Nimisha Priya Case: निमिषा प्रिया की फांसी की सजा रद्द, ग्रैंड मुफ्ती का दावा; जानें केरल से यमन की जेल तक कैसे पहुंची नर्स
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Nimisha Priya Case: निमिषा प्रिया की फांसी की सजा रद्द, ग्रैंड मुफ्ती का दावा; जानें केरल से यमन की जेल तक कैसे पहुंची नर्स

Nimisha Priya Case: हत्या के जुर्म में यमन की जेल में बंद केरल की नर्स निमिषा प्रिया की फांसी की सजा रद्द हो गई है. यह दावा केरल में रहने वाले ग्रैंड मुफ्ती ने किया है. मुफ्ती का कहना है कि यमन की सत्ता पर काबिज हूतियों ने सोमवार को यह फैसला किया.

Nimisha Priya Case: निमिषा प्रिया की फांसी की सजा रद्द, ग्रैंड मुफ्ती का दावा; जानें केरल से यमन की जेल तक कैसे पहुंची नर्स

Nimisha Priya Case: यमन में हत्या के मामले में दोषी ठहराई गई भारतीय नर्स निमिषा प्रिया की मौत की सज़ा को पलट कर पूरी तरह रद्द कर दिया गया है. केरल में रहने वाले ग्रैंड मुफ़्ती कंथापुरम एपी अबुबकर मुसलियार के कार्यालय ने यह जानकारी दी. मुफ्ती के मुताबिक, सजा माफी का यह फैसला यमन की राजधानी सना में हुई एक उच्च-स्तरीय बैठक के बाद लिया गया. जहां मृत्युदंड को पूरी तरह से रद्द करने का निर्णय लिया गया, जिसे पहले अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया गया था.

मुफ्ती ने बयान में क्या कहा?

सोमवार देर रात ग्रैंड मुफ्ती के कार्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया, 'निमिषा प्रिया की मौत की सज़ा, जिसे पहले निलंबित कर दिया गया था, अब उसे रद्द कर दिया गया है. यमन की राजधानी सना में हुई एक उच्च-स्तरीय बैठक में मृत्युदंड को पूरी तरह से रद्द करने का यह फैसला लिया गया.' 

बताते चलें कि केरल की 37 वर्षीय भारतीय नर्स निमिषा प्रिया को जून 2018 में एक यमनी नागरिक की हत्या के मामले में दोषी ठहराया गया था. उसे इस साल 16 जुलाई को फांसी दी जानी थी. निमिषा के परिवार ने इस फैसले के खिलाफ यमन की की सर्वोच्च न्यायिक परिषद में अपील की, जिसे उसने नवंबर 2023 को बरकरार रखा. हालांकि भारत सरकार के "ठोस प्रयासों" के बाद उसकी फांसी स्थगित कर दी गई.

कैसे मामले में फंस गईं निमिषा प्रिया?

इससे पहले 17 जुलाई को, विदेश मंत्रालय (MEA) ने कहा था कि वह निमिषा प्रिया की मदद के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहा है और इस मामले में हर संभव सहायता प्रदान कर रहा है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने एक प्रेस वार्ता के दौरान बताया कि विदेश मंत्रालय ने यमन में जटिल कानूनी प्रक्रिया से निपटने में प्रिया के परिवार की सहायता के लिए एक वकील नियुक्त किया है. इसमें शरिया कानून के तहत क्षमादान या माफ़ी के विकल्प तलाशना भी शामिल है.

रिपोर्ट के मुताबिक, निमिषा प्रिया एक प्रशिक्षित नर्स हैं और उन्होंने कुछ वर्षों तक यमन के निजी अस्पतालों में काम किया है. उनके पति और नाबालिग बेटी 2014 में आर्थिक कारणों से भारत लौट आए थे. उसी वर्ष यमन गृहयुद्ध की चपेट में आ गया था. इसके चलते निमिषा के पति और बच्चे यमन नहीं लौट सके क्योंकि उसने नए वीज़ा जारी करना बंद कर दिया था.

यमनी नागरिक महदी ने दिया धोखा!

बाद में 2015 में, निमिषा ने सना में अपना क्लिनिक स्थापित करने के लिए एक यमनी नागरिक, तलाल अब्दो महदी के साथ हाथ मिलाया. उन्होंने महदी का समर्थन इसलिए मांगा क्योंकि यमन के कानून के तहत, केवल नागरिकों को ही क्लिनिक और व्यावसायिक फर्म स्थापित करने की अनुमति है. 2015 में, महदी निमिषा प्रिया के साथ केरल गया था, जहाँ वह एक महीने की छुट्टी पर आई थी. इस दौरान, उसने निमिषा की एक शादी की तस्वीर चुरा ली, जिसके साथ बाद में छेड़छाड़ करके उसने दावा किया कि उसकी उससे शादी हो गई है.

निमिषा प्रिया की मां की ओर से दायर याचिका में कहा गया, कुछ समय बाद, जब निमिषा का क्लिनिक शुरू हुआ, तो महदी ने क्लिनिक के स्वामित्व के दस्तावेज़ों में हेराफेरी की. उसने निमिषा को अपनी पत्नी बताकर उसकी मासिक आय से पैसे भी ऐंठने शुरू कर दिए. निमिषा ने आरोप लगाया था कि महदी उसे और उसके परिवार को सालों से परेशान कर रहा था. महदी ने उसका पासपोर्ट भी ज़ब्त कर लिया था.

मदद के बजाय पुलिस ने जेल में डाल दिया

ऐसा इसलिए किया गया ताकि वह यमन छोड़कर न जाए. उसने उसे नशीले पदार्थों के नशे में प्रताड़ित किया. उसने उसे कई बार बंदूक की नोंक पर धमकाया. उसने क्लिनिक से सारा पैसा और उसके गहने भी छीन लिए."

याचिका में आगे आरोप लगाया गया है कि यातना सहन न कर पाने पर, निमिषा ने सना में पुलिस से शिकायत की, लेकिन महदी के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय, पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया और छह दिनों के लिए जेल में डाल दिया. यह भी आरोप लगाया गया था कि जेल से लौटने पर, यातना की गंभीरता कई गुना बढ़ गई. जुलाई 2017 में, निमिषा ने अपने क्लिनिक के पास स्थित एक जेल के वार्डन की मदद ली.

दवा के ओवरडोज से हो गई मौत

वार्डन ने सुझाव दिया कि वह उसे बेहोश करने की कोशिश करे और फिर उसे पासपोर्ट देने के लिए मना ले. हालांकि, बेहोशी का महदी पर कोई असर नहीं हुआ, जो नशे का आदी था. उसने पासपोर्ट वापस पाने के लिए उसे फिर से बेहोश करने की कोशिश की और एक तेज़ दवा दे दी, लेकिन कुछ ही मिनटों में दवा के ओवरडोज़ के कारण उसकी मौत हो गई. इसके बाद महदी के परिवार वालों की शिकायत पर निमिषा को अरेस्ट कर लिया गया, जहां पर शरिया कानून के तहत उन्हें फांसी की सजा सुना दी गई.

(एजेंसी ANI)

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