Jharkhand News: झारखंड के आफताब अंसारी की हिंदू संगठन के लोगों ने मॉब लिंचिंग की, इसके बाद उसे पुलिस ने पकड़ लिया. 2 दिन बाद उसकी लाश नदी के किनारे मिली. परिवार का आरोप है कि उसे कोर्ट में पेश नहीं किया गया और हिंदू संगठन के लोगों ने उसे बेरहमी से मारा था. अंसारी पर यौन शोषण का आरोप था.
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Jharkhand News: झारखंड के रामगढ़ जिले में एक शख्स की रहस्यमयी मौत ने पुलिस की कार्रवाई पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं. मरने वावले आफताब अंसारी की लाश 26 जुलाई को दामोदर नदी के किनारे मिली थी. पुलिस ने दावा किया था कि वह 2 दिन पहले उनकी हिरासत से फरार हो गया था.
आफताब अर्शी गारमेंट्स नाम की एक दुकान में कर्मचारी थी. अंसारी के खिलाफ 23 जुलाई को यौन उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज की गई थी. उसी दिन, तीन लोग, जो हिंदू टाइगर फोर्स के सदस्य होने का दावा कर रहे थे, दुकान पर आए और कथित तौर पर आफताब की पिटाई की और उसे जबरन बाहर ले गए.
दुकान की मालकिन नेहा सिंह और अन्य चश्मदीदों के मुताबिक, जो लोग उसे मारने आए थे वह धार्मिक गालियां दे रहे थे और आफताब को इतना मार रहे थे कि मानो जान से मारने का इरादा हो.
आफताब की पत्नी सालेहा खातून के अनुसार, पुलिस मौके पर पहुंची और आफताब को अपनी हिरासत में ले लिया. परिवार ने आरोप लगाया कि आफताब न तो अदालत में पेश हुआ, न मौजूद था और न ही देखा गया और फिर अचानक दो दिन बाद उसका शव नदी के किनारे मिला. पुलिस का दावा है कि आफ़ताब 24 जुलाई को हिरासत से भाग गया था, लेकिन स्थानीय निवासी और परिवार के सदस्य इस बात से सहमत नहीं हैं.
आफ़ताब की मौत की खबर फैलते ही शनिवार रात बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर उतर आए और जोरदार विरोध प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों ने इस घटना को धार्मिक द्वेष के आधार पर आयोजित मॉब लिंचिंग करार दिया और आफताब की मौत की निष्पक्ष न्यायिक जांच की मांग की.
इस मामले में पुलिस ने हिंदू टाइगर फोर्स के सदस्य राजेश सिन्हा को गिरफ्तार किया है, जिस पर एक व्हाट्सएप ग्रुप में पोस्ट और स्क्रीनशॉट साझा करने का आरोप है जिसमें आफताब पर धर्मांतरण और यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया गया था. पुलिस ने और आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए 4 टीमें बनाई हैं.
दूसरी तरफ, झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने भी इस घटना को मॉब लिंचिंग करार दिया है और कहा है कि यह सब एक राजनीतिक साजिश का नतीजा है. उन्होंने सीनियर भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी पर अपने भड़काऊ सोशल मीडिया पोस्ट से माहौल को जहरीला बनाने और पुलिस पर दबाव बढ़ाने का आरोप लगाया है.
घटना में रामगढ़ थाना प्रभारी पीके सिंह और एक अन्य पुलिस अधिकारी को निलंबित कर दिया गया है. आफताब की पत्नी और दुकान मालिक की शिकायतों पर दो अलग-अलग प्राथमिकी दर्ज की गई हैं.