5 August History: 5 अगस्त एक ऐतिहासिक दिन है और सरकार ने इससे पहले साल 2019 में जम्मू कश्मीर में धारा 370 और 35ए को हटाकर इसे 2 केंद्रशासित प्रदेश में बांट दिया था. इसके बाद साल 2020 में पीएम मोदी ने अयोध्या में राम मंदिर की आधारशिला रखी थी.
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Jammu-Kashmir Full Statehood Status: सरकार ने 5 अगस्त 2019 को जम्मू कश्मीर में धारा 370 और 35ए को हटा दिया था, जिसे 6 साल पूरे हो गए हैं. इस बीच हर तरफ चर्चा है कि अब एक बार फिर 5 अगस्त को कुछ बड़ा होने वाला है. दरअसल, रविवार (3 अगस्त) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की और फिर कुछ ही देर बाद गृहमंत्री अमित शाह भी राष्ट्रपति से मिलने पहुंच गए. इसके बाद 4 अगस्त को पूरे दिन बैठकों का दौर जारी रहा, जिसके बाद इस बात की चर्चा तेज हो गई कि सरकार 5 अगस्त 2025 को जम्मू कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा दे सकती है. लेकिन, अब इसमें अंदर की बात सामने आ गई है.
क्या जम्मू-कश्मीर को सरकार देने जा रही पूर्ण राज्य का दर्जा?
जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने को लेकर संसद में बिल लाने को लेकर अब नई जानकारी सामने आ रही है और बताया जा रहा है कि सरकार को ऐसी कोई योजना नहीं है. सरकार के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, अभी जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की सरकार की कोई योजना नहीं है. फिलहाल, संसद में बिल लाने से इनकार किया गया है.
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पीएम मोदी आज एनडीए संसदीय दल की बैठक को करेंगे संबोधित
इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को एनडीए संसदीय दल की बैठक को संबोधित करेंगे, जो संसद के चालू मानसून सत्र के दौरान इस तरह की पहली बैठक होगी. संसद परिसर में आयोजित इस महत्वपूर्ण बैठक में भारतीय जनता पार्टी (BJP) और उसके गठबंधन सहयोगियों के सभी सांसद भाग लेंगे. सभी एनडीए सांसदों के लिए इसमें उपस्थिति अनिवार्य कर दी गई है. एनडीए संसदीय दल की यह बैठक एक महत्वपूर्ण मोड़ पर हो रही है, जो 7 अगस्त से शुरू होने वाले उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया शुरू होने से ठीक दो दिन पहले हो रही है. बैठक के दौरान प्रधानमंत्री मोदी को पहलगाम आतंकी हमले के बाद शुरू किए गए आतंकवाद-रोधी अभियान और ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के लिए सम्मानित किया जाएगा.
...तो फिर 5 अगस्त को क्या होने वाला है?
5 अगस्त को कुछ बड़ा होने को लेकर हलचल बढ़ गई है और इसको लेकर कई तरह के कयास लगने लगा है. लेकिन, सवाल उठता है कि 5 अगस्त को कुछ बड़ा होने वाला है, इस चर्चा के पीछे तर्क क्या है? दरअसल, मोदी सरकार ने अब तक 5 अगस्त को दो ऐतिहासिक फैसले लिए हैं. पहला बड़ा फैसला 5 अगस्त 2019 को लिया गया था, जब जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को खत्म कर राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों (जम्मू-कश्मीर और लद्दाख) में बांटने का फैसला किया गया था. इसके एक साल बाद यानी 5 अगस्त 2020 को पीएम मोदी ने अयोध्या में राम मंदिर की आधारशिला रखी थी.
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5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा दिए जाने की चर्चा थी, जिसे अब सूत्रों ने खारिज कर दिया है. लेकिन, पहले पीएम मोदी और फिर गृह मंत्री अमित शाह की राष्ट्रपति से मुलाकात का क्या मतलब है. संसद सत्र के दौरान पीएम और गृहमंत्री का एक ही दिन चंद घंटों के अंतराल पर राष्ट्रपति से मिलने जाना, कहा जा रहा है ये सामान्य मुलाकात नहीं है. अब चर्चा है कि सरकार कोई अहम बिल या अध्यादेश ला सकती है. सरकार कोई कोई बड़ा राजनीतिक फैसला कर सकती है. किसी बड़े संवैधानिक या राजनीतिक नियुक्ति पर फैसला हो सकता है. इसके लिए राष्ट्रपति की सहमति जरूरी है. इसलिए, एक ही दिन में पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने राष्ट्रपति से मुलाकात की.