Jitendra Awhad: सनातन को लेकर विवादित बयान देने वाला एनसीपी नेता जितेंद्र आव्हाड का नया बयान सामने आया है. अपने इस बयान में उन्होंने कहा कि मैं हिंदू लेकिन मुझे गर्व भी है. उन्होंने कहा कि हम बदलाव को स्वीकार नहीं करेंगे तो हम 5000 साल पीछे चले जाएंगे
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Jitendra Awhad New Statement Over Sanatan: सनातन धर्म को लेकर विवादित बयान देने वाले NCP-SP विधायक जितेंद्र आव्हाड ने अपने बयान पर सफाई दी है. उन्होंने अपने ताजा बयान में कहा,'मैं एक हिंदू हूं और हिंदू धर्म की कुरीतियों को जानता हूं लेकिन मुझे इस पर गर्व है क्योंकि यह बदलाव को स्वीकार करता है. अगर हम बदलाव को स्वीकार नहीं करेंगे तो हम 5000 साल पीछे चले जाएंगे, जहां छुआछूत थी और पीने के पानी और शिक्षा का अधिकार नहीं था.'
भारत को बर्बाद करने के पीछे सनातन धर्म बताने वाले जितेंद्र ने आगे कहा,'वो कौन लोग थे जिन्होंने हमें मंदिरों में जाने से रोका? वो कौन लोग थे जिन्होंने शिवाजी महाराज के 'राज्याभिषेक' को रोका? डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर को शिक्षा के लिए स्कूल जाने की अनुमति नहीं थी. आज भारत की 90 फीसद आबादी 'शूद्र' है. इतिहास हमें बताता है कि भारत में शूद्रों के साथ कैसा व्यवहार किया जाता था. आंबेडकर की वजह से ही हमारी महिलाएं घर से बाहर दिखाई देती हैं. महात्मा फुले की वजह से ही उन्हें शिक्षा मिल रही है. अगर 'मनु' (मनुस्मृति) हमारा संविधान होता तो ऐसा नियम लागू होता जिसमें संभोग की अनुमति होती और फिर उन महिलाओं को छोड़ दिया जाता. सनातन और हिंदू धर्म को भ्रमित नहीं किया जाना चाहिए.'
#WATCH | On his statement on Sanatan Dharma, NCP-SC leader Jitendra Awhad says, "I am a Hindu and I know the evil practices of Hinduism. But I am proud of it because it accepts change... We will go back 5000 years if we don't accept change, where there was untouchability and… pic.twitter.com/f7kze7828j
— ANI (@ANI) August 4, 2025
4 बार विधायक रहने वाले जितेंद्र आव्हाड ने पिछले दिनों कहा था,'सनातन धर्म ने भारत को बर्बाद कर दिया है. सनातन धर्म नाम का कोई धर्म कभी था ही नहीं. हम हिंदू धर्म के अनुयायी हैं.' उन्होंने आगे कहा कि सनातन धर्म ही छत्रपति शिवाजी महाराज को राज्याभिषेक से वंचित रखने और छत्रपति संभाजी महाराज को बदनाम करने के लिए जिम्मेदार है. आव्हाड ने समाज सुधारक ज्योतिराव फुले की हत्या की कोशिश का भी आरोप लगाया था.
बता दें कि जितेंद्र आव्हाड 2002 से लेकर 2008 तक विधान परिषद के सदस्य रहे हैं. इसके अलावा अगले साल यानी 2009 में उन्होंने विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की है. तब से लेकर वो अपनी इसी सीट से विधायक बनते आ रहे हैं.