Two Board Exams: छात्र साल में दो बार परीक्षा दे सकेंगे, जैसे जेईई की परीक्षा होती है. वे सबसे अच्छे नंबर चुन सकते हैं... लेकिन यह पूरी तरह से ऑप्शनल होगा, कोई दबाव नहीं होगा.
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Central Board of Secondary Education: शिक्षा मंत्रालय ने हाल ही में सीबीएसई के साथ मिलकर यह सोचा है कि अगले साल से बोर्ड की परीक्षाएं साल में दो बार कराई जाएं. इस बारे में एक बड़ी मीटिंग हुई, जिसमें शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बताया कि जल्द ही इस योजना को लोगों की राय के लिए सीबीएसई की वेबसाइट पर डाला जाएगा.
इससे छात्रों को क्या फायदा होगा?
स्ट्रेस कम होगा: साल में दो बार परीक्षा होने से छात्रों का तनाव कम होगा, क्योंकि उनके पास अपने नंबर सुधारने का मौका होगा. हालांकि, दोनों परीक्षाएं देना जरूरी नहीं होगा.
एग्जाम में फ्लैक्सिबिलिटी: छात्र अपनी सुविधा और तैयारी के हिसाब से एक या दोनों परीक्षाएं दे सकेंगे.
अलग-अलग कठिनाई लेवल: गणित और साइंस जैसे सब्जेक्ट बेसिक और स्टैंडर्ड दोनों लेवल पर उपलब्ध होंगे, जिससे स्टूडेंट्स को कई मौके मिलेंगे.
सुधार का मौका: दोनों एग्जाम में से जिसमें सबसे अच्छे नंबर आए होंगे, वही माने जाएंगे.
शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने पहले कहा था कि छात्र साल में दो बार परीक्षा दे सकेंगे, जैसे जेईई की परीक्षा होती है. "वे सबसे अच्छे नंबर चुन सकते हैं... लेकिन यह पूरी तरह से ऑप्शनल होगा, कोई दबाव नहीं होगा."
अभी तीन ऑप्शन पर विचार किया जा रहा है:
सेमेस्टर सिस्टम, जिसमें पहली परीक्षा जनवरी-फरवरी में और दूसरी मार्च-अप्रैल में हो.
दूसरी परीक्षा जून में सप्लीमेंट्री परीक्षा के साथ.
अभी कोई भी ऑप्शन तय नहीं हुआ है, और अधिकारी परीक्षा के तरीके और माध्यम पर विचार कर रहे हैं.
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सीधे शब्दों में कहें तो, अब बोर्ड की परीक्षा साल में दो बार हो सकती है, जिससे छात्रों को तनाव कम होगा और नंबर सुधारने का मौका मिलेगा. लेकिन अभी कुछ भी तय नहीं है, और सरकार लोगों से राय ले रही है.
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