Eid-ul-fitr 2025: सऊदी अरब में ईद-उल-फितर हिन्दुस्तान से एक दिन पहले मनाई जाती है. इसके बारे में तो हम सभी को जानकारी है, लेकिन क्या आपको मालूम है कि हिन्दुस्तान में भी कुछ ऐसे राज्य हैं, जिनमें ईद सऊदी अरब की तारीखों के मुताबिक मनाया जाता है.
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Eid-ul-fitr 2025: ईद-उल-फितर मुसलमानों का सबसे अहम त्योहार है. हिन्दुस्तान से एक दिन पहले सऊदी अरबी में ईद मनाया जाता है. इस बारें में तो हम सभी जानतें हैं, लेकिन क्या आपको मालूम है कि हिन्दुस्तान के भी कुछ राज्यों में ईद सऊदी अरब के मुताबिक ही मनाई जाती है.
हिन्दुस्तान के केरल और जम्मू में ईंद सऊदी अरब की तारीखों के मुताबिक ही मनाया जाता है. सऊदी अरब और हिन्दुस्तान के समय में तकरीबन चार घंटे का फर्क है. लिहाजा कभी-कभी हिन्दुस्तान और सऊदी अरब में एक ही ईद का चांद दिखाई देता है और ईद भी एक ही दिन मनाई जाती है.
केरल में एक दिन पहले ईंद मनाते हैं
केरल और जम्मू में रमजान और ईद सऊदी अरब के तारीखों के मुताबिक मनाया जाता है. केरल के लोगों का यह मानना है कि सऊदी में ज्यादा मुसलमान रहते हैं और केरल के ज्यादतर लोग भी सऊदी में ही काम करते है, तो वह उनके साथ ही अपने त्योहार को मनाते है.
इन राज्यों के अलावा बाकी तमाम जगहों पर ईद चांद दिखाए जाने के मुताबिक मनाई जाती है. इस बार माहे रमजान 2 मार्च से शुरू हुआ था और इस्लामिक कैलेंडर के मुताबिक महीन 30 का होता है या फिर 29 का. इस्लामिक कैलेंडर में महीना नॉर्मल कैलेडर की तरह 30 और 31 का नहीं होता है.
ईद कब होगी..
इस मुताबिक अगर देखा जाए तो रमजान 2 मार्च को शुरू हुआ था, ईंद 1 अप्रैंल या फिर 31 मार्च को हो सकती है. ईद का दिन चांद नजर आने के बाद ही साफ तोर से बताया जा सकता है. हालांकि सऊदी अरब में 4 घंटे का फर्क होने से ईद एक दिन पहले ही मना ली जाती है.
वैसे तो पांच वक्त की नमाज का वक्त तय होता है, फज्र से लेकर ईशा तक की नमाजों को वक्त के मुताबिक ही अदा की जाती है. लेकिन ईद-उल-फितर और ईद-उल-जुहा की ही एक ऐसी नमाज होती है, जो सुबह के वक्त पढ़ी जाती है. इन नमाजों का वक्त हर मस्जिद में 2 से 3 मिनट के फर्क पर अदा की जाती है.