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The last Railway Station of India: भारतीय रेलवे दुनिया का चौथा सबसे विशाल रेल नेटवर्क है. रोजाना यहां हजारों ट्रेनों में लाखों लोग सफर करते हैं. ये ट्रेनें दर्जनों रेलवे स्टेशनों से होकर गुजरती है. भारत का पहला और सबसे पुराना रेलवे स्टेशन मुंबई का बोरीबली रेलवे स्टेशन है, लेकिन क्या आप भारत के आखिरी रेलवे स्टेशन के बारे में जानते हैं? भारत के आखिरी रेलवे स्टेशन पर आज तक कोई ट्रेन नहीं रूकी है, फिर भी इस रेलवे स्टेशन पर प्लेटफॉर्म है, रेल कर्मचारी है.
आखिरी रेलवे स्टेशन
भारत का आखिरी रेलवे स्टेशन भारत-बांग्लादेश सीमा पर स्थित सिंघाबाद रेलवे स्टेशन को माना जाता है. इस रेलवे स्टेशन के साथ ही भारत की सीमा खत्म हो जाती है. इस रेलवे स्टेशन के बाद बांग्लादेश की सीमा शुरू हो जाती है. बंगाल के मालदा जिले के हबीबपुर क्षेत्र स्थिति सिंघाबाद रेलवे स्टेशन पर प्लेटफॉर्म भी है, रेलवे के स्टाफ है, लेकिन यहां कोई ट्रेन नहीं रूकती है. स्टेशन के साइन बोर्ड पर आज भी ' भारत का आखिरी रेलवे स्टेशन' लिखा हुआ है.
नहीं रूकती कोई ट्रेन
भारत के आखिरी रेलवे स्टेशन को ब्रिटिश काल में बनाया गया. भारत और बांग्लादेश के बीच संबंधों को मजबूत करने के लिए इस रेलवे स्टेशन का निर्माण करवाया गया, लेकिन आज ये रेलवे स्टेशन वीरान पड़ा है. आजादी से पहले महात्मा गांधी और सुभाष चंद्र बोस जैसी हस्तियां ढाका जाने के लिए इस स्टेशन का इस्तमाल करते थे, लेकिन अब यहां कोई यात्री ट्रेनें नहीं रुकती है.
नहीं रुकती कोई ट्रेन, न कोई यात्री
अब इस रेलवे स्टेशन पर न कोई ट्रेन रुकती है और न ही कोई यात्री यहां आता-जाता है, यहां से केवल मालगाड़ियां ही आती-जाती है. साल 1971 में बांग्लादेश के बनने और उसके बाद के भू-राजनीतिक बदलावों के बाद साल 1978 में एक समझौता हुआ, जिसके बाद से इस रेलवे स्टेशन का इस्तेमाल सिर्फ मालगाड़ियों के आवाजाही के लिए किया जाने लगा. जहां पहले ये रेलवे स्टेशन यात्रियों से भरा रहता था, अब बिल्कुल वीरान नजर आता है. सुनसान प्लेटफॉर्म, खाली टिकट काउंटर, सूनी पटरियां और इन सबके बीच रेलवे के मुट्ठी भर स्टाफ. इन स्टाफ पर आज भी इस आखिरी रेलवे स्टेशन को बचाए रखने की जिम्मेदारी है.