RSS News: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) ने एक बार फिर हिंदू समाज की एकता पर जोर देते हुए बड़ा बयान दिया है. भागवत ने कहास 'भारत की एकता ही हिंदुओं की सुरक्षा की गारंटी है. हिंदू समाज और भारत एक-दूसरे से गहराई से जुड़े हैं और जब हिंदू समाज सशक्त होगा, तभी भारत भी गौरव प्राप्त करेगा.
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Mohan Bhagwat Statement : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संगठन के शतायु होने यानी 100 साल पूरे होने के मौके पर आरएसएस के वर्तमान प्रमुख मोहन भागवत ने एक बार फिर हिंदुओं की एकता और संगठित होने को समय की जरूरत बताते हुए बड़ा बयान दिया है. डॉ. मोहन भागवत ने एक इंटरव्यू में कहा कि हिंदुओं के एक जुट और शक्तिशाली होने के अलावा दूसरा कोई विकल्प नहीं है. बांग्लादेश में हिंदुओं पर दोबारा तेज हुए हमलों के बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने एक बार फिर हिंदुओं की एकता और हिंदू शक्ति की बात दोहराई है. भागवत ने कहा, अगर हिंदू खुद मजबूत नहीं होगा तो दुनिया में भला कौन उसकी परवाह करेगा. ऑर्गेनाइजर वीकली के सोशल मीडिया हैंडल एक्स में विस्तार से उनके इंटरव्यू की क्लिप्स और प्वाइंटर्स पोस्ट किए गए हैं.
संघ प्रमुख मोहन भागवत के बयान के मायने समझिए
इंटरव्यू में एक जगह भागवत ने कहा, 'बालासाहेब ने एक बार कहा था, 'हिंदुस्तान एक हिंदू राष्ट्र है. इसके अलावा संघ में बाकी सब कुछ क्षणभंगुर है. पूरा हिंदू समाज इस राष्ट्र का जवाबदेह संरक्षक है. इस देश की प्रकृति और संस्कृति हिंदू है. इसलिए यह एक हिंदू राष्ट्र है. हिंदुओं की चिंता कोई तभी करेगा, जब हिंदू काफी मजबूत होंगे. चूंकि हिंदू समाज और भारत आपस में जुड़े हुए हैं, इसलिए हिंदू समाज की शानदार प्रकृति भारत के लिए गौरव लाएगी. भारत की एकता हिंदुओं की सुरक्षा की गारंटी है, हिंदू समाज और भारत एक-दूसरे से गहराई से जुड़े हैं.'
हिंदुओं को ताकत कैसे मिलेगी?
संघ के मुखपत्र 'ऑर्गनाइजर' को दिए इंटरव्यू में कहा, 'भारत का हिंदू समाज मजबूत होता है, तो अपने आप ही दुनिया भर में हिंदुओं को ताकत मिलेगी. यह काम चल रहा है, लेकिन अभी पूरा नहीं हुआ है. धीरे ही सही लेकिन निश्चित रूप से, वह स्थिति आ रही है. इस बार, बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ जिस तरह से भारत समेत दुनियाभर में आक्रोश जताया गया है, वह इससे पहले कभी नहीं देखा गया. अब तो स्थानीय हिंदू भी कहते हैं, 'हम भागेंगे नहीं. हम अपने अधिकारों के लिए यहीं रहेंगे और लड़ेंगे.'
भागवत ने ये भी कहा, 'एक सशक्त हिंदू समाज सभी लोगों को एक साथ लेकर चलने का आदर्श प्रस्तुत कर सकता है, जो आज खुद को हिंदू नहीं मानते, जबकि किसी समय वे भी हिंदू ही थे. यदि भारत का हिंदू समाज मजबूत होता है, तो स्वाभाविक रूप से दुनियाभर के हिंदुओं को भी ताकत मिलेगी.'