नई दिल्ली: रिसर्च में बेल्जियम के फ्लैंडर्स इलाके में रहने वाले कुछ घरों के 4-6 साल के 327 बच्चों को शामिल किया गया और उनकी हड्डियों की मजबूती को लेकर जांच की गई.
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नई दिल्ली: आप जब नया घर खरीदते हैं या किराए पर घर लेते हैं तो सबसे पहले किन चीजों को ध्यान रखते हैं? यही न कि घर में कितनी खिड़कियां है, घर की लोकेशन कैसी है, घर के आस-पास हरियाली है या नहीं, आपके पड़ोसी कैसे हैं या आपकी सोसाइटी कैसी है? बता दें कि घर का सही से चुनाव न करना आपके जीवन पर काफी ज्यादा प्रभाव डालता है. इसको लेकर हाल ही में एक रिसर्च सामने आई है.
बोन डेंसिटी को लेकर बच्चों में की गई रिसर्च
बेल्जियम में 'एनवायर्नमेंट इन्फ्लूएंस ऑन एजिंग इन अर्ली लाइफ' को लेकर एक नई रिसर्च सामने आई है. इस रिसर्च में बच्चों के उनके घर के माहौल के कारण उनमें होने वाले बदलाव को लेकर जानकारी इकट्ठा की गई. बता दें कि रिसर्च में बेल्जियम के फ्लैंडर्स इलाके में रहने वाले कुछ घरों के 4-6 साल के 327 बच्चों को शामिल किया गया और उनकी हड्डियों की मजबूती यानी बोन डेंसिटी को लेकर जांच की गई.
घर के माहौल का पड़ता है बच्चे की हेल्थ पर असर
रिसर्च में बच्चों की हड्डियों की मजबूती जानने के लिए अल्ट्रासोनेग्राफी समेत कई तरह के टेक्नीक अपनाए गए. इस दौरान यह खुलासा हुआ कि बच्चे का घर कहा हैं और उसके आस-पास का माहौल कैसा है इसका असर उनकी हेल्थ पर काफी ज्यादा पड़ता है.
हरियाली का भी पड़ता है हेल्थ का असर
रिसर्च की मानें तो जिन बच्चों के घर के आस-पास हरियाली थी उनकी हड्डियों के खनिज में घनत्व ज्यादा पाया गया. वही जिन बच्चों के घरों के आस-पास हरियाली बिल्कुल न के बराबर, कम बिल्कुल भी नहीं थी उन बच्चों की हड्डियों के खनिज में घनत्व ज्यादा नहीं था. 'द गार्डियन' में छपी के रिपोर्ट के मुताबिक वैज्ञानिकों का दावा है कि जिन बच्चों के घर के 1000 मीटर के आसपास 25 प्रतिशत अधिक हरी जगह है उनमें हड्डियों से जुड़ी परेशानी या बोन डेंसिटी कम होने का खतरा 66 प्रतिशत कम हो जाता है. इस रिसर्च में में लड़के और लड़कियों के बीच कोई अंतर नहीं पाया गया.
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