अगर हम इसपर बात करें तो कुरान की सूरह अन-नूर (24:31) और सूरह अल-अहज़ाब (33:59) में मुस्लिम लड़कियों और महिलाओं को इस बात की सलाह दी गई है कि वे अपने शरीर को ढक कर रखें.
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Burqa Wear Rule in Muslim Women: इस्लाम धर्म में लड़कियों और महिलाओं को हिजाब या बुर्का पहनना अनिवार्य होता है. कुछ मुस्लिम लड़कियां टीनएज की शुरुआत के साथ बुर्का पहनना शुरू करती हैं तो वहीं कुछ घरों में वो छोटी उम्र से ही बुर्का पहनना शुरू कर देती हैं. बुजुर्ग महिलाएं भी बुर्का पहनती हैं. किशोरावस्था के बाद जब मुस्लिम लड़कियों के शरीर में परिवर्तन होने शुरू हो जाते हैं तब वो बुर्का पहनना शुरू कर देती हैं.
बुर्का पहनने की परंपरा मुस्लिम समाज में कैसे व्यक्तिगत विश्वास, क्षेत्रीय संस्कृति और सामाजिक परिस्थितियों पर आधारित है. मुस्लिम धर्मगुरुओं के अनुसार, कुरान और हदीस में साधारणता (modesty) पर जोर दिया गया है, लेकिन महिलाओं के लिए चेहरा ढकना अनिवार्य नहीं माना गया है.उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे राज्यों में मुस्लिम महिलाएं हिजाब, बुर्का या अन्य साधारण कपड़े अपनी सुविधा और पारिवारिक परंपराओं के अनुसार पहनती हैं. क्या इस्लाम धर्म में महिलाओं को आजीवन हिजाब पहनने का नियम लागू होता है?
क्या इस्लाम में शरीर और चेहरा ढकना अनिवार्य है?
इस्लाम में महिलाओं को शरीर और चेहरा दोनों ढकना चाहिए या फिर ये वैकल्पिक है इस बात को लेकर इस्लामिक विद्वानों के बीच मतभेद हैं. कुछ इस्लामिक विद्वानों का मानना है कि लड़की को पूरा शरीर बुर्के से ढका होना चाहिए तो वहीं कुछ अन्य विद्वानों का मानना है कि हाथों को और शरीर को छोड़कर ढकने वाला बुर्का होना चाहिए.
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बुर्का पहनने की कोई निश्चित उम्र नहीं है
इस्लाम के कुछ विद्वानों का मानना है कि बुर्का पहनने की कोई निश्चित उम्र तय नहीं है और इस्लाम धर्म में न ही कोई ऐसा नियम है कि किसी एक उम्र के बाद बुर्का पहनना अनिवार्य हो जाए या बुर्का पहनना बंद कर दिया जाए. इन मतों से हम ये कह सकते हैं कि बुर्का पहनना कोई धार्मिक चुनाव नहीं है बल्कि आप सामाजिक और व्यक्तिगत तौर पर इसका चुनाव कर सकती हैं. या फिर अपनी मान्यता और परिस्थितियों के मुताबिक इसे बदल सकते हैं.
बुर्के को लेकर क्या कहता है इस्लाम?
बुर्के को लेकर क्या कहता है कुरान? अगर हम इसपर बात करें तो कुरान की सूरह अन-नूर (24:31) और सूरह अल-अहज़ाब (33:59) में मुस्लिम लड़कियों और महिलाओं को इस बात की सलाह दी गई है कि वे अपने शरीर को ढक कर रखें. साधारण तरह के कपड़े पहने और इन आयतों में 'हिजाब', 'पर्दा' और 'जिलबाब' यानि कि कपड़े के ऊपर एक बाहरी वस्त्र जिससे पूरा शरीर ढका रहे. इन आयतों और सुरह को लेकर मुस्लिम धर्मगुरु कुछ ऐसे व्याख्या करते हैं कि मुस्लिम महिलाओं को अपने शरीर के कुछ हिस्सों जैसे सिर के बाल, सीना और शरीर को ढक कर रखना चाहिए.
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