Pak Field Marshal: आर्मी चीफ ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान यह लड़ाई पारंपरिक युद्ध नहीं थी बल्कि ग्रे जोन में खेली गई शतरंज थी. दुश्मन के अगले कदम का अंदाजा लगाना मुश्किल था और हमारे कदम भी उतने ही चौंकाने वाले थे.
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Operation Sindoor: ऑपरेशन सिंदूर को लेकर अभी भी पाकिस्तान के झूठे दावों की पोल खुलती रही है. इसी बीच भारत के आर्मी चीफ जनरल उपेन्द्र द्विवेदी ने पहली बार इस पर सार्वजनिक रूप से बात की है. उन्होंने पाकिस्तान की नाकामियों का ऐसा लेखा जोखा पेश किया जिसने साफ कर दिया कि आखिर पाक आर्मी चीफ आसिम मुनीर को फील्ड मार्शल का तमगा क्यों पहनना पड़ा. जनरल द्विवेदी ने तंज कसते हुए कहा कि अगर आप किसी पाकिस्तानी से पूछें कि जीते या हारे, तो वो कहेगा कि मेरा चीफ फील्ड मार्शल बन गया. यानी जीते ही होंगे तभी तो बने. लेकिन असलियत सब जानते हैं.
यह लड़ाई पारंपरिक युद्ध नहीं थी..
असल IIT मद्रास में एक कार्यक्रम में पहुंचे आर्मी चीफ ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान यह लड़ाई पारंपरिक युद्ध नहीं थी बल्कि ग्रे जोन में खेली गई शतरंज थी. दुश्मन के अगले कदम का अंदाजा लगाना मुश्किल था और हमारे कदम भी उतने ही चौंकाने वाले. कई जगह उन्हें चेकमेट किया गया तो कई मौके पर अपने सैनिकों को खतरे में डालकर भी दुश्मन का सफाया किया गया. यही युद्ध की हकीकत है. जहां रणनीति और साहस दोनों की परीक्षा होती है.
सैनिकों का मनोबल आसमान पर..
आर्मी चीफ ने यह भी कहा कि पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया. अगले ही दिन 23 अप्रैल को रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने साफ शब्दों में कह दिया कि अब बहुत हो चुका. तीनों सेनाओं के प्रमुखों को खुली छूट दी गई जो करना है, करो. यह पहली बार था जब राजनीतिक नेतृत्व ने इतनी स्पष्ट और मजबूत दिशा दी. इससे सैनिकों का मनोबल आसमान पर पहुंच गया.
#WATCH | Speaking on Operation, Chief of Army Staff (COAS) General Upendra Dwivedi says, "...On 23rd, we all sat down. This is the first time that RM (Defence Minister Rajnath Singh) said, 'enough is enough'. All three chiefs were very clear that something had to be done. The… pic.twitter.com/aSFRXsS2qn
— ANI (@ANI) August 9, 2025
9 में से 7 ठिकानों को नेस्तनाबूद किया
उन्होंने बताया कि 25 अप्रैल को नॉर्दर्न कमांड में बैठकर योजना बनी और तय हुआ कि 9 में से 7 ठिकानों को नेस्तनाबूद किया जाएगा. ऑपरेशन में भारी संख्या में आतंकी मारे गए. 29 अप्रैल को प्रधानमंत्री से पहली मुलाकात में पूरी कार्रवाई का ब्यौरा रखा गया. ऑपरेशन सिंदूर न सिर्फ एक सैन्य कार्रवाई था बल्कि एक ऐसा नाम बन गया जिसने पूरे देश को एक सूत्र में बांध दिया. जनरल द्विवेदी ने कहा कि यही वजह थी कि देश के हर कोने से सवाल उठ रहा था कि क्यों रुक गए. और उसका जवाब भी अब सबको मिल चुका है.