कट्टर हिंदू कैसा होता है और क्या है इसका मतलब? RSS प्रमुख मोहन भागवत ने आसान भाषा में समझा दिया
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कट्टर हिंदू कैसा होता है और क्या है इसका मतलब? RSS प्रमुख मोहन भागवत ने आसान भाषा में समझा दिया

Hardcore Hindu Meaning: आरएसएस से जुड़े शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास द्वारा आयोजित राष्ट्रीय शिक्षा सम्मेलन, ज्ञान सभा में बोलते हुए मोहन भागवत ने मजबूत धार्मिक पहचान के बारे में फैली एक 'आम गलतफहमी' को दूर करने का प्रयास किया.

कट्टर हिंदू कैसा होता है और क्या है इसका मतलब? RSS प्रमुख मोहन भागवत ने आसान भाषा में समझा दिया

Who is Hardcore and True Hindu: कट्टर हिंदू कैसा होता है? कट्टर हिंदू का क्या मतलब है? अक्सर लोगों के बीच इस तरह के सवाल आते हैं और कट्टर हिंदू को लेकर लोगों के बीच कन्फ्यूजन होता है. अब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत ने 'कट्टर हिंदू' होने के अर्थ को लेकर फैली गलतफहमी को दूर करने का प्रयास किया है. राजनीतिक गलियारों 'कट्टर' शब्द का मतलब आमतौर पर नकारात्मक अर्थों में देखा जाता है, लेकिन मोहन भागवत ने इसे एक अलग नजरिए से परिभाषित किया है.

कट्टर हिंदू कैसा होता है? मोहन भागवत ने क्या बताया

आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत ने कहा कि हिंदू धर्म का सार सभी को गले लगाने में निहित है. सोमवार को आरएसएस से जुड़े शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास द्वारा आयोजित राष्ट्रीय शिक्षा सम्मेलन, ज्ञान सभा में बोल रहे थे. समापन सत्र में अपने मुख्य भाषण में भागवत ने मजबूत धार्मिक पहचान के बारे में फैली एक 'आम गलतफहमी' को दूर करने का प्रयास किया. भागवत ने हिंदू होने के मूल और मूल भाव के बीच एक मजबूत संतुलन की भी वकालत की. उन्होंने कहा, 'अक्सर यह गलतफहमी होती है कि कट्टर हिंदू होने का मतलब दूसरों को गाली देना है. ऐसी गलतफहमी हो सकती है.'

मोहन भागवत ने कहा, 'सच्चा हिंदू होने का मतलब किसी का विरोध करना नहीं है. न ही इसका मतलब यह है कि हमें यह कहकर जवाब देना होगा कि हम हिंदू नहीं हैं. हम हिंदू हैं, लेकिन हिंदू होने का सार सभी को गले लगाना है.' उन्होंने आगे कहा, 'जो कोई भी हिंदुओं को एकजुट करना चाहता है, उसे इस सार का ध्यान रखना होगा.'

मोहन भागवत ने बताया- दुनिया में 2 तरह के ज्ञान हैं

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि इस दुनिया में दो प्रकार के ज्ञान हैं- विद्या (सच्चा ज्ञान) और अविद्या (अज्ञान). दोनों ही व्यक्ति के भौतिक जीवन और आध्यात्मिक खोज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. उन्होंने यह भी कहा कि (थॉमस बैबिंगटन) मैकाले द्वारा प्रस्तावित औपनिवेशिक शिक्षा प्रणाली आज के भारत के लिए उपयुक्त नहीं है. इसके बजाय भारतीय शिक्षा के माध्यम से वैश्विक कल्याण के लिए सत्य और करुणा पर आधारित कर्तव्य निभाने हेतु भारत की अपार शक्ति को जागृत करना संभव है. उन्होंने कहा, 'प्रत्येक व्यक्ति को समाज के व्यापक परिवर्तन के लिए अपना कर्तव्य मानकर कार्य करना चाहिए.'

कट्टर हिंदू कौन है? मोहन भागवत की प्रमुख बातें-

1. आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने 'कट्टर हिंदू' शब्द को लेकर किस गलतफहमी को दूर करने का प्रयास किया है?
मोहन भागवत ने इस गलतफहमी को दूर करने का प्रयास किया है कि कट्टर हिंदू होने का मतलब दूसरों को गाली देना या उनका विरोध करना है.

2. मोहन भागवत के अनुसार 'सच्चा हिंदू' होने का क्या अर्थ है?
मोहन भागवत के अनुसार, सच्चा हिंदू होने का मतलब किसी का विरोध करना नहीं है. इसका सार सभी को गले लगाना है, चाहे वे कोई भी हों. उन्होंने जोर दिया कि हिंदू धर्म का मूल सिद्धांत समावेशिता है.

3. मोहन भागवत ने 'कट्टर हिंदू' की अपनी परिभाषा कहां और किस अवसर पर दी?
मोहन भागवत ने आरएसएस से जुड़े शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास द्वारा आयोजित राष्ट्रीय शिक्षा सम्मेलन, ज्ञान सभा के समापन सत्र में अपने मुख्य भाषण के दौरान 'कट्टर हिंदू' की अपनी परिभाषा दी.

4. मोहन भागवत ने दुनिया में कितने प्रकार के ज्ञान बताए हैं?
मोहन भागवत ने कहा कि दुनिया में दो प्रकार के ज्ञान हैं. पहला विद्या (सच्चा ज्ञान) और दूसरा अविद्या (अज्ञान).

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