'बिना नोटिस-सुनवाई के नहीं काटे जाएंगे वोटरों के नाम...', चुनाव आयोग का SIR पर सुप्रीम कोर्ट को हलफनामा
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'बिना नोटिस-सुनवाई के नहीं काटे जाएंगे वोटरों के नाम...', चुनाव आयोग का SIR पर सुप्रीम कोर्ट को हलफनामा

Election Commission Of India: चुनाव आयोग ने हाल ही में सुप्रीम कोर्ट को बिहार में  स्पेशल इंटेंसिव रिविजन (SIR) के तहत किसी भी वोटर का नाम वोटर लिस्ट से हटाने से पहले वैलिड नोटिस देने का आश्वासन दिया है.  

 

 'बिना नोटिस-सुनवाई के नहीं काटे जाएंगे वोटरों के नाम...', चुनाव आयोग का SIR पर सुप्रीम कोर्ट को हलफनामा

Election Commission: चुनाव आयोग ने हलफनामा दाखिल कर सुप्रीम कोर्ट को आश्वासन दिया है कि बिहार में स्पेशल इंटेंसिव रिविजन (SIR) के तहत 1 अगस्त 2025 को प्रकाशित प्रारंभिक मतदाता सूची से किसी भी मतदाता का नाम हटाने से पहले उसे वैलिड नोटिस दिया जाएगा और नाम हटाने के कारण को स्पष्ट रूप से बताया जाएगा. यह आश्वासन एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) की ओर से दायर याचिका के जवाब में दिया गया, जिसमें लगभग 65 लाख हटाए गए नामों की व्यक्तिगत जानकारी मांगी गई थी. 

वोटर का नाम हटाने के लिए देना होगा कारण 
हालांकि आयोग ने अपने हलफनामे में इस विशेष मांग का सीधे जवाब नहीं दिया, लेकिन यह स्पष्ट किया कि किसी भी वोटर को नाम हटाने से पहले प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों के तहत सुनवाई और डॉक्यूमेंट पेश करने का न्यौता दिया जाएगा. आयोग ने यह भी कहा कि संबंधित अधिकारी की ओर से लिया गया फैसला कारणयुक्त और स्पष्ट होगा. 

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2 टायर अपील सिस्टम किया लागू
इलेक्शन कमीशन ने बताया कि इस प्रक्रिया को ट्रांसपेरेंट और न्यायसंगत बनाने के लिए 2 टायर अपील सिस्टम भी लागू किया गया है. इसके लिए राजनीतिक दलों को बूथ स्तर की लिस्ट उपलब्ध कराई गई हैं और आम जनता के लिए ऑनलाइन सुविधा भी शुरू की गई है ताकि 1 अगस्त 2025 से 1 सितंबर 2025 तक प्रारंभिक लिस्ट की गहन जांच की जा सके. आयोग ने यह भी जानकारी दी कि 2.5 लाख स्वयंसेवकों, जिनमें अधिकतर बिहार सरकार के अधिकारी हैं उन्हें नियुक्त किया गया है ताकि वे एलिजिबल वोर्टस को जरूरी डॉक्यूमेंट्स प्राप्त करने में मदद कर सकें. आयोग ने यह सुनिश्चित करने की बात कही कि कोई भी पात्र मतदाता अंतिम सूची से वंचित न रह जाए.  

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वोटर्स के लिए सुविधा 
इसके अलावा आयोग ने 261 शहरी निकायों में स्पेशल कैंप आयोजित किए हैं और 246 हिंदी अखबारों में विज्ञापन पब्लिश किए हैं ताकि शहरी वोटर्स को जागरूक किया जा सके. बिहार के अस्थायी प्रवासियों को लिस्ट में शामिल करने के लिए ऑनलाइन और फिजिकल फॉर्म भरने की सुविधा दी गई है. साथ ही 1 अक्टूबर 2025 तक योग्य आयु प्राप्त करने वाले युवा मतदाताओं को विशेष अभियान के जरिए नामांकन के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है. यह पहल बिहार में समावेशी और निष्पक्ष चुनाव प्रक्रिया सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.  

F&Q 
चुनाव आयोग ने क्या आश्वासन दिया? 
चुनाव आयोग ने वोटर लिस्ट से किसी भी मतदाता का नाम हटाने से पहले उसे वैलिड नोटिस देने का आश्वासन दिया.    

चुनाव आयोग ने यह आश्वासन क्यों दिया? 
चुनाव आयोग ने आश्वासन एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) की ओर से दायर याचिका के जवाब में दिया गया, जिसमें लगभग 65 लाख हटाए गए नामों की व्यक्तिगत जानकारी मांगी गई थी.  

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श्रुति कौल

ज़ी न्यूज में सब एडिटर. वनस्थली विद्यापीठ यूनिवर्सिटी राजस्थान से जर्नलिज्म और मास कम्युनिकेशन में ग्रेजुएशन. ये राष्ट्री-अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों, विज्ञान और ट्रेवल से जुड़े विषयों पर लिखती हैं. लिख...और पढ़ें

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