अब Gen-Z के पीछे पड़ा पाकिस्तान, आतंकी बनाने के लिए चली खौफनाक चाल, आ गई एडवाइजरी
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अब Gen-Z के पीछे पड़ा पाकिस्तान, आतंकी बनाने के लिए चली खौफनाक चाल, आ गई एडवाइजरी

Jammu Kashmir News: पाकिस्तान युवाओं को कट्टरपंथी बनाने के लिए अब सोशल मीडिया का सहारा ले रहा है. जिसे देखते हुए काउंटर इंटेलिजेंस कश्मीर (सीआईके) ने देश के युवाओं से पाकिस्तान के सोशल मीडिया हैंडल द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले किसी भी ऐप्स पर भरोसा न करने की अपील की है. 

अब Gen-Z के पीछे पड़ा पाकिस्तान, आतंकी बनाने के लिए चली खौफनाक चाल, आ गई एडवाइजरी

Jammu Kashmir News: आज के समय में युवाओं को सोशल मीडिया की ऐसी लत लग गई है कि वो रील या वीडियो बनाने के लिए किसी भी हद तक चले जाते हैं. यही नहीं सोशल मीडिया के जरिए कभी-कभी किसी के बहकावे में आ जाते हैं. जो उनके और उनके परिवार के लिए घातक साबित हो जाता है. सोशल मीडिया की चपेट में सबसे ज्यादा  (Gen-Z) आ रहे हैं. सोशल मीडिया का गलत तरह से इस्तेमाल करके (Gen-Z) को पाकिस्तान टारगेट बना रहा है. उन्हें आतंकी गतिविधियों में शामिल कर रहा है. इसे लेकर काउंटर इंटेलिजेंस कश्मीर (सीआईके) ने युवाओं से ये खास अपील की है. 

काउंटर इंटेलिजेंस कश्मीर ने की खास अपील
काउंटर इंटेलिजेंस कश्मीर (सीआईके) ने देश के युवाओं से पाकिस्तान के सोशल मीडिया हैंडल द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले किसी भी ऐप्स पर भरोसा न करने की अपील की है. उन्होंने कहा कि हालिया ऑपरेशन में, हमने कश्मीर में दस स्थानों पर छापे मारे हैं और उस मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया है जो विभिन्न पाकिस्तानी आतंकवादी कमांडरों और हैंडलरों द्वारा चलाया जा रहा था, जिनके साथ लोग संपर्क में थे और यहां कई गतिविधियों को अंजाम देना चाहते थे.

पुलिस को दें सूचना
इसके अलावा पिछले कुछ महीनों में, हमने 5-6 ऐसे मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया है. इस घटना में कई लोगों की पहचान की गई है, इसमें सबसे ज्यादा 16 से 25 साल की उम्र के लोग शामिल हैं. वो सोशल मीडिया ऐप्स पर अपने संभावित लक्ष्य ढूंढते हैं ऐसे में युवाओं को बहुत ही समझदारी से सोशल मीडिया का इस्तेमाल करना चाहिए. अगर उन्हें कोई फुसलाता है या फिर किसी गलत काम के लिए प्रेरित करता है तो उन्हें नजदीकी पुलिस स्टेशन जाना चाहिए.

आतंकियों के निशाने पर युवा
बता दें कि बीते दिन पाकिस्तान के रावलपिंडी से जैश-ए-मोहम्मद (JeM) कमांडर अब्दुल्ला गाज़ी उर्फ शौकत अली द्वारा संचालित आतंकवादी भर्ती और वित्तपोषण मॉड्यूल का भंडाफोड़ हुआ था. इसके बाद जांच में पता चला था कि गाजी स्थानीय कश्मीरी युवाओं के लगातार संपर्क में था और उन्हें JeM और लश्कर-ए-तैयबा (LeT) में भर्ती के लिए कट्टरपंथी बनाने का प्रयास कर रहा था. ये आतंकवादी युवाओं को कट्टरपंथी बनाने के लिए एन्क्रिप्टेड ऐप्स, प्रॉक्सी नंबर (भारतीय नंबरों सहित) और आभासी पहचान का इस्तेमाल करते हैं.

 

F&Q
सवाल- युवाओं को क्यों बनाते हैं निशाना?
जवाब- युवाओं को पैसों का लालच देकर, उन्हें सुख, सुविधाओं का लालच देकर सोशल मीडिया के जरिए आतंकियों का ग्रुप अपने जाल में फंसाता है और उनसे देश विरोधी गतिविधियों में शामिल करता है. 

सवाल- कैसे काम करते हैं आतंकवादी? 
जवाब- पाकिस्तान स्थित आतंकवादी युवाओं को कट्टरपंथी बनाने के लिए एन्क्रिप्टेड ऐप्स, प्रॉक्सी नंबर (भारतीय नंबरों सहित) और आभासी पहचान का इस्तेमाल करते हैं. इस प्रक्रिया में सार्वजनिक प्लेटफ़ॉर्म पर कमज़ोर व्यक्तियों की पहचान करना, निगरानी, हथियारों के परिवहन, लक्ष्य चयन और उन्हें वित्तीय पुरस्कारों और धार्मिक औचित्य के वादों का लालच देकर मिशन असाइनमेंट के लिए एन्क्रिप्टेड ऐप्स का इस्तेमाल करना शामिल है.

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