Supreme Court News: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को उम्र कैद की सजा काट रहे कैदियों को लेकर बड़ा फैसला सुनाया और देशभर की विभिन्न जेलों में बंद ऐसे सभी कैदियों की तत्काल रिहाई का आदेश दिया जो कोर्ट की ओर से तय की गई निश्चित समयावधि की उम्रकैद की सजा पूरी कर चुके है.
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Supreme Court News: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को नीतीश कटारा मर्डर केस में आरोपी सुखदेव पहलवान की अर्जी पर सुनवाई करते हुए उम्र कैद की सजा काट रहे कैदियों को लेकर बड़ा फैसला सुनाया. सुप्रीम कोर्ट ने अपने अहम फैसले में देशभर की विभिन्न जेलों में बंद ऐसे सभी कैदियों की तत्काल रिहाई का आदेश दिया, जो कोर्ट की ओर से तय की गई निश्चित समयावधि की उम्रकैद की सजा पूरी कर चुके है.
सुप्रीम कोर्ट ने सजा पूरी होने के मामले में क्या-क्या कहा?
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) कहा कि अगर किसी व्यक्ति को कोर्ट से निश्चित समयावधि (मसलन 20 साल) की उम्रकैद की सजा हुई है तो वो उस अवधि की सजा जेल में काटने के बाद रिहाई का हकदार है. उसे सजा में छूट की उस प्रकिया (Remission) को अपनाने की जरूरत नहीं है, जो उम्र कैद की सजा पाने वाले दूसरे कैदियों के केस में होती है. बता दें कि अमनून उम्रकैद के मामलों में 14 साल की सजा काटने के बाद राज्य सरकार सजा में छूट का फैसला लेती है. सरकार रिव्यू बोर्ड और सजा सुनाने वाले ट्रायल कोर्ट के जज की सहमति के बाद ऐसा फैसला लेती है.
सुप्रीम कोर्ट ने क्यों सुनाया ऐसा फैसला?
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को नीतीश कटारा मर्डर केस में आरोपी सुखदेव पहलवान की अर्जी पर सुनवाई करते हुए ये फैसला सुनाया. याचिका में सुखदेव पहलवान का कहना था कि उसकी हाईकोर्ट की ओर से तय की गई 20 साल की सजा मार्च 2025 में पूरी हो गई है, लेकिन Sentence Review Board की मंजूरी न मिलने के चलते अब तक उसकी रिहाई नहीं हो पाई है. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 10 मार्च को सुखदेव पहलवान की रिहाई हो जानी चाहिए थी, लेकिन उसे अब तक जेल में रखा गया है. सजा पूरी होने के बाद उसे जेल में रखना गैरकानूनी है.