समुद्र की शांत लहरें जब विशालकाय और बेकाबू हो जाती हैं, तो वे अपने रास्ते में आने वाली हर चीज को तबाह कर देती हैं. इतिहास गवाह है ऐसी कई भयानक सुनामी की, जिन्होंने पल भर में लाखों जिंदगियां लील लीं और तटीय इलाकों का नक्शा ही बदल दिया.
सुनामी, आमतौर पर समुद्र के नीचे आए भूकंप, ज्वालामुखी विस्फोट या बड़े भूस्खलन के कारण उठने वाली विशाल समुद्री लहरें होती हैं. इनकी रफ्तार जेट विमानों से भी तेज होती है और जब ये तट से टकराती हैं, तो इनकी ऊंचाई आसमान छूने लगती है, जिससे भारी विनाश होता है. आइए जानते हैं दुनिया की उन 5 सबसे बड़ी और विनाशकारी सुनामी के बारे में, जिन्होंने इतिहास में सबसे भयानक तबाही मचाई थी.
26 दिसंबर 2004 को इंडोनेशिया के सुमात्रा तट पर 9.1 तीव्रता का एक जबरदस्त भूकंप आया. इस भूकंप के कारण हिंद महासागर में एक विशाल सुनामी उठी, जिसने 14 से ज्यादा देशों को अपनी चपेट में ले लिया. इस सुनामी से करीब 2,30,000 लोगों की मौत हुई, जिसमें इंडोनेशिया, श्रीलंका, भारत, थाईलैंड और मालदीव सबसे ज़्यादा प्रभावित हुए. लहरें कई जगहों पर 30 मीटर तक ऊंची उठीं. यह आधुनिक इतिहास की सबसे घातक सुनामी मानी जाती है.
11 मार्च 2011 को जापान के तोहोकू तट पर 9.1 तीव्रता का भूकंप आया, जिसने प्रशांत महासागर में एक और भयानक सुनामी को जन्म दिया. इस सुनामी से जापान के पूर्वी तट पर भारी तबाही मचाई और करीब 18,000 लोग मारे गए या तो लापता हो गए. रिपोर्ट बताती हैं कि कुछ जगहों पर लहरें करीब 40 मीटर तक ऊंची उठीं. इस सुनामी के कारण फुकुशिमा दाइची परमाणु ऊर्जा संयंत्र में भी बड़ा हादसा हुआ, जिससे परमाणु संकट पैदा हो गया था.
1 नवंबर 1755 को पुर्तगाल की राजधानी लिस्बन में एक विनाशकारी भूकंप आया, जिसकी तीव्रता अनुमानित रूप से 8.5 से 9.0 के बीच थी. भूकंप के बाद उठी सुनामी ने लिस्बन और आसपास के तटीय इलाकों को पूरी तरह तबाह कर दिया. इस घटना में भूकंप और सुनामी दोनों से करीब 60,000 से 1,00,000 लोगों की जान गई. सुनामी की लहरें अटलांटिक तट पर 20 मीटर तक ऊंची उठती देखी गईं.
27 अगस्त 1883 को इंडोनेशिया के क्राकाटोआ ज्वालामुखी में एक भीषण विस्फोट हुआ. यह इतिहास के सबसे शक्तिशाली ज्वालामुखीय विस्फोटों में से एक था, जिसने समुद्र में 30 मीटर से अधिक ऊंची सुनामी लहरें पैदा कीं. इन लहरों ने जावा और सुमात्रा के तटीय इलाकों में भारी तबाही मचाई, जिससे 36,000 से अधिक लोगों की मौत हुई. इस विस्फोट की आवाज हजारों किलोमीटर दूर तक सुनी गई थी.
22 मई 1960 को चिली में 9.5 तीव्रता का एक भयावह भूकंप आया, जिसे अब तक रिकॉर्ड किया गया सबसे शक्तिशाली भूकंप माना जाता है. इस भूकंप के कारण प्रशांत महासागर में एक विशाल सुनामी उठी, जिसने चिली के साथ-साथ हवाई, जापान, फिलीपींस, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया जैसे दूर-दराज के देशों को भी प्रभावित किया. चिली में सुनामी से करीब 2,000 से 6,000 लोग मारे गए, जबकि हवाई और जापान में भी कई लोगों की जान गई. लहरें चिली में 25 मीटर तक ऊंची थीं.
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