DNA Analysis: ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय सेना के हाथों सिर्फ पाकिस्तान और चीन की नहीं अमेरिका की भी पिटाई हुई. यानि पाकिस्तान में हुई तबाही से सिर्फ शहबाज शरीफ और आसिम मुनीर को नहीं डोनाल्ड ट्रंप को भी काफी तकलीफ हुई होगी.
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DNA Analysis: आज की सबसे बड़ी खबर ये है कि ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय सेना के हाथों सिर्फ पाकिस्तान और चीन की नहीं अमेरिका की भी पिटाई हुई. यानि पाकिस्तान में हुई तबाही से सिर्फ शहबाज शरीफ और आसिम मुनीर को नहीं डोनाल्ड ट्रंप को भी काफी तकलीफ हुई होगी. ब्रह्मोस के धमाकों ने सिर्फ इस्लामाबाद नहीं वॉशिंगटन भी हिला होगा और यही वजह है ऑपरेशन सिंदूर के बाद अमेरिका के तेवर बदले बदले नजर आ रहे हैं. आज आपको भी जानना चाहिए कैसे भारत के सामने फ्रंट पर सिर्फ पाकिस्तान की सेना आई लेकिन परदे के पीछे उसकी मदद करने वाले हर देश ने इसका नतीजा भुगता.
आज वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने देश को ऑपरेशन सिंदूर के बारे में कुछ नई जानकारियां दी हैं. जिसके बारे में सुनकर आज आपको बहुत गर्व होगा लेकिन अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का चेहरा उदास हो सकता है. आज वायुसेना प्रमुख ने बताया है भारत ने आपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान के 5 फाइटर जेट मार गिराए और कुछ सबसे बदकिस्मत फाइटर जेट्स को तो उड़ने का मौका भी नहीं मिला और इन फाइटर जेट्स का कनेक्शन सीधे डोनाल्ड ट्रंप से है. आज आपको भी वायुसेना प्रमुख की बात बहुत ध्यान से सुननी चाहिए और भारतीय सेना के शौर्य के बारे में जानना चाहिए.
वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत के S-400 एयर डिफेंस सिस्टम ने हवा में 5 पाकिस्तानी फाइटर जेट्स को मार गिराया था. इससे पहले पाकिस्तान की सेना और नेता सोशल मीडिया के सूत्रों के हवाले से दावा कर रहे थे कि पाकिस्तान ने भारत के फाइटर जेट्स गिराए हैं लेकिन असलियत में पाकिस्तान के फाइटर जेट भारत के एयर डिफेंस सिस्टम S-400 का निशाना बने थे. इसके अलावा वायुसेना प्रमुख ने ये भी बताया पकिस्तान को अमेरिका से मिले एफ-16 फाइटर जेट भारत ने हैंगर में ही तबाह कर दिए यानि अमेरिका जिन फाइटर जेट्स को दुनिया में बेचकर पैसा कमा रहा है. जिन अमेरिकी फाइटर जेट्स की ताकत पर पाकिस्तान को बड़ा गर्व था. भारतीय सेना ने जंग के दौरान उनका भी शिकार किया. उनको उड़ने का मौका ही नहीं दिया. आज आपको ये भी जानना चाहिए कि डोनाल्ड ट्रंप की टेंशन बढ़ाने वाली इस खबर की इनसाइड स्टोरी क्या है. कैसे अमेरिकी फाइटर जेट खड़े खड़े तबाह हो गए और पाकिस्तान कुछ भी नहीं कर पाया.
| 'ऑपरेशन सिंदूर' में अमेरिका भी पिटा था! ऑपरेशन सिंदूर में 'ट्रंप की हार' का विश्लेषण
ट्रंप ने जो छिपा लिया..भारत ने बता दिया! @RahulSinhaTV pic.twitter.com/TYwvcZHT9u
— Zee News (@ZeeNews) August 9, 2025
वायुसेना ने प्रमुख ने बताया भारतीय सेनाओं ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान जैकोबाबाद एयरबेस पर खड़े कुछ विमानों को भी निशाना बनाया था. इस हमले में एक हैंगर, रडार साइट और AWC हैंगर को भारी नुकसान हुआ, AWC हैंगर को Aviation Workshop Complex कहते हैं. ये एक ऐसा हैंगर होता है जिसमें विमानों का रख रखाव या मरम्मत होती है. इस हैंगर में पाकिस्तान को अमेरिका से मिले F-16 विमान खड़े थे। जो भारतीय मिसाइल हमले में तबाह हो गए. एयर चीफ मार्शल ने बताया कि यह हमला खुफिया जानकारी के आधार पर किया गया था यानि भारत को पता था कब और कहां पर धमाका करने से अमेरिका के एफ-16 तबाह किए जा सकते हैं.
