Mohan Bhagwat: संघ प्रमुख मोहन भागवत के एक बयान पर कांग्रेस ने तुरंत प्रतिक्रिया दी. जयराम रमेश ने लगभग तंज कसते हुए कहा कि सरसंघचालक ने पीएम मोदी को ऐसा याद दिलाया है. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी भी उन्हें यह बात याद दिला सकते हैं.
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Age Debate in Politics: राजनीति में ये पता नहीं होता कि कब किस चीज पर बहस शुरू हो जाएगी. इसका एक ताजा उदाहरण सामने आया है. एक कार्यक्रम में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने उम्र को लेकर एक उदाहरण दिया. कांग्रेस और विपक्ष ने उसे लपक लिया. उस बयान पर कांग्रेस ने बीजेपी और संघ निशाना साध दिया. हुआ यह कि नागपुर में एक पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में भागवत ने कहा कि जब किसी नेता को 75 साल की उम्र में शॉल पहनाई जाती है. तो उसका मतलब होता है कि अब समय है कि वह किनारे हो और दूसरों को मौका दे.
75 साल की उम्र वाला जिक्र..
असल में मोहन भागवत ने यह टिप्पणी राम जन्मभूमि आंदोलन से जुड़े मोरोपंत पिंगले के एक कार्यक्रम में दी. उन्होंने उनकी सेवा भावना.. विनम्रता और दूरदर्शिता की प्रशंसा की. भागवत ने कार्यक्रम के दौरान मोरोपंत पिंगले से जुड़ी यादें साझा करते हुए बताया कि उन्होंने उम्र और स्वास्थ्य के चलते कैसे जिम्मेदारियां धीरे-धीरे छोड़ दीं. इसी क्रम में उन्होंने 75 साल की उम्र वाला भी जिक्र कर दिया.
जयराम रमेश ने लगभग तंज कस दिया
संघ प्रमुख ने कहा कि मोरोपंत जी ने खुद स्वीकार किया था कि जब किसी को इस उम्र में शॉल दी जाती है तो इसका एक मतलब होता है. मतलब यह कि अब दूसरे लोगों को आगे बढ़ने दो. भागवत के इस बयान पर कांग्रेस ने तुरंत प्रतिक्रिया दी. जयराम रमेश ने लगभग तंज कसते हुए कहा कि सरसंघचालक ने पीएम मोदी को याद दिला दिया कि वे भी 17 सितंबर 2025 को 75 साल के हो जाएंगे. पीएम मोदी भी भागवत को याद दिला सकते हैं कि वे खुद 11 सितंबर 2025 को 75 के हो रहे हैं.
'एक तीर से दो निशाने'
कांग्रेस नेता ने खुद ही इस बयान को एक तीर से दो निशाने करार दिया. उधर शिवसेना UBT नेता संजय राउत ने भी मौका नहीं चूका. उन्होंने आरोप लगाया कि आडवाणी और जोशी जैसे नेताओं को 75 की उम्र पार करने के बाद किनारे कर दिया गया तो अब देखना होगा कि क्या पीएम अब खुद इस नियम का पालन करेंगे. सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने भी कहा कि भागवत का यह बयान आरएसएस और बीजेपी के बीच अंतर्विरोध को दिखाता है.