Alaska Ukraine Peace talks: दुनिया की नजर इस मुलाकात पर टिकी होगी. यह मीटिंग यूरोप में द्वितीय विश्व युद्ध के बाद सबसे खूनखराबे वाले संघर्ष का रुख बदल सकती है. अलास्का का रूस से ऐतिहासिक रिश्ता 18वीं सदी से रहा है.
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Trump Putin Alaska Meeting: ऐसा लग रहा है कि यूक्रेन युद्ध को लेकर अब रूस-अमेरिका गंभीर हो गए हैं.. शायद यही वजह है कि तीन साल से अधिक पुराने इस संघर्ष को खत्म करने के लिए अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन 15 अगस्त को अलास्का में मिलेंगे. यह बैठक सिर्फ यूक्रेन संकट पर ही नहो होनी है बल्कि अमेरिका-रूस रिश्तों के लिए भी जरूरी होने वाली है. डोनाल्ड ट्रंप के दोबारा व्हाइट हाउस लौटने के बाद पुतिन से यह उनकी पहली आमने-सामने मुलाकात होगी और पहली बार दोनों नेता अमेरिकी धरती पर शांति वार्ता करेंगे. पर सवाल यह है कि अलास्का को ही क्यों चुना गया है.
असली एजेंडा यूक्रेन संकट
असल में अगर यूक्रेन की बात करें तो पिछले कई हफ्तों से पर्दे के पीछे चली बातचीत में यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की भी शामिल रहे. ट्रंप ने संकेत दिए हैं कि एक संभावित समझौते में युद्ध रोकने के लिए कुछ इलाकों का अदला-बदली हो सकती है. पुतिन के करीबी सलाहकार यूरी उशाकोव ने पुष्टि की कि एजेंडा यूक्रेन संकट का लंबी अवधि का शांतिपूर्ण समाधान होगा. हालांकि प्रक्रिया चुनौतीपूर्ण होगी.
क्यों चुना गया अलास्का को?
अलास्का को बैठक के लिए चुनने के पीछे कानूनी और भौगोलिक कारण हैं. रूस के राष्ट्रपति के खिलाफ इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट का गिरफ्तारी वारंट जारी है. ICC सदस्य देशों में उनकी गिरफ्तारी जरूरी होती. अमेरिका ICC का सदस्य नहीं है इसलिए यहां यह बाध्यता नहीं है. इसके अलावा अलास्का की रूस से भौगोलिक नजदीकी और बेरिंग स्ट्रेट में महज 88 किलोमीटर की दूरी भी इसे एक सुविधाजनक स्थान बनाती है.
कभी रूस का था अलास्का..
अलास्का का रूस से ऐतिहासिक रिश्ता 18वीं सदी से रहा है. जब रूसी साम्राज्य ने यहां बस्तियां बसाईं और फर के व्यापार के लिए ठिकाने बनाए. लेकिन फिर बाद में 1867 में अमेरिका ने 72 लाख डॉलर में यह क्षेत्र रूस से खरीदा. जिसे आर्थिक और सामरिक रूप से एक बड़ा सौदा माना गया. 1959 में अलास्का अमेरिका का 49वां राज्य बना और आज भी यह तेल, गैस और खनिज संसाधनों के लिए प्रसिद्ध है.
अब अलास्का की सामरिक अहमियत ज्यादा..
आज के दौर में अलास्का की सामरिक अहमियत और भी बढ़ गई है. यह आर्कटिक क्षेत्र में अमेरिका का एकमात्र राज्य है और यहां से नए समुद्री मार्ग और संसाधनों तक पहुंच आसान होती है. यही वजह है कि यह उच्च-स्तरीय कूटनीतिक वार्ताओं के लिए उपयुक्त स्थल माना जाता है. पहले भी यहां अमेरिका-चीन वार्ता और कई ऐतिहासिक मुलाकातें हो चुकी हैं.
निगाहें अलास्का पर हैं..
अलास्का के गवर्नर माइक डनलीवी ने इस बैठक का स्वागत किया है. इसे ‘वैश्विक महत्व की चर्चा के लिए सही जगह’ बताया. उन्होंने कहा कि अलास्का सदियों से राष्ट्रों के बीच सेतु रहा है और आज भी कूटनीति, व्यापार और सुरक्षा का प्रवेश द्वार है. हालांकि कुछ अमेरिकी नेता पुतिन के इरादों को लेकर सतर्क भी हैं.
भविष्य बताएगा क्या होने वाला है..
यूक्रेन के लिए यह बैठक निर्णायक हो सकती है. क्योंकि पुतिन चार क्षेत्रों लुहान्स्क, दोनेत्स्क, जापोरिज़्झिया और खेरसॉन पर दावा बनाए हुए हैं. साथ ही 2014 में कब्जाए गए क्रीमिया पर भी उनकी नजर बनी है. इन इलाकों को छोड़ना यूक्रेन के लिए राजनीतिक और भावनात्मक रूप से कठिन होगा. दुनिया की नजर इस मुलाकात पर टिकी होगी. यह मीटिंग यूरोप में द्वितीय विश्व युद्ध के बाद सबसे खूनखराबे वाले संघर्ष का रुख बदल सकती है.
FAQ:
Q1: अलास्का में ट्रंप और पुतिन की मुलाकात कब होगी?
Ans: यह मुलाकात 15 अगस्त को अलास्का में होने वाली है.
Q2: इस बैठक का मुख्य मुद्दा क्या होगा?
Ans: मुख्य मुद्दा यूक्रेन युद्ध को खत्म करने के लिए शांति समझौता है.
Q3: अलास्का को बैठक के लिए क्यों चुना गया?
Ans: अलास्का की भौगोलिक स्थिति और कानूनी जटिलताओं से बचने के लिए इसे चुना गया है.