खाते में थे मात्र 500 रुपए, फ्लैट के बाहर लगाया ऐसा नीला बोर्ड, एक ही दिन में बना लिए 3.72 करोड़ रुपए, पुलिस हैरान
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खाते में थे मात्र 500 रुपए, फ्लैट के बाहर लगाया ऐसा नीला बोर्ड, एक ही दिन में बना लिए 3.72 करोड़ रुपए, पुलिस हैरान

Online fraud: दिल्ली के त्रिलोकपुरी में एक साधारण-सा फ्लैट, जिसके बाहर कभी "जीविका फाउंडेशन" का नीला साइनबोर्ड लटकता था. पड़ोसियों का कहना है कि वो बोर्ड अब गायब है और फ्लैट भी खाली पड़ा है. लेकिन इस खाली फ्लैट ने साइबर ठगी की ऐसी कहानी की खोली कि पुलिस से लेकर बैंक तक सब हैरान हैं.

प्रतीकात्मक तस्वीर, फोटो साभार: ग्रोक
प्रतीकात्मक तस्वीर, फोटो साभार: ग्रोक

Online Scam: दिल्ली के त्रिलोकपुरी में एक साधारण-सा फ्लैट, जिसके बाहर कभी "जीविका फाउंडेशन" का नीला साइनबोर्ड लटकता था. पड़ोसियों का कहना है कि वो बोर्ड अब गायब है और फ्लैट भी खाली पड़ा है. लेकिन इस खाली फ्लैट ने साइबर ठगी की ऐसी कहानी खोली कि पुलिस से लेकर बैंक तक सब हैरान हैं. इंडियन एक्सप्रेस में छपी एक रिपोर्ट की जांच में पता चला कि कैसे 500 रुपए से शुरू हुए खाते में एक ही दिन में 3.72 करोड़ रुपए का लेन-देन हो गया, और किसी को कानों-कान खबर नहीं हुई.

जीविका फाउंडेशन का रहस्यमयी खेल
अक्टूबर 2023 में दिल्ली के करोल बाग में HDFC बैंक की शाखा में "जीविका फाउंडेशन" के नाम से खाता खोला गया. बैंक का दावा है कि KYC समेत सारी औपचारिकताएं पूरी की गईं. मगर सवाल ये है कि जब एक दिन में इस खाते में 1,960 लेन-देन हुए, 3.72 करोड़ रुपये जमा हुए और 3.33 करोड़ रुपये निकल गए, तो बैंक को शक क्यों नहीं हुआ? उस दिन खाते में शुरुआती बैलेंस था सिर्फ 556 रुपये. पुलिस रिकॉर्ड बताते हैं कि 8 अगस्त 2024 को 78 साल के रिटायर्ड IAF अधिकारी बीरेन यादव को साइबर ठगों ने "डिजिटल अरेस्ट" के जाल में फंसाया. ठगों ने उनसे 42.5 लाख रुपये RTGS के जरिए इस खाते में डलवाए. कुल मिलाकर, यादव से 1.59 करोड़ रुपये अलग-अलग "म्यूल खातों" में ट्रांसफर करवाए गए.

देशभर में फैली ठगी की आग
ये जीविका खाता अब गुरुग्राम, हैदराबाद, मणिपाल, चेन्नई और कोलकाता की पुलिस जांच का हिस्सा है. गुरुग्राम में 38.3 लाख, हैदराबाद में 27.7 लाख, मणिपाल में 21.7 लाख, चेन्नई में 39 लाख और कोलकाता में 14 लाख रुपये की ठगी के मामले सामने आए हैं. और ये लिस्ट शायद और भी लंबी हो सकती है.

कौन है इस साजिश के पीछे?
जीविका फाउंडेशन का कोई आधिकारिक रजिस्ट्रेशन नहीं मिला. इसका एक फेसबुक पेज है, जिसमें "डॉ. अमरेंद्र झा" का नाम सामने आता है. इंडियन एक्सप्रेस ने जब उनसे बात की, तो पहले उन्होंने त्रिलोकपुरी में ऑफिस होने की बात मानी, लेकिन बाद में इससे इनकार कर दिया और फिर फोन उठाना बंद कर दिया.

बैंकों की चूक कहां हुई?
HDFC बैंक का कहना है कि खाता खोलते वक्त सारी प्रक्रियाएं पूरी की गई थीं. लेकिन जब संदिग्ध लेन-देन शुरू हुए, तब तक खाते में सिर्फ 38 लाख रुपये बचे थे, तब जाकर बैंक ने "डेबिट फ्रीज" लगाया. दूसरी तरफ, गुरुग्राम में एक और बड़ी ठगी हुई. एक विज्ञापन कंपनी की टॉप एग्जीक्यूटिव से ठगों ने दो दिन में 5.85 करोड़ रुपये ठग लिए. ये पैसा हरियाणा के झज्जर में एक 26 साल के बेरोजगार युवक के ICICI बैंक खाते में पहुंचा. ICICI का कहना है कि ऑनलाइन बैंकिंग की वजह से कोई अलर्ट नहीं मिला.

सब एक-दूसरे पर ठीकरा फोड़ रहे
हैदराबाद की श्रीनिवास पद्मावती बैंक, जहां 11 और मुयल खाते थे, ने ICICI पर सवाल उठाए. गुरुग्राम पुलिस ने एक बैंक डायरेक्टर को गिरफ्तार किया है और जांच जारी है. दोनों बैंक दावा करते हैं कि वो साइबर ठगी के खिलाफ जागरूकता फैला रहे हैं. HDFC की "विगिल आंटी" कैंपेन और ICICI की ट्रांजैक्शन मॉनिटरिंग सिस्टम इसका हिस्सा हैं. मगर सच ये है कि जब तक पीड़ित पुलिस के पास पहुंचते हैं, ठग पैसा लेकर गायब हो चुके होते हैं.

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कृष्णा पांडेय

कृष्णा पांडेय, ज़ी न्यूज़ डिजिटल में चीफ सब-एडिटर के रूप में कार्यरत हैं. वह राजनीति, अंतरराष्ट्रीय मामलों, क्राइम, और फीचर जैसे कई बीट्स पर काम करते हैं. इनकी खासियत है इन-डेप्थ एक्सप्लेनर और संवे...और पढ़ें

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