खर्चा 1.38 रुपये और आमदनी 73 पैसे, रेल मंत्री ने बताई पूरी कैलकुलेशन; कहा-47% का ड‍िस्‍काउंट दे रहे
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खर्चा 1.38 रुपये और आमदनी 73 पैसे, रेल मंत्री ने बताई पूरी कैलकुलेशन; कहा-47% का ड‍िस्‍काउंट दे रहे

Modi Govt: विपक्ष की तरफ से रेल हादसों को लेकर सरकार की आलोचना क‍िये जाने पर रेल मंत्री वैष्‍णव ने कहा कि जब ममता बनर्जी और लालू प्रसाद रेल मंत्री थे, उस समय औसतन रोजाना एक या दो रेल हादसे या ट्रेन की पटरी से उतरने की घटनाएं होती थीं. 

खर्चा 1.38 रुपये और आमदनी 73 पैसे, रेल मंत्री ने बताई पूरी कैलकुलेशन; कहा-47% का ड‍िस्‍काउंट दे रहे

Ashwini Vaishnaw in Rajya Sabha: रेल मंत्री अश्‍व‍िनी वैष्णव सोमवार को राज्‍यसभा में भारतीय रेलवे पर बोल रहे थे. उन्‍होंने कहा क‍ि रेलवे की फाइनेंश‍ियल स्थिति पहले से बेहतर हो रही है. रेल मंत्रालय के कामकाज को लेकर राज्‍य सभा में हुई चर्चा पर जवाब देते हुए वैष्णव ने कहा कि रेलवे ने कोरोना महामारी से जुड़ी चुनौतियों पर काबू पा लिया है. रेलवे के तहत यात्रियों की संख्या लगातार बढ़ रही है. उन्‍होंने इस दौरान जानकारी देते हुए बताया क‍ि 2023-24 में भारतीय रेलवे ने 2,75,000 करोड़ रुपये का  खर्च क‍िया और इस दौरान करीब 2,78,000 करोड़ रुपये का रेवेन्‍यू अर्ज‍ित क‍िया.

रेलवे अपने खर्चे खुद की आदमनी से पूरा कर रहा

उन्होंने बताया कोविड महामारी के बाद भी रेलवे ने अपनी चुनौतियों को सफलतापूर्वक पार किया है. रेलवे अपने खर्चे खुद की आदमनी से पूरा कर रहा है. कुल म‍िलाकर रेलवे की वित्तीय स्थिति अच्छी है. इसे और बेहतर बनाने के लिए प्रयास जारी हैं. सदन में चर्चा के दौरान रेल मंत्री ने बताया, 'रेल सफर करने पर पर एक यात्री को एक कि‍मी तक ले जाने की कॉस्‍ट 1.38 रुपये है. लेक‍िन क‍िराया केवल 73 पैसे ल‍िया जाता है, यानी यात्र‍ियों को करीब 47 प्रत‍िशत का ड‍िस्‍काउंट द‍िया जाता है. साल 2022-23 में यात्री क‍िराये पर 57000 करोड़ की सब्‍स‍िडी थी. 2023-24 में यह आंकड़ा बढ़कर करीब 60000 करोड़ रुपये पर पहुंच गया.

रेल भाड़ा सभी पड़ोसी देशों के मुकाबले सबसे कम
कई सांसदों का यह सवाल रहता है क‍ि रेलवे की तरफ से यात्र‍ियों के ल‍िए क्‍या क‍िया जा रहा है? इसके ल‍िए बता दें रेलवे ने बहुत बड़े प्रावधान क‍िये हैं. उन्‍होंने बताया भारत में रेल भाड़ा सभी पड़ोसी देशों के मुकाबले सबसे कम है. उन्होंने बताया कि इस साल 1400 नए लोकोमोटिव बनाए गए हैं, जो अमेरिका और यूरोप के कुल उत्पादन से भी अधिक है. 31 मार्च तक भारतीय रेलवे 1.6 अरब टन माल ढुलाई (freight) के साथ दुनिया के शीर्ष 3 मालवाहक रेलवे में शामिल हो जाएगा. विपक्ष की तरफ से नॉन-एसी कोच की संख्या घटाने के आरोप पर वैष्णव ने कहा कि सामान्य कोच की संख्या एसी कोच की तुलना में ढाई गुना की जा रही है.

