Chandan Mishra Murder: बदमाशों ने हिस्ट्रीशीटर चंदन मिश्रा को मारने का दिन गुरुवार को इसलिए चुना, क्योंकि शुक्रवार को उसका पैरोल खत्म होने वाला था. पैरोल खत्म होने के बाद चंदन फिर से जेल चला जाता और बदमाश उसे मार नहीं पाते.
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Chandan Mishra Murder: पटना के पारस हॉस्पिटल के आईसीयू में गुरुवार सुबह बक्सर के मोस्टवांटेड अपराधी चंदन मिश्रा की गोली मारकर हत्या कर दी गई. चंदन मिश्रा बक्सर के आद्योगिक थाना क्षेत्र के सोनवर्षा गांव का निवासी था और ओंकार नाथ सिंह उर्फ शेरू गैंग का शागिर्द था. जानकारी के अनुसार, 25 मुकदमों में चंदन मिश्रा के खिलाफ चार्जशीट दायर हो चुकी है. 2011 में बक्सर के चूना व्यवसायी राजेन्द्र केसरी हत्याकांड में वह बेउर जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहा था. इलाज के लिए जेल से 15 दिन के पैरोल पर बाहर आया था और पटना के पारस हॉस्पिटल में भर्ती था. पैरोल खत्म होने के एक दिन पहले 17 जुलाई को 5 बदमाश आईसीयू में पहुंचे और उसको गोलियों से भून दिया और फिर आराम से वे वापस निकल भी गए.
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चंदन मिश्रा की हत्या के बाद सोनवर्षा गांव में मातम पसर गया है. जब जी मीडिया की टीम चंदन मिश्रा के गांव पहुंची तो ग्रामीणों ने बताया कि वह सामाजिक जिंदगी जीना चाहता था. वह जेल से जब बाहर आया था तो सबके साथ अच्छा व्यवहार कर रहा था. लग ही नहीं रहा था कि वह पहले वाला चंदन मिश्रा है.
2011 में चंदन मिश्रा की अपराध की दुनिया में धमक जाहिर हुई थी. उसने दो दर्जन से अधिक वारदात को अंजाम दिया. मुख्य रूप से बक्सर के चूना व्यापारी राजेंद्र केसरी हत्याकांड के बाद चंदन मिश्रा फरार हो गया था.
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2012 में पुलिस ने उसे कोलकाता से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. कोर्ट ने इस केस में चंदन मिश्रा समेत कुछ लोगों को आजीवन कारावास की सजा हुई थी.