Suryagarha Vidhan Sabha Chunav: सूर्यगढ़ा विधानसभा क्षेत्र की राजनीति विगत दो दशक से जातीय एवं दलीय समीकरण के बीच ही घूम रही है. क्या इस बार सूर्यगढ़ा विधानसभा चुनाव परिणाम जातीय एवं दलीय समीकरण को ध्वस्त कर पाएगा?
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Suryagarha Assembly Seat Profile: बिहार विधानसभा चुनाव में अब बस कुछ ही महीने बचे हैं. हमेशा की तरह इस बार भी सीएम की कुर्सी की लड़ाई दिलचस्प होने की उम्मीद है. ऐसे में तमाम राजनीतिक दल अपनी-अपनी रणनीति बनाने में जुटी है. इस बार लखीसराय की सूर्यगढ़ा विधानसभा सीट पर मुकाबला दिलचस्प होने वाला है. सूर्यगढ़ा के सिटिंग विधायक प्रहलाद यादव को लेकर एनडीए में ही घमासान देखने को मिल रहा है. दरअसल, विश्वासमत के दौरान आरजेडी छोड़कर बीजेपी में शामिल होने वाले विधायक प्रहलाद यादव को लेकर जेडीयू और बीजेपी के बीच टेंशन दिख रही है. जेडीयू सांसद ललन सिंह ने इस बार प्रहलाद यादव को किसी हाल में टिकट नहीं मिलने की बात कही थी. जिसके जवाब में डिप्टी सीएम विजय सिन्हा ने कहा था कि विधायक छोड़िए, बीजेपी में तो बूथ लेबल कार्यकर्ता का भी सम्मान होता है.
बता दें कि प्रहलाद यादव ने पिछले चुनाव में राजद की टिकट पर सूर्यगढ़ा से चुनाव जीता था और विधायक बने थे. नीतीश कुमार ने जब जनवरी 2024 में एनडीए में वापसी की थी तो विश्वासमत के दौरान विधायक प्रहलाद यादव ने तेजस्वी यादव को गच्चा देते हुए बीजेपी का साथ दिया था. हालांकि, अब उनके आगे के सियासी करियर पर संकट मंडराने लगा है. जेडीयू सांसद ललन सिंह ने सूर्यगढ़ा को जेडीयू की आधिकारिक सीट बताकर बीजेपी और प्रहलाद यादव की टेंशन बढ़ा दी है. अगर एनडीए में यह सीट जेडीयू के पास चली गई तो प्रहलाद यादव का दोबारा विधायक बनने का सपना टूट जाएगा.
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चुनावी इतिहास
अब तक यहां कुल 17 विधानसभा चुनाव हो चुके हैं, जिनमें कांग्रेस, भाकपा (CPI) और राजद (RJD) ने चार-चार बार जीत हासिल की है. निर्दलीय और भाजपा ने दो-दो बार विजय प्राप्त की है, जबकि प्रजा सोशलिस्ट पार्टी ने एक बार जीत दर्ज की है. वर्तमान विधायक प्रहलाद यादव यहां से पांच बार चुनाव जीत चुके हैं. उन्होंने 1995 में निर्दलीय, 2000 और फरवरी 2005 में राजद उम्मीदवार के रूप में, और 2015 और 2020 में भी राजद से जीत दर्ज की. भाजपा ने अक्टूबर 2005 और 2010 के चुनावों में यह सीट जीती थी. 2020 के विधानसभा चुनाव में प्रहलाद यादव और राजद की जीत में एलजेपी के चिराग पासवान की भूमिका भी अहम रही. चिराग ने 2020 में नीतीश कुमार के नेतृत्व से असहमति जताते हुए एनडीए से नाता तोड़ लिया, जिससे जदयू को 25 विधानसभा क्षेत्रों में नुकसान हुआ, जिनमें सूर्यगढ़ा भी शामिल था.
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जातीय समीकरण
अनुसूचित जाति के मतदाता यहां 14.77 प्रतिशत हैं, जबकि मुस्लिम मतदाता 3.5 प्रतिशत हैं. परंतु सबसे प्रभावशाली मतदाता समूह यहां यादव समुदाय (अहीर) का है, जिसकी आबादी 25 प्रतिशत से अधिक है और यह चुनाव परिणामों पर निर्णायक प्रभाव डालता है. पिछले कुछ चुनावों में यहां मतदान प्रतिशत में लगातार वृद्धि देखी गई है.
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