विकसित देशों में ल‍िया जाता है 10 गुना किराया
रेल मंत्री ने रेलवे के क‍िराये को लेकर बोलते हुए कहा, विकसित देशों में 10 गुना किराया लिया जाता है. देश में 350 क‍िमी की यात्रा पर भारत में जनरल क्‍लास में 121 रुपये, पाक‍िस्‍तान में 436 रुपये, बांग्‍लादेश में 323 रुपये, श्रीलंका में 413 रुपये का खर्च आता है. पश्‍च‍िमी देशों में तो इसका 10 गुना, 15 गुना और 20 गुना क‍िराया ल‍िया जा रहा है. उन्‍होंने कम क‍िराये में सुरक्ष‍ित और अच्‍छी क्‍वाल‍िटी की सर्व‍िस म‍िल सके, हमारा हमेशा यही प्रयास रहता है. साल 2020 के बाद में क‍िराये में क‍िसी तरह का इजाफा नहीं क‍िया गया. 2020 में जनरल क्‍लास में 1 पैसा प्रत‍ि क‍िमी का मामूली सा इजाफा क‍िया था.

रेल हादसों में 90 प्रत‍िशत की कमी आई
इस दौरान रेल मंत्री वैष्‍णव ने राज्यसभा में कहा कि जब ममता बनर्जी और लालू प्रसाद रेल मंत्री थे, उस समय औसतन रोजाना एक या दो रेल हादसे या पटरी से उतरने की घटनाएं होती थीं. उन्होंने यह बयान विपक्ष की तरफ से हाल में हुए रेल हादसों पर सरकार की आलोचना के जवाब में दिया. वैष्णव ने बताया 2005-06 में जब लालू प्रसाद रेल मंत्री थे, तब 698 रेल हादसे और ट्रेन के पटरी से उतरने की घटनाएं हुईं थीं. इसी तरह, जब ममता बनर्जी रेल मंत्री थीं, तब यह संख्या 395 थी. इसके उलट, जब कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खड़गे रेल मंत्री थे तो यह संख्या घटकर 38 रह गई थी.

सालाना रेल हादसे घटकर महज 30 रह गए
वैष्णव ने कहा कि पहले जहां औसतन रोज एक रेल हादसा होता था, आज यह संख्या घटकर महज 30 हादसे सालाना रह गई है. अगर 43 अन्य घटनाओं को भी जोड़ दिया जाए तो कुल आंकड़ा 73 बनता है, जो पहले करीब 700 के आसपास था. उन्होंने इसे 90% की गिरावट बताते हुए रेलवे की बड़ी उपलब्धि करार दिया. वैष्णव ने बिहार के सारण जिले के मरहौरा कारखाने का जिक्र करते हुए बताया कि जल्द ही वहां से 100 लोकोमोटिव (इंजन) का निर्यात किया जाएगा.

उन्होंने बताया इस कारखाने की घोषणा लालू प्रसाद यादव के टेन्‍योर में की गई थी. लेकिन यह सालों तक नहीं चला. इसके निर्माण का काम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में ही शुरू हुआ. वैष्णव ने बताया जल्द ही ‘मेड इन बिहार’ लोकोमोटिव दुनिया के अलग-अलग देशों में पहुंचेंगे. उन्होंने बताया कि भारत मेट्रो कोच ऑस्ट्रेलिया, ट्रेन बोगी (डिब्बे) ब्रिटेन, सऊदी अरब, फ्रांस और ऑस्ट्रेलिया को निर्यात कर रहा है. 

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