Prof. Uma Kanjilal: जिस यूनिवर्सिटी में थीं लाइब्रेरियन अब उसी की बनीं सबसे बड़ी 'बॉस', ये रिकॉर्ड भी टूटा
Indira Gandhi National Open University: प्रोफेसर कंजीलाल को अमेरिका के इलिनोइस विश्वविद्यालय में प्रतिष्ठित फुलब्राइट फेलोशिप (1999-2000) पाना, कॉमनवेल्थ ऑफ लर्निंग के लिए सलाहकार के रूप में काम करना और जॉर्डन में UNRWA के लिए डिजिटल शिक्षा पर काम करना शामिल है.
Trending Photos
)
IGNOU New VC: इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी (Indira Gandhi National Open University), जिसे हम सब इग्नू (IGNOU) के नाम से जानते हैं, ने प्रोफेसर उमा कांजीलाल को अपना नया कुलपति (Vice-Chancellor) नियुक्त किया है. यह एक ऐतिहासिक क्षण है क्योंकि यूनिवर्सिटी के अब तक के इतिहास में वे पहली महिला हैं जिन्हें यह पद मिला है.
प्रोफेसर कांजीलाल 25 जुलाई, 2024 से कार्यकारी कुलपति (Acting Vice Chancellor) के रूप में काम कर रही थीं. उनके पास ओपन एंड डिस्टेंस लर्निंग (Open and Distance Learning - ODL) सिस्टम में 36 साल से भी ज्यादा का एक्सपीरिएंस है.
वे दुनिया की सबसे बड़ी ओपन यूनिवर्सिटी में से एक को लीड करने के लिए अपने साथ एकेडमिक लीडरशिप, डिजिटल इनोवेशन (यानि टेक्नोलॉजी में नए-नए काम) और संस्थान की गहरी जानकारी का एक अच्छा एक्सपीरिएंस लेकर आई हैं.
प्रोफेसर कांजीलाल मार्च 2021 से जुलाई 2024 तक इग्नू में प्रो-वाइस-चांसलर के पद पर भी काम कर चुकी हैं. उनके अन्य अहम लीडरशिप रोल्स में शामिल हैं:
2019 से 2021 तक: ऑनलाइन शिक्षा केंद्र (Centre for Online Education) की डायरेक्टर.
2016 से 2019 तक: इंटर-यूनिवर्सिटी कंसोर्टियम फॉर टेक्नोलॉजी एनेबल्ड फ्लेक्सिबल एजुकेशन की डायरेक्टर.
2012 से 2013 तक: एडवांस्ड सेंटर फॉर इंफॉर्मेटिक्स एंड इनोवेटिव लर्निंग की डायरेक्टर.
2007 से 2010 तक: सामाजिक विज्ञान संकाय (School of Social Sciences) की डायरेक्टर.
2004 से 2006 तक किस पद पर थीं प्रोफेसर उमा कांजीलाल?
इसके अलावा, वह साल 2003 से लाइब्रेरी और सूचना विज्ञान (Library and Information Science) की प्रोफेसर के रूप में भी अपनी सेवाएं दे रही हैं. उन्हें पूरे देश में ई-लर्निंग, लाइब्रेरीज में इन्फोर्मेशन एंड कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी (ICT) के इस्तेमाल, डिजिटल लाइब्रेरी बनाने और मल्टीमीडिया कोर्स का कंटेट डेवलप करने में उनकी एक्सपर्टीज के लिए जाना जाता है.
वर्तमान में, वह भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय की प्रमुख डिजिटल शिक्षा पहलों, 'स्वयं' (SWAYAM) और 'स्वयं प्रभा' (SWAYAM PRABHA) की राष्ट्रीय समन्वयक (National Coordinator) भी हैं.
प्रोफेसर कांजीलाल ने विदेश में क्या-क्या काम किया?
प्रोफेसर कांजीलाल के ग्लोबल योगदान में अमेरिका के इलिनोइस विश्वविद्यालय में प्रतिष्ठित फुलब्राइट फेलोशिप (1999-2000) पाना, कॉमनवेल्थ ऑफ लर्निंग के लिए सलाहकार के रूप में काम करना और जॉर्डन में UNRWA के लिए डिजिटल शिक्षा पर काम करना शामिल है. उन्हें कई पुरस्कार और सम्मान भी मिले हैं, जिनमें ई-एजुकेशन के लिए मंथन अवार्ड, ऑस्ट्रेलिया-इंडिया काउंसिल ग्रांट और एक डेनिडा फेलोशिप प्रमुख हैं.
प्रोफेसर कांजीलाल ने इग्नू के डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर (digital infrastructure) और ऑनलाइन एजुकेशन से जुड़ी सुविधाओं का विस्तार करने में एक बहुत ही अहम भूमिका निभाई है.
कहां से और कितनी की पढ़ाई?
इग्नू की नई वाइस चांसलर प्रोफेसर उमा कांजीलाल ने कानपुर के क्राइस्ट चर्च कॉलेज से पोस्ट ग्रेजुएशन की है, उन्होंने मास्टर ऑफ आर्ट्स (MA) की डिग्री ली है. इसके बाद कांजीलाल ने जीवाजी यूनिवर्सिटी से पीएचडी की.
रट्टा मारने की जरूरत नहीं, 5 मिनट में सीखो रोमन नंबर; आप भी कहोगे 'वाह, ये तो बच्चों का खेल है!'
कहां से की करियर की शुरुआत?
प्रोफेसर उमा कांजीलाल ने 1984 में आईआईटी कानपुर से बतौर रिसर्च असिस्टेंट अपना करियर शुरू किया था. फिर उन्होंने इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (IGNCA) में कैटलॉगर और प्रोफेशनल असिस्टेंट के तौर पर काम किया.
इग्नू ने यह भी बताया कि 'नेशनल वर्चुअल लाइब्रेरी ऑफ इंडिया' प्रोजेक्ट की मुख्य अन्वेषक (Principal Investigator) के रूप में उनकी लीडरशिप और शिक्षा में टेक्नोलॉजी को बढ़ावा देने वाले NMEICT प्रोजेक्ट के तीसरे फेज में उनकी भूमिका, यह दिखाती है कि वे एजुकेशन को डिजिटल रूप से सशक्त बनाने के लिए कितनी कमिटेड हैं.