Prophet Muhammad(PBUH) DOB: लखनऊ की ऐशबाग ईदगाह में #ProphetForAll मुहिम की घोषणा की गई, जो रबीउल-अव्वल के मौके पर चलाई जाएगी. इसका मकसद पैगंबर मुहम्मद (स.अ.) की तालीम, रहम, इंसाफ, भाईचारा और अमन को समाज के हर वर्ग तक पहुंचाना है.
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Lucknow News Today: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ की ऐशबाग ईदगाह में सोमवार (28 जुलाई) को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया, जिसमें इस साल की रबीउल-अव्वल के मौके पर चलाई जाने वाली खास मुहिम #ProphetForAll की जानकारी दी गई. इस मुहिम का मकसद न सिर्फ मुस्लिम समाज बल्कि पूरे देश के हर मजहब, तबका और बिरादरी तक पैगंबर मुहम्मद सल्ललाहु अलैही व सल्लम की सीरत यानी उनकी रहदिली, इंसाफ, भाईचारा और अमन का पैगाम पहुंचाना है.
इस बार यह मुहिम खास मायने रखती है, क्योंकि 12वीं रबीउल-अव्वल को पैगंबर मुहम्मद सल्ललाहु अलैही व सल्लम की पैदाइश के 1500 साल पूरे हो रहे हैं. इस मौके पर एएमपी (Association of Muslim Professionals) के राष्ट्रीय अध्यक्ष आमिर इदरीसी और ईदगाह लखनऊ के इमाम मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली मौजूद रहे.
आमिर इदरीसी ने बताया कि यह मुहिम पिछले तीन सालों से पूरे देश में चलाई जा रही है और इसकी शुरुआत मुंबई से हुई थी. इस साल की मुहिम की शुरुआत भी रबीउल-अव्वल के पहले दिन से हो जाएगी और 12वीं रबीउल-अव्वल तक देशभर में कई तरह के अलग-अलग कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे.
आमिर इदरीसी ने कहा कि मुहिम के तहत ब्लड डोनेशन कैंप, स्कूल-कॉलेज में नौजवानों के लिए जागरूकता कार्यक्रम, अस्पतालों और यहां तक कि कोर्ट-कचहरी में भी इवेंट्स आयोजित किए जाएंगे. उनका कहना था कि इस अभियान की सबसे खास बात यह है कि इसमें गैर-मुस्लिम समुदाय के लोग भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं, जिससे देश में भाईचारे और एकता का संदेश फैलता है.
मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली ने इस मौके पर कहा कि पैगंबर मुहम्मद सल्ललाहु अलैही व सल्लम की जिंदगी इंसानियत के लिए एक बेहतरीन मिसाल है. उन्होंने पूरी दुनिया को अमन शांति, प्यार, बराबरी, भाईचारा और रहमदिली का रास्ता दिखाया. इस मुहिम का मकसद भी यही है कि उनके बताए रास्ते को हर नागरिक तक पहुंचाया जाए, ताकि समाज में सकारात्मकता और सौहार्द का माहौल बने.
#ProphetForAll नाम की यह मुहिम इस साल और भी व्यापक स्तर पर आयोजित की जाएगी, जिसमें शहरों से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक कई आयोजन होंगे. एएमपी के पदाधिकारियों का कहना है कि वे हर तबके और उम्र के लोगों को इस मुहिम से जोड़ना चाहते हैं, ताकि आखिरी नबी पैगंबर मुहम्मद सल्ललाहु अलैही व सल्लम की तालीम हर इंसान तक पहुंच सकें.
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