शादी हुए सिर्फ 5 महीने.. दिवाली पर लौटने का वादा अधूरा रह गया, कुलगाम में शहीद लुधियाना का वीर
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शादी हुए सिर्फ 5 महीने.. दिवाली पर लौटने का वादा अधूरा रह गया, कुलगाम में शहीद लुधियाना का वीर

Kulgam encounter: जैसे ही उनके शहीद होने की खबर पहुंची पूरे गांव में मातम छा गया. रविवार को उनका पार्थिव शरीर तिरंगे में लिपटा गांव पहुंच रहा है. जहां पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा.

File Photo
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Ludhiana Soldier Martyr: दक्षिण कश्मीर के कुलगाम में चल रहे एनकाउंटर में आतंकियों से लड़ते-लड़ते एक और चिराग बुझ गया. नौ दिन से चल रहे इस ऑपरेशन में लुधियाना पंजाब के माणुपुर गांव के 27 वर्षीय लांस नायक प्रीतपाल सिंह ने आतंकियों से लोहा लेते हुए सर्वोच्च बलिदान दिया. शादी को अभी महज पांच महीने हुए थे लेकिन ड्यूटी और देश के लिए उनका समर्पण उन्हें आखिरी सांस तक मोर्चे पर डटे रहने के लिए मजबूर करता रहा.

19 राष्ट्रीय राइफल्स सिख लाइट इन्फैंट्री..
असल में प्रीतपाल 19 राष्ट्रीय राइफल्स सिख लाइट इन्फैंट्री में तैनात थे. सेना के मुताबिक 8 अगस्त को आतंकियों के साथ गोलीबारी के दौरान वे गंभीर रूप से घायल हो गए जब छिपे हुए आतंकियों ने ग्रेनेड फेंका. स्प्लिंटर की चोट लगने के बाद उन्हें बचाया नहीं जा सका. उनकी शहादत को घाटी में हाल के सालों की सबसे लंबी और कठिन सैन्य कार्रवाई के बीच हुई एक बड़ी क्षति है.

12वीं के बाद सेना ज्वाइन की थी
पंजाब के समराला उपमंडल के माणुपुर गांव में जैसे ही उनके शहीद होने की खबर पहुंची पूरे गांव में मातम छा गया. रविवार को उनका पार्थिव शरीर तिरंगे में लिपटा गांव पहुंचेगा. जहां पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा. बड़े भाई हरप्रीत सिंह ने बताया कि परिवार की गरीबी दूर करने के लिए प्रीतपाल ने 12वीं के बाद सेना ज्वाइन की थी. शादी के कुछ ही महीनों में उन्होंने बैंक से कर्ज लेकर घर की मरम्मत भी करवाई, लेकिन उसमें रहने का मौका नहीं मिला.

हरप्रीत ने रोते हुए कहा उसने हमेशा हमारे पिता हरबंस सिंह के इलाज की चिंता की. 7 अगस्त को आखिरी बार फोन पर बात हुई थी. हमने राखी के लिए घर आने को कहा, लेकिन उसने कहा कि ऑपरेशन खत्म कर दिवाली पर जरूर आएगा. उसने कहा था कि पहले इन आतंकियों को पकड़ना जरूरी है, लेकिन अब वो कभी नहीं आएगा. पिता हरबंस सिंह ने भी गमगीन आवाज में कहा कि हमारी चिंता करते-करते चला गया… दिवाली का वादा अधूरा रह गया.

परिवार के लिए यह कभी न भरने वाला जख्म
प्रीतपाल के परिवार में बुजुर्ग माता-पिता, पत्नी मनप्रीत कौर, बहन कुलदीप कौर, बड़े भाई हरप्रीत और छोटे भाई गुरदीप सिंह हैं. भाई हरप्रीत का कहना है कि अब सरकार से क्या मांगें… सब कुछ चला गया. आतंकियों को पाकिस्तान से भेजा जाता है अब वक्त है कि सरकार पूरी ताकत से जवाब दे. प्रीतपाल की शहादत गांव और देश के लिए गर्व का विषय है लेकिन परिवार के लिए यह कभी न भरने वाला जख्म है.

FAQ:
Q1: लांस नाइक प्रीतपाल सिंह किस ऑपरेशन में शहीद हुए?
Ans: वे कुलगाम के अखाल जंगल में चल रहे आतंकी विरोधी ऑपरेशन में शहीद हुए.

Q2: प्रीतपाल सिंह की शादी कब हुई थी?
Ans: उनकी शादी फरवरी 2024 में हुई थी.

Q3: प्रीतपाल सिंह किस रेजिमेंट से जुड़े थे?
Ans: वे 19 राष्ट्रीय राइफल्स (सिख लाइट इन्फैंट्री) से जुड़े थे.

Q4: उनके परिवार में कौन-कौन हैं?
Ans: उनके माता-पिता, पत्नी, एक बहन और दो भाई हैं.

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गौरव पांडेय

देश-दुनिया-खेल की खबरों के विद्यार्थी हैं. राजनीतिक रुझानों पर ध्यान रखते हैं. तेज ब्रेकिंग करते हैं. विश्लेषण करने में एक्सपर्ट हैं.

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