इस हमले में जैकोबाबाद एयरबेस की एक बिल्डिंग भी नष्ट हुई जिसमें पाकिस्तान की एयर ऑपरेशंस की योजना बनाई जाती थी यानि जिस जगह से तय किया जाता था अमेरिकी एफ-16 कहां जाकर ऑपरेशन करेंगे. भारतीय सेना ने उसे भी तबाह कर दिया. अमेरिका के ये घातक फाइटर जेट पाकिस्तान को कैसे मिले और आपरेशन सिंदूर के दौरान जिस जैकोबाबाद एयर बेस में भारतीय सेना ने इनको नष्ट किया. अमेरिकी एफ-16 वहां पर क्यों रखे जाते हैं. पाकिस्तान के पास लगभग 70 एफ-16 विमान थे जिसकी संख्या ऑपरेशन सिंदूर के बाद कुछ कम हो गई है.
1980 के दशक में सोवियत संघ के खिलाफ अफगान मुजाहिदीन की मदद करने के लिए पाकिस्तान को अमेरिका से सैन्य सहायता मिली. तब अमेरिका ने पाकिस्तान के वायुसेना को लगभग 56 F-16 फाइटर जेट दिए थे लेकिन इनका इस्तेमाल सिर्फ आतंकवाद से लड़ाई और आंतरिक सुरक्षा के लिए किए जाना था. इसके बाद पाकिस्तान ने 2006 में अफगानिस्तान में अमेरिका की मदद करने के नाम पर 24 फाइटर जेट हासिल किए थे. वर्ष 2000 में जैकोबाबाद बेस को अमेरिका से मिले नए F-16 विमानों के लिए अपग्रेड किया गया था. 2001 में अफगानिस्तान के अंदर NATO के ऑपरेशन एंड्यूरिंग फ्रीडम के लिए भी इस बेस का इस्तेमाल हुआ था. जकोबाबाद पाकिस्तान के सिंध प्रांत में मौजूद हैं जो भारत के राजस्थान के सामने पड़ता है और यही बेस पाकिस्तान को अमेरिका से मिले एफ-16 का घर है.
यानि आप कह सकते हैं भारत ने पाकिस्तान को अमेरिका से मिले फाइटर जेट को उसके घर में घुसकर नष्ट कर दिया. आज आपको ये भी समझना चाहिए इस खबर के दुनिया के सामने आने के बाद डोनाल्ड ट्रंप को क्यों दोगुनी तकलीफ हो रही होगी. किसी भी वॉर में F-16 फाइटर जेट का नष्ट होना अमेरिका के लिए बहुत बड़ा झटका है क्योंकि इससे अमेरिका का मुनाफा कम हो सकता है. आज आपको ये भी जानना चाहिए अमेरिका को इस फाइटर जेट ने कितने डॉलर कमा कर दिए हैं. अमेरिकी कंपनी लॉकहीड मार्टिन ने इस मल्टी-रोल लड़ाकू विमान को सबसे पहले 1974 में बनाया, अमेरिकी कंपनी अब तक F-16 के 9,000 से अधिक यूनिट्स बना चुकी है. यही वजह है F-16 दुनिया का सबसे अधिक निर्यात होने वाला लड़ाकू विमान है जिसे NATO और अमेरिका के सहयोगी देशों ने खरीदा है.
