अनिल अंबानी ने बदला बिजनेस मॉडल का रुख, अब इन 3 सेक्टर्स में करेंगे फोकस; जान लें उनका नया गेम प्लान
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अनिल अंबानी ने बदला बिजनेस मॉडल का रुख, अब इन 3 सेक्टर्स में करेंगे फोकस; जान लें उनका नया गेम प्लान

लंबे समय से कॉर्पोरेट सुर्खियों से दूर रहे उद्योगपति अनिल अंबानी एक बार फिर चर्चा में हैं, लेकिन इस बार वजह कुछ अलग है. आर्थिक संकटों और कर्ज के दबाव से जूझने के बाद, अब उन्होंने अपने बिजनेस मॉडल को पूरी तरह बदलने की तैयारी कर ली है.

अनिल अंबानी ने बदला बिजनेस मॉडल का रुख, अब इन 3 सेक्टर्स में करेंगे फोकस; जान लें उनका नया गेम प्लान

लंबे समय से कॉर्पोरेट सुर्खियों से दूर रहे उद्योगपति अनिल अंबानी (Anil Ambani) एक बार फिर चर्चा में हैं, लेकिन इस बार वजह कुछ अलग है. आर्थिक संकटों और कर्ज के दबाव से जूझने के बाद, अब उन्होंने अपने बिजनेस मॉडल को पूरी तरह बदलने की तैयारी कर ली है. रक्षा, ऊर्जा और क्लीन एनर्जी जैसे भविष्यवादी क्षेत्रों में बड़ी छलांग लगाने के ऐलान के साथ, अनिल अंबानी की अगुवाई वाला रिलायंस ग्रुप अब एक बार फिर ग्रोथ मोड में लौटने को तैयार है.

ऐसे समय में जब प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कथित मनी लॉन्ड्रिंग और फंड के दुरुपयोग को लेकर ग्रुप से जुड़ी जगहों पर छापेमारी की, रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर और रिलायंस पावर के 100 से ज्यादा टॉप लीडर्स मुंबई में जुटे और भविष्य की रणनीति पर चर्चा की. इसी दौरान ग्रुप ने अपने नए रोडमैप की भी झलक दी.

₹18,000 करोड़ के निवेश से बदलेगा भविष्य
रिलायंस ग्रुप ने पिछले हफ्ते ही बोर्ड मीटिंग में ₹18,000 करोड़ जुटाने का प्रस्ताव पास किया था, जिसे अब विस्तार दिया जा रहा है. यह फंड मुख्य रूप से डिफेंस, एयरोस्पेस और रिन्युएबल एनर्जी क्षेत्रों में विकास के लिए इस्तेमाल होगा. ग्रुप ने अपने बयान में कहा कि यह मीटिंग एकजुटता, नई एनर्जी और लॉन्ग-टर्म वैल्यू क्रिएशन की एक साथ सोच को दर्शाती है.

इन तीन क्षेत्रों में अनिल अंबानी का नया दांव

1. डिफेंस और एयरोस्पेस
रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर अब भारत में डसॉल्ट एविएशन (फ्रांस) के साथ मिलकर Falcon 2000 बिजनेस जेट्स का निर्माण करेगी. इसके अलावा अमेरिका की कोस्टल मैकेनिक्स के साथ महाराष्ट्र में MRO हब स्थापित किया जाएगा. जर्मनी की राइनमेटल एजी और डाइहल डिफेंस के साथ गाइडेड म्यूनिशन में भी साझेदारी की जाएगी. टारगेट है भारत के टॉप 3 डिफेंस एक्सपोर्टर्स में शामिल होना.

2. पावर सेक्टर
दिल्ली में 53 लाख से ज्यादा घरों को बिजली सप्लाई करने वाली BSES अब अगले पांच वर्षों में स्मार्ट और ग्रीन एनर्जी पर फोकस करेगी. कंपनी का उद्देश्य है कि ज्यादा टिकाऊ और क्लीन एनर्जी का इस्तेमाल कर उपभोक्ताओं को बेहतर सेवा देना.

3. क्लीन एनर्जी
रिलायंस पावर की मौजूदा क्षमता 5.3 GW है. इसके साथ ही कंपनी ने 3.3 GWh के सोलर और बैटरी स्टोरेज प्रोजेक्ट्स हासिल किए हैं, जो एशिया का सबसे बड़ा सोलर-प्लस-स्टोरेज प्रोजेक्ट होगा. कंपनी का फोकस अब रिन्युएबल इनोवेशन पर है.

लगातार मुश्किलों के बावजूद आगे बढ़ें
रिलायंस ग्रुप ने अपने फाउंडर धीरूभाई अंबानी के विजन को दोहराते हुए कहा कि मुश्किलों के बीच भी अपने लक्ष्य को पाने की कोशिश करें और परेशानियों को अवसर में बदलें. यही हमारी प्रेरणा है. ग्रुप ने बताया कि रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर और रिलायंस पावर अब लगभग कर्ज से मुक्त हैं. दोनों कंपनियों की नेटवर्थ क्रमशः ₹14,883 करोड़ और ₹16,431 करोड़ है. साथ ही, ग्रुप के पास 50 लाख से ज्यादा पब्लिक शेयरहोल्डर्स हैं.

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