जिस प्रधानमंत्री ने खुले में शौच बंद कराने के लिए झोंक दी पूरी ताकत, उसी के प्रदेश में करोड़ों का टॉयलेट घोटाला, कहां गायब हो गए 1906 शौचालय?
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जिस प्रधानमंत्री ने खुले में शौच बंद कराने के लिए झोंक दी पूरी ताकत, उसी के प्रदेश में करोड़ों का टॉयलेट घोटाला, कहां गायब हो गए 1906 शौचालय?

Toilet scam: प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi) ने देशभर में स्वच्छ भारत मिशन चलाने के लिए खुद झाड़ू उठा ली. खुले में शौच की प्रथा को रोकने के लिए करोड़ों टॉयलेट बनवाकर, बहन-बेटियों की इज्जत का मान रखा. उन्हीं के घर से कुछ दूर 1906 टॉयलेट एक साथ गायब होने का खुलासा हुआ तो लोगों ने दांतों तले उंगलियां दबा ली.

टॉयलेट घोटाला (सांकेतिक तस्वीर)
टॉयलेट घोटाला (सांकेतिक तस्वीर)

Gujarat Toilet Scam: गुजरात में भ्रष्टाचार के एक से बढ़कर एक मामले लगातार सामने आ रहे हैं. खासकर भरूच की बात करें तो अभी 7.3 करोड़ रुपये के नरेगा घोटाले की आंच ठंडी भी नहीं पड़ी थी कि फौरन बाद टॉयलेट घोटाला सामने आ गया. भरूच जिले में जिस फ्राड रैकेट का भंडाफोड़ हुआ उसमें घरों में टॉयलेट बनाने के लिए सरकारी सहायता के लिए फर्जी आवेदनों के जरिए सरकारी खजाने को कम से कम 2 करोड़ रुपये का चूना लगाया गया.

आरटीआई से खुलासा

एक रिटायर्ड स्कूल टीचर प्रवीण मोदी ने सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत जानकारी मिलने के बाद इस घोटाले की खबर मीडिया तक पहुंचाई. उनको मिली जानकारी के मुताबिक अंकलेश्वर नगरपालिका से मैरिज सर्टिफिकेट प्राप्त करने के लिए जमा हुए दस्तावेजों का इस्तेमाल शौचालयों के लिए धन आवंटन के लिए आवेदन करने में किया गया था. मोदी ने कहा, 'इस घोटाले में 5 एजेंसियों और सरकारी अधिकारियों के शामिल होने की संभावना है'.

'भूतिया' टॉयलेट

टीओआई में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक,  ये घोटाला पीएम मोदी के साल 2014 में पहली बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने के कुछ समय बाद हुआ. साल 2014-2015 में गुजरात म्युनिसिपल फाइनेंस बोर्ड और अन्य सरकारी योजनाओं से धन हड़पने के लिए 'भूतिया' टॉयलेट बनाए गए थे.

मोदी ने बताया कि उन्होंने कुछ महीने पहले अंकलेश्वर नगरपालिका से आरटीआई के जरिए जानकारी मांगी थी, तब उन्हे ये जानकर हैरानी हुई कि बड़े घरों और बंगलों के मालिकों ने भी शौचालय बनाने के लिए सहायता राशि की मांग की. जब उन्होंने सब्सिडी लेने वालों से पूछा तब उन्हें पता चला कि उन लोगों ने सरकारी मदद पाने के लिए आवेदन तक नहीं किया था.

कैसे हड़पी सब्सिडी

नगरपालिका द्वारा दी गई जानकारी से पता चलता है कि लोगों के आधार कार्ड का इस्तेमाल करके ये सब्सिडी हड़पी गई. इस घोटाले में 'आनंद कादी ग्रामोद्योग ट्रस्ट', 'नवचेतना विकास ट्रस्ट', 'कामदार कल्याण मंडल', 'महात्मा गांधी ग्राम निर्माण ट्रस्ट' और 'वसुंधरा सार्वजनिक ट्रस्ट' का नाम सामने आ रहा है जिन्होंने लोगों के घरों में कुल 1906 टॉयलेट बनवाए थे. जबकि इनमें से कई शौचालय कभी बने ही नहीं. अब मोदी ने मुख्यमंत्री, कलेक्टर, डीएसपी और सतर्कता विभाग में शिकायत करने की बात कही है.

F&Q

सवाल- पीएम मोदी प्रधानमंत्री कब बने?
जवाब-
2014 में. 

सवाल- स्वच्छ भारत अभियान के ब्रांड एंबैसडर कौन है?
जवाब- 
बिग बॉस फेम संग्राम सिंह, भावेष पाण्डेय, भूमि पेडनेकर, अक्षय कुमार, विद्या बालन समेत कई लोगों ने राष्ट्रीय स्तर पर और राज्य स्तर पर इस अभियान को सफल बनाने में ब्रांड एंबैसडर की भूमिका निभाई है.

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