जम्मू-कश्मीर गृह विभाग का कहना है कि बैन की गईं ये पुस्तकें जम्मू-कश्मीर में झूठे आख्यानों और अलगाववाद का प्रचार करती हैं. इसके अलावा ये किताबें युवाओं को कट्टरपंथी बनाने और ऐतिहासिक तथ्यों को विकृत करने का कारण बनती हैं.
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जम्मू-कश्मीर सरकार ने 25 किताबों पर प्रतिबंध लगाते हुए उनके प्रकाशन, उनकी प्रतियों और अन्य दस्तावेजो को सरकार के अधीन करने की घोषणा की है. इन किताबों में अरुंधति रॉय की आजादी और अनुराधा भसीन की द डिसमेंटल्ड स्टेट शामिल है. जम्मू-कश्मीर गृह विभाग का कहना है कि बैन की गईं ये पुस्तकें जम्मू-कश्मीर में झूठे आख्यानों और अलगाववाद का प्रचार करती हैं. इसके अलावा ये किताबें युवाओं को कट्टरपंथी बनाने और ऐतिहासिक तथ्यों को विकृत करने का कारण बनती हैं.
बैन की गई किताबों की लिस्ट
1. क्रिस्टोफर स्नेडेन की 'इंडिपेंडेंट कश्मीर'
2. डेविड देवदास की 'इन सर्च ऑफ़ फ्यूचर'
3. विक्टोरिया स्कोफ़ील्ड की 'कश्मीर इन कॉन्फ्लिक्ट'
4. एजी नूरानी की 'द कश्मीर डिस्प्यूट'
5. अनुराधा भसीन की 'ए डिसमेंटल्ड स्टेट"
6. स्टीफन पकोहेन की 'कॉन्फ़्रंटिंग टेररिज़्म'
7. अरुधति रॉय की 'आज़ादी'
8. सुगाता बोस और आयशा जलाल की 'कश्मीर एंड द फ्यूचर ऑफ़ साउथ एशिया'
किन 25 किताबों पर सरकार ने लगाया बैन
1. हयूमन राईट्स वॉयलेशन इन कश्मीर
2. कश्मीरीज फाइट्स फॉर फ्रीडम
3. कोलोनाइजिंग कश्मीर
4. कश्मीर पॉलिटिक्स एंड प्लेबिसाइट
5. डू यू रिमेंबर कुननपोशपोरा
6. मुजाहिद की अजान
7. अल जिहाद फिल इस्लाम
8. इंडिपिंडेंट कश्मीर
9. रजिस्टिंग ऑक्यूपेशन इन कश्मीर
10. बिटवीन डेमोक्रेसी एंड नेशन (जेंडर एंड मिल्ट्राइजेशन इन कश्मीर)
11. कंटेस्टिड लैंड्स,इन सर्च आफ ए फ्यूचर(द स्टोरी आफ कश्मीर)
12. कश्मीर इन कनफ्लिक्ट (इंडिया, पाकिस्तान एंड द अनऐंडिंग वार)
13. द कश्मीर डिस्पयूट 1947-2002
14. कश्मीर एट द क्रॉसरोड्स(इनसाइड ए 21 सेंचुरी कनफ्लिक्ट)
15. ए डिसमेंटल्ड स्टेट(द अनटोल्ड स्टोरी आफ कश्मीर आफ्टर आर्टिकल 370)
16. रजिस्टिंग डिसएपेयर्स(मिल्ट्री आक्यूपेशन एंड विमेन एक्टिविज्म इन कश्मीर)
17. कनफ्रंटिंग टेरेरिज्म
18. फ्रीडम कैपटिविटी (नेगोशिएशनस आफ बिलांगिंग एलांग कश्मीरी फ्रंटियर)
19. कश्मीर (द केस फार फ्रीडम)
20. आजादी
21. यूएसए एंड कश्मीर
22. ला एंड कनफ्लिक्ट रिजल्यूशन इन कश्मीर
23. तारीख ए सियासत कश्मीर
24. कश्मीर एंड द फ्यूचर आफ साउथ एशिया
25. इंडिपेंडेंट कश्मीर
सरकार ने इन किताबों पर क्यों लगाया बैन?
गृह विभाग द्वारा जारी एक आदेश में कहा गया है, 'सरकार के संज्ञान में आया है कि कुछ साहित्य जम्मू-कश्मीर में झूठे आख्यानों और अलगाववाद का प्रचार करते हैं.' इसमें कहा गया है कि जांच और विश्वसनीय खुफिया जानकारी पर आधारित उपलब्ध साक्ष्य 'स्पष्ट रूप से संकेत देते हैं' कि हिंसा और आतंकवाद में युवाओं की भागीदारी के पीछे एक महत्वपूर्ण कारण 'झूठे आख्यानों और अलगाववादी साहित्य का व्यवस्थित प्रसार रहा है, जो अक्सर ऐतिहासिक या राजनीतिक टिप्पणी के रूप में आंतरिक रूप से प्रसारित होता है.'