Research: प्रकाश की तरफ बिल्कुल आकर्षित नहीं होते हैं कीड़े, मजबूरी में लगाने पड़ते हैं लाइट के चक्कर
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Research: प्रकाश की तरफ बिल्कुल आकर्षित नहीं होते हैं कीड़े, मजबूरी में लगाने पड़ते हैं लाइट के चक्कर

'द गार्डियन' में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक ब्रिटेन में 'लंदन इम्पीरियल कॉलेज' के बायोइंजीनियरिंग डिपार्टमेंट में कीट पतंग के रोशनी की तरफ मंडराने को लेकर एक स्टडी की गई.  

Research: प्रकाश की तरफ बिल्कुल आकर्षित नहीं होते हैं कीड़े, मजबूरी में लगाने पड़ते हैं लाइट के चक्कर

नई दिल्ली: आपने अक्सर देखा होगा कि रात के समय किसी स्ट्रीट लाइट या अंधेरे में चमकते किसी बल्ब की रोशनी के सामने खूब सारे कीट-पतंग गोल-गोल चक्कर काट रहे होते हैं और जैसे ही लाइट बंद होती है वे भी गायब हो जाते हैं. इसे देखकर हम सभी सोचते हैं कि शायद इन कीट-पतंगो को लाइट की चमक बेहद पंसद हो. अब तक तो इसे वैज्ञानिक तथ्य भी माना जा रहा था, लेकिन हाल ही में हुई इस रिसर्च ने इस धारणा को पूरी तरह से गलत साबित कर दिया है. 

  1. लाइट की तरफ चक्कर लगाते हैं कीड़े 
  2. कृत्रिम प्रकाश में नहीं होते हैं आकर्षित

रोशनी में मंडराते हैं कीट पतंग

'द गार्डियन' में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक ब्रिटेन में 'लंदन इम्पीरियल कॉलेज' के बायोइंजीनियरिंग डिपार्टमेंट में कीट पतंग के रोशनी की तरफ मंडराने को लेकर एक स्टडी की गई. स्टडी के मुताबिक कीट पतंग लाइट की तरफ बिल्कुल भी आकर्षित नहीं होते हैं बल्कि रात के समय आर्टिफीशियल लाइट कीड़ों के इधर-उधर जाने के लिए नेविगेशनल सिस्टम को खराब कर देता है, जिससे वे कृत्रिम प्रकाश में आकर्षित होने के बदले उनमें फंस जाते हैं.

कृत्रिम प्रकाश में फंसते हैं कीड़े

रिसर्च के लिए शोधकर्ताओं ने स्टीरियो वीडियोग्राफी तकनीक का इस्तेमाल किया. इसके लिए उन्होंने कुछ कीट पतंगो को इकट्ठा कर उन्हें एक प्रयोगशाला में रखा, जहां पर उनकी सभी गतिविधियों को रिकॉर्ड किया गया. इस दौरान रिसर्चर्स ने पाया कि कीट पतंग आर्टिफीशियल लाइट के कारण घूमने-फिरने में काफी कन्फ्यूज हो रहे हैं. इस चक्कर में वे घंटो लाइट की तरफ गोल-गोल घूमते नजर आ रहे हैं.   

रोशनी की तरफ पीठ झुकाते हैं कीड़े   

'इंपीरियल कॉलेज लंदन' के एंटोमोलॉजिस्ट डॉ सैम फैबियन के अनुसार रात में उड़ने वाले कीड़े जहां पर सबसे अधिक रोशनी होती है वहीं पर पीठ झुकाकर चलते हैं. सैकड़ों वर्षों तक ऐसा आसमान में हुआ करता था, जिसमें वे रात के समय आकाश की रोशनी की तरफ पीठ झुकाकर उड़ते थे, जिससे वे समान स्तर पर उड़ पाते थे, लेकिन फिर आर्टिफीशियल लाइट आई, जहां पर कीट पतंगो ने अपनी पीठ स्ट्रीट लैंप के पीछ झुकाना शुरू कर दिया, लेकिन लैंप की रोशनी चारों दिशाओं से उनकी ओर आ रही थी, जिससे वे इसी लूपहोल में फंसकर चक्कर काटने लग गए थे. 

लाइट से अट्रैक्ट नहीं होते हैं कीड़े 
रिसर्च के दौरान शोधकर्ताओं ने पाया कि कीट पतंग खुद को लाइट की तरफ ऐसे रखते हैं, जिससे प्रकाश का डायरेक्शन उनकी पीठ की तरफ रहे, लेकिन आर्टीफिशियल लाइट में यह तरीका नाकाम हो जाता है क्योंकि वह बार-बार खुद को इस रोशनी से ठीक करने में लगे रहते हैं, जिससे वे इसी में घूम-घूमकर फंस जाते हैं और अंत में इसी में मर भी जाते हैं. 

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