Mandsaur News-हद हो गई!, चादर लपेटकर मरीज को बस स्टैंड पर छोड़ा, लोग भड़के तो वापस अस्पताल लेकर आए
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Mandsaur News-हद हो गई!, चादर लपेटकर मरीज को बस स्टैंड पर छोड़ा, लोग भड़के तो वापस अस्पताल लेकर आए

Mandsaur News-मंदसौर से इंसानियत को शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है. जिला अस्पताल के दो कर्मचारी बीमार बुजुर्ग को चादर में लपेटकर बस स्टैंड पर छोड़ने चले गए. जब लोग इस पर भड़के तो कर्मचारी वापस बुजुर्ग को ऑटो में लिटाकर अस्पताल ले गए. 

 

Mandsaur News-हद हो गई!, चादर लपेटकर मरीज को बस स्टैंड पर छोड़ा, लोग भड़के तो वापस अस्पताल लेकर आए

MP News-मध्यप्रदेश के मंदसौर से हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जहां जिला अस्पताल के दो कर्मचारी एक बीमार बुजुर्ग को चादर में लपेटकर बस स्टैंड पर छोड़ने के लिए पहुंच गए. जब वहां मौजूद लोगों ने इस पर आपत्ति जताई और कहा कि वे कलेक्टर से इसकी शिकायत करेंगे तो कर्मचारी वापस बुजुर्ग को ऑटो में लिटाकर अस्पताल ले गए. यह पूरा मामला गुरुवार रात का है, जिसका एक वीडियो भी सामने आया है. 

इस वीडियो में कर्मचारी चादर में उठाकर मरीज को ले जाते हुए दिखाई दे रहे हैं. बुजुर्ग की हालत अभी नाजुक है वह बोलने की स्थिति में नहीं है. 

लोगों ने जताई नाराजगी
जब कर्मचारी बुजुर्ग को लेकर बस स्टैंड पहुंचे तो वहां मौजूद लोगों ने भड़कते हुए कहा कि मरीज को अगर मरना होगा तो वो अस्पताल में ही जान देगा न. इस तरह से उसे लावारिस क्यों छोड़ना है. इस पर कर्मचारियों ने कहा कि जैसे हमारा अधिकारी कहेगा हम वैसा ही करेंगे. इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो भी सामने आया है. 

कर्मचारियों ने गलत किया
इस मामले में जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. बीएल रावत ने बताया कि बुजुर्ग बाबूलाल देवा खून की कमी और बुखार के कारण अस्पताल में भर्ती हुए थे. फिजिशियन ने उनका इलाज किया और उन्हें 3 यूनिट ब्लड भी चढ़ाया गया. जहां उनकी हालत में सुधार होने के कारण डॉक्टर ने उन्हें डिस्चार्ज कर दिया. मरीज के साथ कोई अटेंडर नहीं था इसलिए पुलिस को सूचना दी गई थी. 

मरीज को कर्मचारियों को स्ट्रचेर या फिर एंबुलेंस से ले जाना था, लेकिन उन्होंने कपड़े का स्ट्रेचर बनाकर ले जाने का प्रयास किया, जो कि गलत है.

दोंनों युवक है आउटसोर्स कर्मचारी
युवक आकाश गौहर और कमलेश टांक दोनों जिला अस्पताल में आउटसोर्स कर्मचारी है. डॉ. रावत ने बताया कि डॉक्टर सिर्फ डिस्चार्ज कर सकते हैं. इसके बाद स्टाफ पुलिस चौकी को मरीज के बारे में सूचना देता है. हो सकता है कि कर्मचारियों को चौकी से ही निर्देश मिले होंगे. 

बुजुर्ग की स्थिति गंभीर
आउटसोर्स कर्मचारियों का कहना है कि पुलिस चौकी में पदस्थ आरक्षक भरत के कहने पर ही वे बुजुर्ग को बस स्टैंड छोड़ने गए थे. मरीज के साथ कोई अटेंडर नहीं होने की वजह से आरक्षक ने उन्हें ये सलाह दी थी. 

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