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इंडियन एयरफोर्स का 75 साल में यूं हुआ घातक ट्रांसफॉर्मेशन, तस्वीरों में देखें कैसे बदले फाइटर जेट्स

भारतीय वायुसेना ने पिछले 75 सालों में हवाई ताकत के लिए शानदार सफर तय किया है. दूसरे विश्व युद्ध के GNATS जैसे छोटे और हल्के लड़ाकू विमानों से लेकर आज के अत्याधुनिक Rafale तक IAF का बेड़ा लगातार बदलता और मजबूत होता रहा है.

 

 

इंडियन एयरफोर्स के फाइटर जेट

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इंडियन एयरफोर्स के फाइटर जेट

भारतीय वायुसेना ने समय के साथ खुद को ढाला है, नई चुनौतियों का सामना किया है और टेक्नोलॉजी को अपनाया है. ब्रिटिश और सोवियत मूल के विमानों से शुरू होकर, आज स्वदेशी और पश्चिमी देशों के सबसे एडवांस फाइटर जेट्स का इस्तेमाल कर रहे हैं. इस बदलाव ने भारतीय वायुसेना को हर मोर्चे पर बेहतर बनाया है, चाहे वह सीमा सुरक्षा हो या किसी भी हवाई हमले का जवाब देना.

GNAT लड़ाकू विमान का शुरुआती दौर

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GNAT लड़ाकू विमान का शुरुआती दौर

भारतीय वायुसेना ने अपने शुरुआती दिनों में GNAT जैसे लड़ाकू विमानों का इस्तेमाल किया, जिन्होंने 1965 के युद्ध में अपनी काबिलियत साबित की. ये छोटे और फुर्तीले विमान दुश्मन के बड़े जेट्स को भी चौंकाने की क्षमता रखते थे. ये उस दौर की शुरुआत थी जब भारतीय वायुसेना अपनी पहचान बना रही थी.

मिग-21 बना रीढ़ की हड्डी

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मिग-21 बना रीढ़ की हड्डी

सोवियत संघ से मिले मिग-21 फाइटर जेट्स भारतीय वायुसेना की रीढ़ की हड्डी बन गए. ये विमान दशकों तक इंडियन एयरफोर्स का मुख्य आधार रहे और कई लड़ाइयों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाए. इनकी हाई स्पीड और मल्टी-रोल क्षमता ने इन्हें भारतीय आसमान का असली हीरो बनाया. हालांकि, अब जल्द ही ये रिटायर होने वाले हैं. जिन्होंने हजारों से ज्यादा पायलट को जंग के मैदान के लिए ट्रेंड किया.

मिराज 2000 और जगुआर से बढ़ी स्ट्राइक पावर

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मिराज 2000 और जगुआर से बढ़ी स्ट्राइक पावर

अस्सी के दशक में भारतीय वायुसेना को मिराज 2000 और जगुआर जैसे आधुनिक विमान मिले. मिराज 2000 अपनी शानदार हवा से हवा में लड़ने की क्षमता और कारगिल युद्ध में सटीक हमले के लिए जाना जाता है. वहीं, जगुआर अपनी डीप पेनिट्रेशन स्ट्राइक क्षमता के लिए मशहूर है यानी दुश्मन के इलाके में घुसकर हमला करने की ताकत रखता है.

सुखोई Su-30MKI बना गेम चेंजर

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सुखोई Su-30MKI बना गेम चेंजर

सुखोई Su-30MKI भारतीय वायुसेना के बेड़े में एक असली गेम चेंजर साबित हुआ. यह एक बेहद शक्तिशाली मल्टी-रोल फाइटर जेट है, जो लंबी दूरी तक उड़ान भर सकता है और हवा से हवा के साथ-साथ हवा से जमीन पर भी सटीक वार कर सकता है. इसकी तैनाती से भारतीय वायुसेना की ताकत में जबरदस्त इजाफा हुआ.

तेजस से मिली आत्मनिर्भरता को उड़ान

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तेजस से मिली आत्मनिर्भरता को उड़ान

तेजस लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (LCA) भारत के स्वदेशी रक्षा निर्माण की सबसे बड़ी मिसाल है. यह मेड इन इंडिया फाइटर जेट है, जिसे हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) ने बनाया है. तेजस भारतीय वायुसेना को स्वदेशी तकनीक पर निर्भर रहने और भविष्य में खुद के विमान बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम माना गया.

राफेल बना नई पीढ़ी की ताकत

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राफेल बना नई पीढ़ी की ताकत

सबसे हालिया और सबसे एडवांस जोड़ है राफेल फाइटर जेट. फ्रांस से हासिल किए गए ये मल्टी-रोल फाइटर जेट अत्याधुनिक तकनीक, बेहतर हथियार प्रणाली और शानदार इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर क्षमताओं से लैस हैं. राफेल ने भारतीय वायुसेना की ताकत को एक नए स्तर पर पहुंचा दिया है, जिससे यह चीन-पाकिस्तान के मुकाबले कहीं भारी पड़ता है.

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