Online Shopping: 12 शहरों में 25 लाख से ज्यादा आबादी वाले क्षेत्रों में कस्टमर्स के ऑनलाइन शॉपिंग के व्यवहार को ट्रैक किया जाएगा. (CPI) नई सीपीआई में अलग-अलग कंज्मपशन कैटेगरी के लिए वेट (महत्व) को अगले दो महीनों में अंतिम रूप दिया जाएगा.
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New CPI Series: भारत में पहली बार 12 शहरों में ऑनलाइन शॉपिंग के व्यवहार को नई उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) सीरीज में शामिल किया जाएगा. मनीकंट्रोल में प्रकाशित खबर के अनुसार नई सीपीआई सीरीज, जो 2011-12 के डेटा पर बेस्ड पुराने सूचकांक की जगह लेगी, वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही में जारी की जाएगी. इसके साथ ही सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की कैलकुलेशन में भी बदलाव होगा.
अगले दो महीनों में अंतिम रूप दिया जाएगा
खबर के अनुसार, 12 शहरों में 25 लाख से ज्यादा आबादी वाले क्षेत्रों में कस्टमर्स के ऑनलाइन शॉपिंग के व्यवहार को ट्रैक किया जाएगा. (CPI) नई सीपीआई में अलग-अलग कंज्मपशन कैटेगरी के लिए वेट (महत्व) को अगले दो महीनों में अंतिम रूप दिया जाएगा. इन शहरों में ऑनलाइन शॉपिंग के पैटर्न को समझने के लिए डाटा इकट्ठा किया जा रहा है.
करीब 10 प्रतिशत खर्च ऑनलाइन शॉपिंग पर
मिनिस्ट्री ऑफ स्टेटिक्स एंड प्रोग्राम इम्पलीमेंटेशन (MoSPI) ने पिछले कुछ दिनों के घरेलू खपत सर्वे में पाया कि शहरी क्षेत्रों में करीब 10 प्रतिशत खर्च ऑनलाइन शॉपिंग पर होता है, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में यह 3-4 प्रतिशत है. मंत्रालय हर शहर में ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से डेटा इकट्ठा करेगा. इसके लिए स्कैनर डेटा जैसी एडवांस तकनीक पर विचार किया जा रहा है, जो कि विकसित देशों में नॉर्मल है.
हर शहर में ऑनलाइन मार्केट अलग-अलग
सूत्रों ने बताया कि हर शहर में ऑनलाइन मार्केट अलग-अलग हैं. हमने उन शहरों को सिलेक्ट किया है, जहां कुछ प्लेटफॉर्म सबसे पसंदीदा हैं. ऑनलाइन खर्च में ई-कॉमर्स वेबसाइट, क्विक कॉमर्स, ओटीटी प्लेटफॉर्म और रेल व हवाई सफर जैसी ट्रांसपोर्टेशन सर्विस शामिल होंगी. अर्बन ट्रांसपोर्ट में राइड-हेलिंग ऐप्स ने भी बड़ा बदलाव लाया है.
रेल किराये का वेटेज भी बदलेगा
अभी तक पुरानी 2011-12 सीपीआई सीरीज में हवाई और रेल किराये का वेट केवल 0.3 प्रतिशत था. नई सीरीज में इनके महत्व को बढ़ाया जाएगा. टैक्सी और ऑटोरिक्शा किराये का वेट पहले 0.56 प्रतिशत का था. नई सीपीआई का बेस ईयर 2024 रहेगा. पिछले साल MoSPI ने एक सर्वे किया था ताकि हर क्षेत्र में सबसे लोकप्रिय रिटेल स्टोर की पहचान की जा सके. इससे नया सैंपलिंग स्ट्रक्चर तैयार होगा.
सीपीआई सर्वे का दायरा भी बढ़ाया जा रहा
सीपीआई सर्वे का दायरा भी बढ़ाया जा रहा है. अभी मंत्रालय 2,295 मार्केट को ट्रैक करता है, जिनमें करीब 1,200 ग्रामीण और बाकी शहरी हैं. नई सीरीज में यह संख्या बढ़कर 2,900 हो जाएगी. साथ ही ट्रैक किये जाने वाले प्रोडक्ट की संख्या भी 299 से ज्यादा होगी. इससे आधुनिक उपभोक्ता व्यवहार और मूल्य प्रवृत्तियों को बेहतर ढंग से समझा जा सकेगा.
सीपीआई क्या है?
सीपीआई (CPI) यानी उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (Consumer Price Index) एक ऐसा माप है जिसके जरिये यह दर्शाया जाता है कि समय के साथ रोजमर्रा की चीजों और सर्विस की कीमत में कितना बदलाव आया है. इसे आसान शब्दों में समझें तो यह बताता है कि लोगों की खरीदारी की लागत (जैसे खाना, कपड़े, किराया, परिवहन, आदि) कितनी बढ़ी या घटी है. इसका इस्तेमाल महंगाई (इन्फ्लेशन) या कीमतों में कमी (डिफ्लेशन) को मापने के लिए किया जाता है.