इस वक्त दुनिया के लगभग 25 से 30 देश इस फाइटर जेट को इस्तेमाल कर रहे हैं और F-16 की बिक्री से अमेरिका को 70 बिलियन डॉलर यानि लगभग 6 लाख करोड़ रुपये की कमाई हो चुकी है. ये आंकड़ा पाकिस्तान के रक्षा बजट से 9 गुना ज्यादा है यानि जितना पैसा अमेरिका एफ-16 बेचकर कमा चुका है. उतने पैसों में पाकिस्तान 9 साल तक अपनी रक्षा जरूरतें पूरी कर सकता है. अब इतने कमाऊ विमान का नाम खराब होगा तो अमेरिका को झटका तो लगेगा ही, इसके अलावा जिस तरह भारत ने इसे तबाह किया वो जानकर भी ट्रंप अपसेट होंगे.
भारत ने जकोबाबाद पर हमले के लिए अपनी सुपरसोनिक मिसाइल ब्रह्मोस का इस्तेमाल किया. जिसका विकास भारत और रूस ने मिलकर किया है. यानि भारत और रूस की तकनीक वाली वॉर मशीन से अमेरिकी वॉर मशीन को तबाह कर दिया गया और जिस वक्त डोनाल्ड ट्रंप रूस से तेल खरीदने की वजह से भारत पर टैरिफ बढ़ाते जा रहे हैं. उस वक्त रूस और भारत के सहयोग से अमेरिकी फाइटर जेट को नष्ट करने की खबर उनके काफी परेशान कर रही होगी. आपरेशन सिंदूर में भारत और रूस के रणनीतिक सहयोग से जुड़ा एक और खुलासा आज वायुसेना प्रमुख ने किया है. अभी थोड़ी देर पहले हमने आपको जो बयान सुनवाया उसमें वायुसेना प्रमुख ने बताया था भारत के एस 400 ने आपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान के 5 फाइटर जेट्स हवा में मार गिराए इसके अलावा एक सर्विलांस एयरक्राफ्ट को लगभग 300 किलोमीटर की दूरी से मार गिराया.
यह जमीन से हवा में टारगेट हिटिंग का अभी तक का रिकॉर्ड है यानि भारत को रूस से मिले एस-400 ने पाकिस्तान की सेना में खलबली मचा दी थी और डोनाल्ड ट्रंप को भारत और रूस के बीच इस रणनीतिक साझेदारी से भी परेशानी हैं. डोनाल्ड ट्रंप चाहते हैं भारत, रूस से ना तेल खरीदे और ना ही हथियार लेकिन आज जब अमेरिका में भारत के वायुसेना प्रमुख का ये बयान सुना जाएगा तो सवाल डोनाल्ड ट्रंप की समझ पर भी उठेगा. जो हथियार..भारत की सुरक्षा को सुनिश्चित करते हैं आखिरकार भारत वो हथियार रूस से क्यों नहीं खरीदे. वैसे आपरेशन सिंदूर पर बड़े खुलासों के बाद आज अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का कुछ हफ्तों पुराना बयान भी याद आ रहा है जिससे संकेत मिल रहे हैं अमेरिका के राष्ट्रपति को इस बात का अंदाजा पहले ही था. भारत ने आपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान का क्या हाल किया है.
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने बयान में ये नहीं बताया था कि फाइटर जेट किस देश के गिरे लेकिन अमेरिकी सैटेलाइटों के जरिए शायद उनको पहले ही मालूम चल गया था पाकिस्तान के आसमान में क्या हुआ. भारत को रूस से मिले एस-400 ने कैसे पाकिस्तान की वायुसेना के अंदर दहशत मचा दी लेकिन डोनाल्ड ट्रंप ने दुनिया से जो छिपाया था आज वायुसेना प्रमुख ने दुनिया को बता दिया. वायुसेना प्रमुख ने ये भी बताया कि 80 से 90 घंटे के युद्ध में हमने पाकिस्तान को इतना नुकसान कर दिया कि उनको साफ पता चल गया. अगर वे इसे जारी रखेंगे तो उन्हें इसकी बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी. इसलिए उन्होंने हमारे DGMO को सीजफायर का संदेश भेजा, जिसे भारत ने स्वीकार कर लिया. इसी के साथ भारतीय सेना ने भी ट्रंप के उस दावे की हवा उड़ा दी, जिसमें वो भारत-पाकिस्तान युद्ध रोकने का श्रेय लेते हैं.