्टिक कॉस्ट को कम करना होगा. वर्तमान में, हमारी लॉजिस्टिक कॉस्ट 16 प्रतिशत है. वहीं, यूरोप व अमेरिका में 12 प्रतिशत है, तो चीन में 8 प्रतिशत है.

इसके लिए IIM बैंगलोर, IIT कानपुर व IIT चेन्नई ने अध्ययन किया है. और मान्य किया है कि हमारे देश की लॉजिस्टिक कॉस्ट 4 से 6 प्रतिशत कम होगी. मेरा विश्वास है कि दिसंबर 2025 तक यह सिंगल डिजिट में आएगा. अगर 6 प्रतिशत भी कम हुआ, तो हमारा एक्सपोर्ट डेढ़ गुना बढ़ेगा.

पराली से रोजाना 1 लाख लीटर ऐथनॉल हो रहा तैयार
नितिन गडकरी ने आगे कहा- 'साथ ही, हमारे ट्रक डीजल-पेट्रोल पर चलते हैं, इसके लिए हम एलएनजी, ऐथनॉल लाए. इलेक्ट्रिक व हाइड्रोजन भी आ रहा है. वर्तमान में हम 22 लाख करोड़ रूपए का फॉसिल फ्यूल का इंपोर्ट कर रहे हैं. जिसके चलते हमारे यहां बड़े पैमाने पर प्रदुषण हो रहा है. आने वाले समय में इसे कम करना और बॉयो फ्यूल को बढ़ावा देने पर काम कर रहे हैं.'

'जिस पराली को लोग जला देते हैं, उसी से पानीपत में रोजाना 1 लाख लीटर ऐथनॉल का उत्पाद हो रहा है. वहां से निकले बॉयो से हमने नागपुर-जबलपुर में रोड बनाया. वहीं, 78 हजार टन सस्टेनबल फ्यूल बन रहे हैं. जिससे हवाई जहाज चलेंगे. अब इस देश का किसान केवल अन्नदाता नहीं, ईंधनदाता बना है. एक तरह से हाइड्रोजनदाता बना है.'

किसान बन रहे हाइड्रोजनदाता
किसानों के बॉयो फ्यूल में योगदान को लेकर नितिन गडकरी ने कहा- 'हमने मक्के से ऐथनॉल बनाना शुरू किया, तब मक्के की कीमत 1200 रूपए क्विंटल थी, आज  यूपी-बिहार में पैदावर बढ़ी है. जिसकी कीमत बढ़कर 3,000 रूपए क्विंटल तक पहुंच गई है. जिससे किसान को पैसा मिल रहा है. आने वाले समय में गांव परिवेश का विकास होगा, और गांव समृद्ध संपन्न होंगे, और एक बार फिर से लोग चलो शहर से गांवों की ओर करके जरूर जाएंगे.'

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प्रशांत सिंह

इससे पहले न्यूज 24, इनशॉर्ट्स, शेयरचैट जैसे संस्थानों में स्पेशल प्रोजेक्ट्स और बतौर टीम लीड की जिम्मेदारी निभा चुका हूं.

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